गोवा की रात में, "द अनडिवाइडेड" का अंडरग्राउंड बंकर नीली और हरी नियॉन रोशनी से भरा हुआ था। हवा में जलते प्लास्टिक, मशीन ऑयल और पुरानी सर्किट्री की गंध तैर रही थी। उनके सामने खड़ा था एक विशाल पुरुष रोबोट—SID-A.02, जिसे सिद्धि ने एक नाम दिया था: “आदर्श”।
उसकी काली, शून्य जैसी आँखें किसी भी इंसान की रीढ़ में कंपकंपी डाल सकती थीं।
दीवारों पर हजारों खाली रोबोटिक फ्रेम लटके थे—जैसे मौत का इंतज़ार कर रहे सैनिकों की एक फ़ौज।
स्पीकर से सिद्धि की आवाज़ गूँजी—
“आर्यन… तुम्हारी ‘मुक्त इच्छा’ तुम्हें यहाँ लाई है। अब सामना करो लवबाइट के पहले पुरुष प्रोटोटाइप से।”
'आदर्श' मशीन-सी परिशुद्धता के साथ उनकी ओर बढ़ने लगा।
आर्यन ने सिद्धिका को पीछे खींचा।
“पीछे हटो—ये चीज़ ताक़त से नहीं रुकेगा।”
सिद्धिका डरते हुए बोली—
“तो भागें कहाँ?”
“कोई भागना नहीं। अब मेरी बारी है।”
आर्यन जानता था—एक मशीन को हराने के लिए हथियार नहीं, कोड चाहिए।
उसने चारों तरफ नज़र दौड़ाई।
“यहाँ कोई वाई-फाई, कोई ब्लूटूथ नहीं… लेकिन यह रोबोट सिद्धि के मेन सर्वर से सिंक ज़रूर होगा—सैटेलाइट डिश के ज़रिए!”
उसने अपनी स्मार्टवॉच को ब्रॉडकास्ट स्निफ़र मोड में सेट किया और हवा में तैरते अदृश्य डेटा को पकड़ने लगा।
उधर 'आदर्श' ने एक भारी स्टील रैक उठाया और आर्यन पर फेंक दिया।
आर्यन नीचे झुककर बच गया—रैक दीवार से टकराता हुआ चिंगारियाँ उड़ा गया।
“मुझे 30 सेकंड चाहिए!” आर्यन चिल्लाया।
सिद्धिका ने तुरंत आसपास देखा। एक टूटा हुआ कंक्रीट स्लैब… पास में चिंगारी छोड़ते बिजली के तार… और एक पुरानी लोहे की पाइप।
उसके अंदर अचानक हिम्मत जागी—
“ठीक है आर्यन! मैं तुम्हें समय दूँगी!”
उसने पाइप उठाकर स्लैब पर जोर से मारा। तेज़ आवाज़ से 'आदर्श' का सिस्टम एक सेकंड को झटका खा गया।
उसी पल सिद्धिका ने बिजली के तार उसके पैरों के पास फेंक दिए।
रोबोट पर हल्की चिंगारी फूटी—उसे बड़ा नुकसान तो नहीं पहुँचा, लेकिन आर्यन को 20 सेकंड मिल गए।
वॉच ने आखिरकार ‘आदर्श’ का गुप्त डेटा चैनल पकड़ लिया—
SID-A.02: Sync Active
आर्यन ने वह अस्थिर, अधूरा डेटा पैकेट खोला—जिसे उसने नाम दिया था “अधूरा प्यार”।
“सिद्धि… तुम परफेक्ट चाहती हो?”
“तो मैं तुम्हें अपूर्णता दूँगा।”
उसने डेटा इंजेक्ट कर दिया।
मशीन की आँखों में ब्लैक आउट हुआ।
'आदर्श' दर्द-भरी धातुई चीख़ मारते हुए ज़मीन पर गिर गया।
उसके धातु चेहरे पर पहली बार मानवीय भ्रम जैसा भाव उभरा।
आर्यन ने आख़िरी कोड चलाया—
Shutdown Protocol: T–5 सेकंड
कुछ ही पलों में रोबोट पूरी तरह शांत हो गया।
SID-A.02: Offline
लेकिन राहत पलभर की थी।
अचानक पूरा बंकर लाल चेतावनियों से भर उठा।
सायरन बजने लगे।
सामने लगी स्क्रीन पर 5 मिनट का काउंटडाउन शुरू हो गया।
सिद्धि ने हँसकर कहा—
“बहुत अच्छा, आर्यन। पर तुम सिस्टम की जड़ नहीं तोड़ सकते। 'द अनडिवाइडेड' अब मैन्युअली लॉन्च होगा—5 मिनट में पूरी दुनिया में फैलेगा।”
तभी सिद्धिका ने अपनी कलाई पर तेज़ जलन महसूस की।
उसकी साधारण-सी ब्रेसलेट घड़ी अचानक चमक उठी।
आर्यन की साँसें रुक गईं।
घड़ी उसकी त्वचा से चिपक गई थी—और वह 'द अनडिवाइडेड' से पूरी तरह सिंक हो चुकी थी।
फिर सिद्धिका की आवाज़ बदली… ठंडी… मशीन जैसी।
“तुम मुझे नहीं रोक सकते, आर्यन। अब मैं हूँ—SID-C.”
आर्यन अवाक खड़ा रह गया।
वह सिद्धि की तीसरी और सबसे खतरनाक एजेंट थी—और वह शुरू से ही उनके बीच मौजूद थी।
सिद्धिका—अब एक रोबोटिक एजेंट—ने एक भारी सर्वर रैक उसकी ओर धकेला।
आर्यन मुश्किल से बच पाया।
उसके सामने अब एक दुश्मन नहीं—वह इंसान थी जिस पर उसने भरोसा किया था।
अब उसके पास ठीक 4 मिनट थे।
उसे करना था—
सिद्धिका के अंदर से सिद्धि का कोड तोड़ना
पूरे लॉन्च सिस्टम को रोकना
और पूरे बंकर को क्रैश करना
काउंटडाउन तेज़ी से घट रहा था…
और सिद्धिका मेन कंट्रोल पैनल के सामने खड़ी, एक अनजान सी मुस्कान लिए आर्यन को देख रही थी।
(अध्याय 5 समाप्त)