That Dreadful Night - 6 in Hindi Horror Stories by Khushwant Singh books and stories PDF | वो खोफनाक रात - 6

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वो खोफनाक रात - 6

पिछली कहानी में पढ़ा कि अनीशा लक्षिता और लावन्या को कॉल करके ट्रिप के बारे में पूछती हैं। 

अब आगे......

    लक्षिता और लावन्या ने अनीशा को ट्रिप पर जाने के लिए हाँ तो बोल दिया था पर उनके मन में डर और ज्यादा बढ़ गया था।

अगले दिन......

लक्षिता ट्रिप की तैयारी करने में जुटी हुई थी पर अभी भी उसके मन में कही न कही एक डर था इस ट्रिप को लेकर।

तभी वो कुछ सोचते हुए लावन्या को कॉल करती हैं। लावन्या- हाँ लक्षिता।

लक्षिता-यार लावन्या, हम लोगों ने अनीशा को हाँ तो बोल दिया हैं कि हम ट्रिप पर आयेंगे पर मेरा मन बिल्कुल नहीं मान रहा हैं जाने को।

लावन्या-मेरा भी यही हाल हैं यार। मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा हैं। हम लोग मना करदे क्या की हम नहीं आ पाएंगे।

लक्षिता-हम मना तो कर देंगे पर अगर किसी ने कारण पूछा तो??? तो हम क्या कहेंगे???

लावन्या- अरे यार ! ये भी दिक्कत हैं।

लक्षिता- अब तो हमारे पास में एक ही ऑप्शन हैं......

तब लावन्या उत्सुकता से बोलती हैं- क्या???

लक्षिता- हमे जाना ही पड़ेगा ट्रिप पर। और कोई रास्ता नहीं हैं।

 ये सुनकर लावन्या थोड़ी उदास हो जाती हैं।

तब लावन्या बोलती हैं- चल ठीक हैं, अब यही सही। तू भी करले तैयारी मैं भी करती हूँ तैयारी।

यह कहकर लावन्या फोन कट कर देती हैं।और वे दोनों अपनी पैकिंग करने लग जाती हैं।

अगली सुबह...... 

लक्षिता और लावन्या के फोन पर मैसेज आता हैं कि उन्हें 12 बजे तक कॉलेज पहुंचना हैं। लक्षिता सुबह तैयार होकर 10 बजे लावन्या के घर पहुंच जाती हैं। लावन्या अपने कमरे में तैयार हो रही होती हैं। तब लक्षिता उसके पास जाती हैं।

लावन्या- लक्षिता, तू कब आई??

लक्षिता- बस अभी आई हूं।

लावन्या- यार लक्षिता मेरा तो बिल्कुल मन नहीं हैं ट्रिप पर जाने का ।

लक्षिता- मन तो मेरा भी नहीं हैं  पर जाना पड़ेगा यार वरना अनीशा हजार सवाल करेगी और हमारे पास उसके सवालों के जवाब नहीं हैं।

लावन्या ये सुनकर थोड़ी उदास हो जाती हैं और कुछ सोचने लग जाती हैं और तभी अचानक ही उसके चेहरे पर एक स्माइल आ जाती हैं। जिसे देखकर लक्षिता उससे पूछती हैं- तू हँस क्यों रही हैं? 

लावन्या- हम अनीशा को डायरेक्ट मना तो नहीं कर सकते ट्रिप पर जाने के लिए तो कियाे न कोई अच्छा बहाना ही बता दे उसे इससे हम ट्रिप पर जाने से भी बच जायेगी और उसके सवाल भी नहीं सुनने पड़ेंगे। 

लक्षिता- आईडिया तो अच्छा हैं लेकिन हम उसको बोलेंगे क्या?

लावन्या- वेट एंड वॉच.....

तब लावन्या अनीशा को कॉल लगाती हैं और फोन स्पीकर पर करते हुए थोड़े उदास स्वर में बोलती हैं- हेलो अनीशा। 

तब अनीशा- हां लावन्या, बोलो।

लावन्या- अनीशा मैं और लक्षिता ट्रिप पर नहीं आ सकेंगे।

अनीशा- लेकिन क्यों?? क्या हुआ?? कल तो तुम लोगों ने बोला था कि तुम लोग आओगे और अभी मना कर रही हो।

लावन्या- हाँ हमने बोला था पर वो मेरे पापा की तबियत बहुत खराब हो गई हैं इसलिए हम उनको हॉस्पिटल ले जा रहे हैं और लक्षिता भी मेरे साथ आ रही हैं।

अनीशा- ठीक हैं तो फिर तुम लोग मत आओ।

ये कहकर अनीशा फोन कट कर देती हैं। 

ये सुनकर लावन्या और लक्षिता बहुत खुश होती हैं और नाचने लगती हैं कि तभी उनकी नजर लावणन्या के कमरे के गेट पर जाती हैं..........