अपने छोटे की यह हालात देखकर वनराज को ऐसा लग रहा था कोई उसे नुकेली चाबूक से मार रहा हो।
और वैसे भी वनराज ने शिवाय से उस दिन से बात करना बंद कर दिया था जिसकी वजह से वनराज को और भी ज्यादा दर्द (गिल्ट) हो रहा था।
तो वही कार्तिक की गुस्सा नाराजगी गायब हो गई थी उसे अब शिवाय की टेंशन हो रही थी।
अब आगे
इंडिया, दिल्ली।
Kapadia mention
मेघा वनराज को थप्पड़ मारती है जिसे देखकर वहां पर खड़े सभी लोगों की आंखें फटी की फटी रह जाती है।
तो वही वनराज को कुछ समझ नहीं आया था ,कि अभी एक पल में उसके साथ क्या हो गया है।
लेकिन जैसे ही उसे अपने गाल पर जलन महसूस होती है तो वह गुस्से से आग-बबूला होता है।
जिसकी वजह से उसकी आंखें सुर्ख लाल होता है।
जिसको देखकर मेघा एक पल के लिए डर जाती है पर हिम्मत कर कहती है "यू बदतमीज चीपो कही के हाउ डेयर यू टू किडनैप मी । मुझे ऐसी वैसी लड़की समझा है,क्या? जो तुम्हारी इस हरकत पर बिचारी अबला नारी बनकर तुम से छुटने के लिए गिड़गिड़ा आऊंगी,,
यू जर्क ,डोंकी, डर्टी फेलो , मैंने कल तुम से कॉलेज में अपनी बदतमीजी के लिए माफी मांगी थी ना यहां तक की मैं तुमसे कहा था कि तुम मुझे एक थप्पड़ के बदले एक थप्पड़ मार सकते हो?
वह इतना कहकर लंबी सांस लेती है और ताली बजाते हुए बात को आगे बढ़ाती है।
"कल बड़े महान बनकर तुमने कहा कि जो हुआ वह जाने अनजाने में हुआ है तुम इस बात को अपने इगो पर नहीं लोगे।
मगर आज देखो तुमने मुझे किडनैप करके रखा है? यू liar, egoist person पर तुम भूल रहे हो तुम्हारा पाला कोई ऐसी वैसी लड़की से नहीं मेगा डा डॉन से हुआ है जो तुम्हें एकी मुट्ठी में धूल चाका देगी।
मेघा यह सारी बातें गुस्से से बोल रही थी और आखिरी की लाइन बोलते वक्त वह वनराज को घूरते हुए अपनी मिट्टी को दिखाते हुए अपनी मुट्ठी पर फूंक मरती है।
मेघा की बात सुनकर वनराज गुस्से की बजाय कंफ्यूज हो गया। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि यह मेघा तब से क्या अनाप-शनाप बोल रही है।
मेघा की यह बदतमीजी देखकर वहां पर खड़े सभी लोग गुस्से में आ जाते हैं।
यह बदतमीज लड़की पहले उनके बेटे पर हाथ उठाती है ,अब उनके बेटे पर बेबूनीयात इल्ज़ाम लगाती है।
अगर यह बदतमीज लड़की का रिश्ता उनकी बहू से नहीं होता तो , वह यह लड़की के इतनी बदतमीजी अब तक बर्दाश्त नहीं करते गार्ड से कहकर इस लड़की को बाहर फेंकवा देते।
जो रुचिता अब तक सदमे में थी वह होश में आती है और मेगा की तरफ बढ़ जाती है।
रुचिता मेघा को अपनी तरफ पलट कर उसको अपने गले लगाती है। इस समय में रुचिता के आंखों में आंसू थे। जिसे देखकर वनराज मूटी बांध लेता है।
मेघा खुद को खींचकर किसी के गले लगते देखकर हैरान हो जाती है, पर ये स्पर्श उसे जानी-पहचानी सी फीलिंग देता है, इसलिए वो ज्यादा रिएक्ट नहीं करती।
मेगा धीरे से उसे इंसान से अलग होती है तो वह अपने सामने रुचिता को खड़े देखकर खुश होती है और उसे गले लगाते हुए कहती है
"रुचि डार्लिंग ! मुझे लगा कि आज के बाद मैं तुम्हें कभी नहीं देख पाऊंगी ,,
इतना बोलकर वह खुश होते हुए एक बार फिर से रुचिता के गले लगती है।
लेकिन उसे कुछ याद आता है और वह रुचिता से अलग होकर उसके पूरे चेहरे को शरीर को अच्छे से देखती है । वह रुचिता को कभी गोल घूमाती है। तो कभी दाए और बाए ।
जब मेगा रुचिता के शरीर पर कोई चोट नहीं देखती है तो वह एक राहत की सांस लेती है और रुचिता के माथे को चूम लेती है।
भगवान का लाख-लाख शुक्र है ,डार्लिंग ! तुम्हें कुछ नहीं हुआ है। वरना मैं खुद को कभी माफ नहीं कर पाती इतना बोलकर वह रुचिता को अपने पीछे करती है।
इस समय मेघा ,वनराज और रुचिता के बीच में खड़ी थी। वह वनराज को ऐसे घूर रही थी जैसे उसका बस चले तो अभी वह वनराज का खून कर दे।
तो वही बाकी सब वहां भूत बनकर यह तमाशा देख रहे थे कोई फिक्र में देख रहा था -तो कोई इस तमाशा का मजा ले रहा था।
मेगा वनराज के सामने अपनी उंगली करते हुए बड़े एटीट्यूड के साथ बोलती है (मेगा क्या आंखों में घुसा था पर साथ में वह किसी प्रोटेक्टर की तरह रुचिता को बचाने की कोशिश कर रही थी)
देखिए मिस्टर एगोइस्ट ,लायार , सीनीयर मैंने आपसे पहले भी अपनी हरकत पर सफाई दया था।
अभी फिर से एक बार और सफाई देता हूं (देखिए मैंने आपको थप्पड़ जानबूझकर नहीं मारा था मुझे लगा कि आप वह लड़के हो जिसने मेरी डार्लिंग को छेड़ा था ।
वह बस एक गलतफहमी थी ,अगर आपको मेरे थप्पड़ का इतना ही बुरा लगा तो आपने मुझे वापस तभी थप्पड़ क्यों नहीं मारा जब मैं आपसे कहा था कि आप मेरे थप्पड़ के बदले थप्पड़ मार सकते हो।
तब नहीं कहा तो ठीक है लेकिन आपको उसे थप्पड़ का बदला लेना था तो सिर्फ मुझसे लेते मेरी डार्लिंग को बीच में क्यों लाए हो?
वह इतना बोलकर गहरी गहरी सांस लेती है।
क्योंकि वह अभी होश में आई थी जिसकी वजह से वह ज्यादा नहीं बोल पा रही थी वह हर दूसरे वाक्य बोलते समय सास को लंबी-लंबी खिंच रही थी।
देखिए आपको बदला लेना है तो ले लीजिए मैं भी यही खड़ी हूं पर इसमें मेरी डार्लिंग की कोई गलती नहीं है तो प्लीज इसे यहां से जाने दीजिए इतना बोल ही रही थी कि वह अचानक से गिरने को होती है।
मगर वक्त रहते ही रुचिता उसे संभालती है और उसे बेड पर बिठाकर पानी का गिलास देती हैं। वह और बाकी सब तो असमंजस में थे कि या लड़की यानी मेगा जब से होश मे आई है कुछ ना कुछ अजीब सी बकवास कर रही है।
तो वही वनराज और रुचिता को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर क्यों मेघा कॉलेज की पुरानी बातें कर रही है।
इसी तमाशे के बीच कार्तिक को दुर्गा की कॉल आ रही थी मगर वह नाराजगी के चलते उसके कॉल को पूरी तरह से इग्नोर कर देता है।
रुचिता मेघा के पानी पीते ही उसके सामने घुटनों के बल बैठकर उसे पूछती है"मेघा तुम यह 10 साल पुरानी बातें क्यों कर रही हो?
अब इन बातों का कोई मतलब नहीं है और ऊपर से तुम मुझे मेरे ही पति से बचाने की बात क्यों कर रही हो?,,
रुचिता की बात मेगा को समझ नहीं आती है वह ना समझी में कहती है" क्या कह रही हो तुम? बेहोश! मैं हुई हूं लेकिन ,बकवास तुम कर रही हो 10 साल पुरानी बात कौन सी, यह तो कल ही कॉलेज में हुआ था।
और तुम इस एगोइस्ट सीनीयार को अपना पति क्यों कह रही हो?
इतना बोलकर वह रुचिता के सर को अच्छे से देखती है।
तुम्हारे सर पर तो कोई चोट नहीं लगी है फिर तुम यह बाहकी-बाहकी सी बातें क्यों कर रही हो?
मेघा की बात सुनकर अब रुचिता का सर चकरा रहा था।
तभी मेगा की नजर रुचिता के मांग में सजी सिंदूर, गले में मंगलसूत्र ,पीली साड़ी ,हाथों में चूड़ियां, पैरों में पहनी हुई पायल और बिछियो पर जाती है।
जिसे देखकर मेघा एक पल के लिए हैरान परेशान रह जाती है उसकी आंखें बड़ी-बड़ी होती है और मुंह खुला का खुला रहता है।
उसकी यह नजर देखकर रुचिता परेशान हो जाती है उसे समझ नहीं आ रहा था कि मेघा उसे ऐसा क्यों देख रही है?
तभी उसके कानों में मेरा की जोर-जोर से हंसने की आवाज गूंजती है जिसे ना समझी में उसकी तरफ देखती है?
डार्लिंग ,डार्लिंग 😂😂😂 तुम यूं भेनजी की तरह क्यों तैयार हुई हो? आई मीन मैं जानती हूं कि तुम्हारे अंदर सन 1930 की आत्मा है ।
इसका मतलब यह नहीं कि साबित करने के लिए तुम उन लोगों की तरह क्यों तैयार हुई हो और यह मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र क्यों पहना है?
तुम मुझे अभी किसी टीवी सीरियल की बहु लग रही हो।
तभी मेघा की कानों में खुशी जी की आवाज पड़ती है।
यह बदतमीज लड़की जब से होश में आई है तब से कुछ ना कुछ अनाप-शब ही बोल रही है।
इस लड़की की हिम्मत देखो जिसे इस लड़की को सड़क पर मरने से बचाया, उसी को थप्पड़ मारती है।
और मेरे पोता बहु से यह पूछने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई की वह मंगलसूत्र और सिंदूर क्यों पहना है?
दुनिया में इतने सारे लोग देखे हैं पर तुम जैसी एहसान फरामोश इंसान मैंने आज तक नहीं देखा है इतना बोलकर खुशी जी तोबा तोबा करती है।
उनकी आवाज सुनकर मेघा एक नजर उन्हें देखते हैं फिर उनके पीछे बाकी लोगों को देखती है अब तक उसने अपनी नजरों को वनराज और रुचिता के अलावा किसी पर नहीं डाला था जिसकी वजह से उसे नहीं पता था कि उन तीनों के अलावा भी वहां पर और भी लोग है।
तभी उसकी नजर कैलेंडर पर पड़ती है जिसमें अक्टूबर 2025 का तारीख बता रहा था। वह कैलेंडर के पास जाती है और उसे तारीख को अच्छे से देखने लगती है।
डार्लिंग आज तो जुलाई 30 2014 है ना फिर इसका कैलेंडर में 2025 क्यों लिखा है?
इतना बोलकर वह वह कुछ याद करने लगती है पर उसे कुछ नहीं याद आता जिसकी वजह से वह अपने दिमाग पर प्रेशर को जेल नहीं पाती है और बेहोश होकर गिर जाती है।
उसे बेहोश होकर गिरते देखकर रुचिता की जान हलक में अटक थी है,वह चिल्ला कर मेघा के पास जाती है और उसे होश में लाने की कोशिश करती है।
पर मेगा तो होश में नहीं आती है। तो एक बॉडीगार्ड मेगा के करीब आता है और उसे उठाकर बेड पर लीटा देता है तो वहीं दूसरी तरफ रुचिता वनराज को देखते हुए चिल्लाती है डॉक्टर को बुलाए प्लीज, यह फिर से बेहोश क्यों हुई है इतने दिन बाद तो इसे होश आया है प्लीज डॉक्टर को बुलायीए। इतना बोलकर वह रोने लगती है।
कार्तिक यह सब किसी रोबोट की तरह देख रहा था तभी उसके कानों में अरनव जी की आवाज पड़ती है "बरखुरदार ,अपने डॉक्टर की डिग्री फैशन के लिए लिया है क्या?,,
उनकी आवाज सुनकर कार्तिक होश में आता है और झट से मेघा के करीब जाकर उसके पल्स को चेक करता है। फिर उसकी आंखों को देखा है।
उसके बाद वह बाकी सब को देखा है तो वही रुचिता कार्तिक को बढ़िया आशा के साथ देख रही थी।
तो कार्तिक रुचिता को देखते हुए कहता है भाभी परेशान मत हुई है यह स्ट्रास और थकान की वजह से बेहोश हुई है?
तो तभी एक और डॉक्टर आता है जिसके हाथों में डॉक्टर की प्रोफेशनल किट था। इसे देखकर कार्तिक मेघा से दूर हो जाता है।
यह डॉक्टर मेघा का डॉक्टर था जब से मेरा कपाड़िया हाउस में आई थी तब से यही डॉक्टर मेघा क्लास दिल्ली चेकअप करता था।
वह डॉक्टर सभी से कहता है क्या आप सब लोग बाहर जा सकते हो मुझे पेशेंट को चेक करना है?
उसकी बात सुनकर सभी लोग बाहर आते हैं।
इस वक्त कपाड़िया परिवार के चेहरे पर मेघा के लिए कोई परेशानी वाली भाव नहीं थी। उनके आंखों में चीड़ को साफ-साफ देखा जा सकता था।
लेकिन वही रुचिता तो रो रो कर अपनी हालत खराब कर रही थी।
कश्यप को कॉल आता है जिसे वह अटेंड करने के लिए बाहर की तरफ जाता है। थोड़ी देर बाद वह सबके पास आकर कहता है कि मेरी एक अर्जेंट मीटिंग है जिसकी वजह से मैं यहां और देर तक नहीं रख सकता।।
उसकी बात सुनकर अरनव जी कहते हैं बेटा आपको यहां टाइम वेस्ट करने की जरूरत नहीं है वैसे भी बिजनेस और पर्सनल चीजों को अलग रखना चाहिए इस वक्त तुम्हारे लिए तुम्हारी बिजनेस जरूरी है तुम जाओ यहां जो होगा हम संभालेंगे।
उनकी बातों में बाकी सब भी हामी मिलाते हैं।।
अर्णव जी के बात सुनकर कश्यप मुस्कुरा कर उनके पैर को छूकर वहां से चला जाता है।
तो वही फिर से एक बार कार्तिक को दुर्गा का कॉल आता है उसने पहले तो दुर्गा का मैसेज देखता फिर कुछ सोच कर वह दुर्गा का कॉल उठाने के लिए सर्वेंट क्वार्टर से बाहर जाता है।
तभी अर्णव जी वनराज और बाकी सब मर्दों को कहते हैं तुम लोगों का कोई काम नहीं है जो यहां खड़े होकर तमाशा देख रहे हो वैसे भी सुबह के 11:30 बज चुके हैं तुम लोगों को अपनी अपनी कंपनी जाने के लिए देर नहीं हो रही है?
चलो अब जो अपने कंपनी को संभालो यहां का तमाशा हम बड़े लोग संभाल लेंगे वैसे भी उसे लड़की को देखने के लिए डॉक्टर आए हैं। तो अब तुम लोगों का यहां कोई काम नहीं है।
इतना बोलकर वह सभी को वहां से जाने के लिए कह देते हैं।
सर्वेंट क्वार्टर के बाहर
कार्तिक दुर्गा की कॉल को उठता है तो देखता है कि यह वीडियो कॉल है । पहले तो वह खामोश रहता है वह एक भी शब्द नहीं कहता है वह दुर्गा की सफाई सुनना चाहता था लेकिन कुछ देर तक उसे वीडियो कॉल से किसी की आवाज नहीं आती है तो वह कैमरा की तरफ अपनी शक्ल कर कर देखता है।
तो वह देखता है कि शिवाय अपने हाथों में गिटार लेकर ठंडी बर्फीली जगह पर बैठ जाता है वह भी बिना शर्ट पहने ही ......
तभी वह ध्यान से वीडियो कॉल को देखता है तो उसे समझ में आता है कि इस समय शिवाय नशे में डूब चुका है उसकी हाथों में बियर की बोतल थी जो वह गाना गाते गाते बीच में पी रहा था।
वह गाना खत्म होते ही जमीन पर लुढ़क जाता है। तो वही बियर की बोतल उसके बाजू गिरती है जिसमें से बूंद-बूंद कर कर बियर गिर रही थी तो गिटार उसके बाहों में था वह तक आसमान को देख रहा था फिर ,वहां आंखें बंद करता है तो उसके आंखों से आंसू की धारा बह जाती है।
यह सब वह वीडियो कॉल में देख रहा था। तो वही वनराज अपनी कंपनी जाने के लिए बाहर आया था वह भी यह सब वीडियो कॉल में देखाता है।
उसे अभी पछतावा हो रहा था कि आखिर क्यों उसने शिवाय से बात करने की कोशिश नहीं कि आखिर क्यों वह शिव से नाराज रहा।
वह जानता था कि उसके छोटे ने गलत किया है। मगर वह साथ में यह भी जानता था कि उसके छोटे को अपनी गलती का एहसास है फिर वह क्यों शिवाय पर सकती बरसाया। जिसकी वजह से शिवाय उन्हें बिना बताए ही वापस अमेरिका चला गया।
अब उसका छोटा उससे इतना दूर है कि वह चाह कर भी अपने छोटे की दर्द को बात नहीं सकता है।
वनराज अब तक जो सर्वेंट क्वार्टर में हुआ वह सब भूल गया था अभी उसके दिमाग में सिर्फ शिवाय चल रहा था जिसकी वजह से उसे अपने आप पर ही गुस्सा आ रहा था।
तो वही कार्तिक खुद को बेबस महसूस कररहा था। वह खुद से कह रहा था कि वह कैसा दोस्त है जब उसके दोस्त को उसकी जरूरत है जब उसका दोस्त दर्द में है वह उसके दोस्त से नाराज होकर बैठ गया है। वह कितना घटिया दोस्त है।
वह यह सोचकर खुद पर ही गुस्सा उतर रहा था।
वनराज और कार्तिक अपनी अपनी सोच पर गुम है कि तभी उन्हें एक कार की रुकने की आवाज आती है ।
जिसकी वजह से दोनों की नजर ज्यादा ज्यादा गेट पर जाती है तो वह देखते हैं कि कार से आरोही उतर रही है।
जिसे देखकर कार्तिक को 108 वोल्ट का गुस्सा चढ़ जाता है। इस वक्त कार्तिक को आरोही पर कुछ ज्यादा ही गुस्सा आरहा था।
उसे ऐसा लग रहा था जैसे जो शिवाय की जिंदगी में हो रहा है उसे सब की जिम्मेदार आरोही है अगर आरोही उनकी जिंदगी में नहीं आती तो उसका दोस्त इतने दर्द में नहीं होता।
वह तिल तिल कर कर नही तड़पता ।
अब क्या होगा कहानी में आगे जाने के लिए पड़ी है अगलाचैप्टर।
आपका आज का चैप्टर कैसा लगा यह जरूरबताना।
आज का सवाल मेगा के इस तरह अजीब बातें कर रही है?
आखिर क्या करेगा कार्तिक अपने गुस्से में आकर।
इस सवालों का जवाब कमेंट में देना। तब तक के लिए बाय ।