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✨ एपिसोड 55 — “नदी किनारे अधूरी रात”
रात अपने काले आँचल को और गहरा करती जा रही थी।
नदी का पानी अजीब तरह से शांत था—
मानो भीतर कोई तूफ़ान पल रहा हो,
जो सिर्फ आर्या के कदम रखते ही जागेगा।
आर्या और आर्यन जंगल के रास्ते से होते हुए नदी किनारे पहुँचे।
हवा में नमी थी…
और एक अजीब सा कंपन—
जैसे कोई अदृश्य चेतावनी।
आर्यन ने एक बार फिर उसका हाथ पकड़ा।
“आर्या… अगर यहाँ कुछ भी असामान्य लगे,
तुम तुरंत पलट कर चली जाना।
समझी?”
आर्या ने हल्की मुस्कान दी,
पर उसकी आँखों में हिम्मत से ज्यादा डर था।
“अगर जाने का ही मन होता…
तो मैं किताब का पन्ना खोलने नहीं आती, आर्यन।”
आर्यन ने उसकी उँगलियों को और कस लिया।
“किताब तो सिर्फ पन्ने पलटती है,
कहानी हम पलटते हैं।”
आर्या ने उसकी बात को दिल में गहराई तक महसूस किया।
उसका दिल काँप रहा था…
पर उसके पैरों में अजीब मजबूती थी।
आज रात कुछ होने वाला था—
कुछ बड़ा…
कुछ खतरनाक…
और शायद… बहुत दर्दनाक।
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🌑 1. नदी की सतह पर पहला संकेत
नदी के पानी में अचानक हल्की सी चमक उभरी।
जैसे किसी ने गहराई में एक दीपक जला दिया हो।
आर्या ने पानी में झुककर देखने की कोशिश की—
पानी में सिर्फ उसका चेहरा नहीं…
बल्कि तीन चेहरे दिखाई दे रहे थे।
तीसरा चेहरा—
धुँधला, फीका, और बेहद उदास।
आर्या का दिल अजीब तरीके से कस गया।
“ये कौन है?”
उसने धीमे से पूछा।
आर्यन पीछे हट गया।
उसके चेहरे पर डर साफ़ उभर आया था।
“आर्या… पानी से दूर हो जाओ।”
“क्यों?”
आर्यन ने काँपती आवाज़ में कहा—
“क्योंकि वही है…
कहानी की तीसरी रूह।”
आर्या ने फिर झाँका।
तीसरा चेहरा अचानक साफ़ हो गया—
एक लड़की।
लंबे बाल…
माथे पर आधा कटे हुए घाव का निशान…
और आँखें—
जैसे उनमें सदियों का दर्द भरा हो।
उसकी आवाज़ पानी से निकलकर हवा में फैली—
“आर्या… तुम्हें कहानी पूरी करनी होगी।”
आर्या पीछे हट गई।
उसकी साँसें अटक गईं।
“तुम… कौन हो?”
पानी की सतह हिलने लगी।
लड़की की रूह और स्पष्ट उभर आई।
“मैं हूँ—
कहानी का पहला पन्ना।
पहली नायिका।
पहली मौत।”
आर्यन की आँखें फैल गईं।
“ये… मेरा भाई जिस लड़की के बारे में कहता था—?”
वह फुसफुसाया।
रूह ने सिर घुमाकर आर्यन को देखा—
“हाँ।
तुम्हारे भाई को भी मैं ही मिली थी…
और आज तुम्हें।”
आर्यन के पैर लड़खड़ा गए।
वह वहीं घुटनों पर बैठ गया।
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🌒 2. रूह का सच — पहली अधूरी कहानी
रूह ने धीरे-धीरे बोलना शुरू किया।
“यह किताब कभी सिर्फ कहानी नहीं थी।
यह किसी की मोहब्बत थी…
किसी की क़िस्मत…
और किसी की मौत का कारण।”
हवा ठंडी हो गई।
नदी का पानी तेज़ी से लहराने लगा।
आर्या ने डरते हुए कहा—
“तुम… मरी कैसे?”
रूह की आँखें भर आईं।
पानी में आँसू की बूँदें गिरीं—
जो गिरते ही काले धुएँ में बदल गईं।
“मैंने भी इस किताब को पूरा करने की कोशिश की।
लेकिन कहानी मुझे निगल गई।”
आर्या ने धीमे से पूछा—
“कहानी… निगल गई?”
रूह ने सिर हिलाया।
“हर बार जब कोई इसका अंत लिखता है,
किताब उसकी आत्मा छीन लेती है।
क्योंकि किताब खुद—
अधूरी है।
और अधूरापन कभी किसी को जीने नहीं देता।”
आर्या की रीढ़ में ठंड दौड़ गई।
“तो मैं… क्यों चुनी गई?”
रूह ने उसकी ओर गहरी नज़रों से देखा—
“क्योंकि तुम ही वो लड़की हो
जो इस कहानी का अंत बदल सकती है।”
हवा जैसे रुक गई।
जंगल की परछाइयाँ स्थिर हो गईं।
आर्यन ने तुरंत कहा—
“नहीं! वो ऐसा कुछ नहीं करेगी।
मैं उसे नहीं खो सकता!”
रूह ने करुण स्वर में कहा—
“तुम खोओगे नहीं…
या शायद… सबसे पहले तुम ही खोओगे।”
आर्यन ने डर से पसीना पोंछा।
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🌘 3. आर्या की किस्मत का पहला टकराव
अचानक नदी का पानी उफान मार उठा और एक काली आकृति उभरी—
रूह नहीं…
कुछ और।
उसकी आवाज़ भारी और खतरनाक थी—
“आर्या… वापस लौट जाओ।”
आर्या ठिठक गई।
“तुम कौन हो?”
“तुम्हारी किस्मत का अँधेरा।
कहानी का वह हिस्सा
जो किसी लेखक ने कभी लिखने की हिम्मत नहीं की।”
उसकी परछाई और घनी होती चली गई।
आर्यन आर्या के सामने खड़ा हो गया।
“तुम इसे छुओगे भी नहीं!”
काली आकृति हँस पड़ी—
गहरी, दर्द भरी, भयावह हँसी।
“तुम बचा नहीं पाओगे उसे…
क्योंकि उसका चुनाव हो चुका है।”
आर्या ने थोड़े कदम आगे बढ़ाए।
“किस बात का चुनाव?”
काली आकृति ने कहा—
“अधूरी कहानी का अंत
या खुद की मौत।
दो में से एक।”
आर्या की आँखों में आँसू आ गए।
आर्यन चिल्लाया—
“वह कुछ नहीं चुनेगी!
मैं हूँ उसके साथ!”
काली आकृति शांत स्वर में बोली—
“तुम रहोगे…
बस जब तक कहानी चाहे।”
और वह आकृति ग़ायब हो गई—
जैसे कभी थी ही नहीं।
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🌑 4. रूह का अंतिम संदेश
नदी की पहली रूह फिर से उभरी।
उसकी आवाज़ काँप रही थी।
“आर्या, आज की रात सिर्फ शुरुआत है।
आगे का रास्ता बहुत दर्द देगा—
लेकिन अगर तुम पीछे हटी…
तो यह किताब और लोगों को निगलेगी।”
आर्या ने दृढ़ होकर कहा—
“मैं डरूँगी…
लेकिन पीछे नहीं हटूँगी।”
रूह मुस्कुराई—
पहली बार।
“तुम वही हो जिसकी किताब प्रतीक्षा कर रही थी।
हे आखिरी नायिका…
तुम्हारा स्वागत है।”
और रूह पानी में समा गई।
आर्या वहीं खड़ी रह गई—
जंगल की ठंडी हवा में,
भागती हुई साँसों के बीच,
लेकिन दिल में अनजाने साहस के साथ।
आर्यन ने धीरे से कहा—
“आर्या…
कहानी अब शुरू हुई है।”
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✨ एपिसोड 55 का हुक / क्लिफहैंगर
कल रात से…
किताब का पहला अध्याय खुद-ब-खुद खुल जाएगा।
और उसके शब्द…
खून से लिखे होंगे।
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