Bandhan - 61 in Hindi Fiction Stories by Maya Hanchate books and stories PDF | बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 61

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 61

मुझे कोई गलतफहमी नहीं हुई है भाई मैं सच बोल रहा हूं और वह भी पूरे सबूत के साथ में यह बोल सकता हूं कि आरोही उसे घटिया आदमी की बेटी है,जिसने हमसे हमारा सब कुछ छीन लिया था। शिवाय ने कहा।।।।।

पर यह कैसे हो सकता है अगर आरोही सक्षम की बेटी है तो वह एमआर एंड एमआरएस शर्मा की बेटी कैसे हुई? वनराज कन्फ्यूजन से सवाल करता है।
 एक्चुअली आरोही सक्षम की नाजायज औलाद है। यह बात सुनकर तो वनराज को 1800 वोल्ट का झटका लग गया था।।।।

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शिवाय की बात सुनकर तो वनराज की पैरों तले  से जमीन खिसक जाती है.... वनराज धीरे धीरे बेयाकिनी से शिवाय की तरफ आता है ।

वनराज लड़खड़ाते हुए बोला "शिवू आई थिंक तुझे कोई गलत फैमी हुई है आरोही सक्षम की बेटी कैसे हो सकती है वह तो मिस्टर एंड मिसेज शर्मा की बेटी है ना,,। वनराज सवाल तो शिवाय से पूछ रहा था पर उसका एक्सप्रेशन  ऐसे लग रहे थे कि वह इस बात पर यकीन नहीं कर पा रहा है कि आरोही सक्षम की बेटी हो सकती है। 

जिस पर शिवाय हल्के गुस्से मैं कहता है नहीं भाई मुझे कोई गलतफहमी नहीं हुई है। आपको याद है जब आरोही का एक्सीडेंट हुआ था और उससे ब्लड की जरूरत थी पर शर्मा'एस में से किसी ने भी आरोही को खून नहीं दिया था। 

जिसकी वजह से मेरे मन में बहुत सारे सवाल चलने लगे थे जिसके जवाब मेरे पास नहीं थे तो मैं किसी को शर्मा का पूरा इनफार्मेशन निकालने के लिए कहा था।

पर इससे पहले मैंने श्री शर्मा और उसे घटिया आदमी को एक साथ देखा तो मैं उन दोनों का पीछा किया... क्योंकि मुझे जानना था कि मिस्टर शर्मा और सक्षम के बीच क्या कनेक्शन है। 

इतना बोलकर शिवाय वनराज को सोफे पर बैठता है और draw में से फर्स्ट एड बॉक्स निकाल कर उसकी जख्मों को साफ कर कर एंटीसेप्टिक लगाते हुए आगे बोलता है...
                            
                               ‌‌।   जैसे ही मैंने उनका पीछा किया तो,  मैं यह देखकर हैरान रह गया कि मिस्टर शर्मा ने सक्षम को आरोही को खून देने के लिए बुलाया था । पहले तो मुझे कुछ समझ नहीं आया की सक्षम आरोही को खून क्यों दे रहा है। 

        मैं अपने कंफ्यूजन में ही था कि तभी मुझे मिस्टर शर्मा और सक्षम की बातें सुनाई दी सक्षम मिस्टर शर्मा को शुक्रिया कह रहा था कि वह उनकी बेटी का ख्याल रख रहे है। पहले तो मुझे समझ नहीं आया कि सक्षम कि बेटी के बारे में बात कर रहा है क्योंकि जहां तक मैं जानता था कि सक्षम की या बुआ की कोई भी बच्चा नहीं है तो यह बेटी कहां से आई लेकिन जैसे ही मिस्टर शर्मा ने यह कहा कि आरोही सिर्फ उनकी बेटी है। उसका सक्षम से कोई रिश्ता नहीं है। तब जाकर मुझे समझ आया कि यह लोग आरोही की बात कर रहे हैं। 

                          सक्षम Mr शर्मा की बात सुनकर कहता है "बड़े भैया आप भूल रहे हो कि मेरे और आरोही के बीच में क्या रिश्ता है? वह खून है मेरा उसके रगों में मेरा खून दौड़ता है वह औलाद है मेरी। she is a princess of saksham Sharma.....


                  मैं सक्षम की बात सुनकर इतना blank हो चुका था कि मैं उनके आगे की बातें सुनी ही नहीं और वहां से चला गया।

              उसे दिन से लेकर मुझे आरोही से नफरत होने लगी थी मुझे हर वक्त उसके चेहरे में सक्षम का चेहरा नजर आता था ‌। जब जब उसे हंसते , मुस्कुराते देखता हूं तो मेरे दिल और दिमाग में सिर्फ एक ही बात घूमती थी मैं उसे इंसान की बेटी से प्यार कर बैठा जो मेरे मां-बाप की कातिल था, जिसने मेरे पूरे परिवार को तोड़ कर रख दिया था। 
तो मैंने ठान लिया कि मैं आरोही की जिंदगी को बत से बतर बना दूंगा उसे इतना दर्द दूंगा की सक्षम अपनी बेटी के दर्द को देखकर खून के आंसू रोएगा। और यही बात मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती थी कि मैं अपनी नफरत में इतना अंधा हो गया था कि मैं यह नहीं सोचा पाया कि इसमें आरोही की क्या गलती थी।

                              वनराज शिवाय की बात सुनकर उसे यह सवाल करता है" अगर मिस्टर शर्मा उसके बाप नहीं है तो श्रीमती शर्मा भी उसकी मां नहीं है तो आरोही की मां कौन है?

       ‌‌ आरोही श्रीमती शर्मा की बेस्ट फ्रेंड श्रेया जी की बेटी है, वह एक अनाथ लड़की थी जिसका फायदा सक्षम ने उठाया था, सक्षम ने श्रेया जी से प्यार का वादा कर कर उनका फायदा उठाया था और उनके जिंदगी से हमेशा हमेशा के लिए चला गया लेकिन अचानक एक दिन श्रेया जी को पता चला कि वह मां बनने वाली है तो वह अपने बच्चे को दुनिया की नजरों में नाजायज का टैग नहीं देना चाहती थी, जिसकी वजह से वह श्रीमती शर्मा के पास मदद के लिए गई थी। और श्री शर्मा ने भी उनके साथ दिया था। लेकिन कहते हैं ना once a cheater always a cheater
         
   ‌‌।                                     सक्षम ने आरोही को नहीं अपनाया जिसकी वजह से श्रेया जी डिप्रेशन में चली गई। श्रीमती शर्मा ने उनका कभी साथ नहीं छोड़ा और उनका प्रेगनेंसी में पूरा ध्यान रखने लगी लेकिन जैसे ही आरोही का जन्म हुआ वैसे ही श्रेया  जी ने डिप्रेशन की वजह से दुनिया को छोड़ दिया। श्रेया जी की मौत के बाद श्री और श्रीमती शर्मा ने आरोही को गोद लिया।
     
      Mr and Mrs शर्मा ने सक्षम को भी यह बात कभी पता नहीं चलने दी की आरोही उसकी बेटी है , और आगे भी वह पता नहीं चलने देते पर आरोही को खून की सख्त जरूरत थी जिसकी वजह से उन्हें सक्षम को सच बताना पड़ा। 
        
      फिर मुझे पता चला कि सक्षम आरोही को अपनी बेटी इसलिए मानता है क्योंकि सक्षम कभी भी बाप नहीं बन सकता था। उसकी ड्रग्स और शराब  लत की ,वजह से वह इनफर्टिले हो गया था। और आरोही एक ही थी जो उसके ब्लडलाइन को आगे बढ़ा सकती थी। जब तक मुझे पूरी सच्चाई पता चली तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

जब तक मुझे यह सब सच्चाई पता चलती तब तक मैं अपने बदले की आग में बहुत आगे निकल चुका था। जिसकी वजह से पीछे मुड़ने की कोई भी आसार नहीं था।

सरोगेसी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी और सरोगेट संवि और आर्य से प्रेग्नेंट भी हो चुकी थी। शिवाय ने पूरी बात वनराज को बता दी। 

अब वनराज को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या बोले क्योंकि आज एक दिन में ही उसे इतना सब कुछ पता चला कि वह उसे चीज को प्रोसेस ही नहीं कर पा रहा था पहले शिवाय का सच फिर आरोही सक्षम की नाजायज बेटी है..... जिसकी वजह से उसे दिन में तारे दिखाने लगे थे। 

तभी ,वनराज के मन में एक और सवाल आता है शिवाय से पूछता है" अच्छा यह बता तू आरोही के साथ करना क्या चाहता था तेरा प्लान क्या था? तू से कैसे बदला लेना चाहता था? 


            वनराज का सवाल सुनकर शिवाय, कार्तिक और दुर्गा की तरफ देखता है जो अपनी नजर पहले से ही इधर-उधर कर कर देख रहे थे जैसे वह शिवाय को और उसे सवाल को टोटली इग्नोर करना चाहते हो।

शिवाय गिल्ट टोन में जवाब देता है ......."हम सबको पता है कि आरोही को बच्चे कितने पसंद है। मैंने यह प्लान बनाया की जब आरोही और तरुण की सगाई होगी तो मैं आरोही के सामने उसके बच्चे को ले आऊंगा, और उसे पूरे सोसाइटी में....................... शिवाय को आगे की बात बोलने में बहुत ही ज्यादा तकलीफ हो रही थी ।।
          
       लेकिन वनराज समझ गया था कि शिवाय क्या कहना चाहता है। वह आरोही को बदनाम करना चाहता था इसके बारे में सोचकर ही वनराज की तन मन में आग लगा रही थी।।

शिवाय गहरी सांस लेकर धीमी आवाज में बातों की सिलसिले को आगे बढ़ता है........ पर इससे पहले मुझे पता चल गया कि सक्षम आरोही से कोई सच में प्यार नहीं करता ना ही उसे उसकी कोई परवाह है। 

        उसके बाद मुझे अपने गलती का एहसास हो गया और मैं अपने बच्चों को लेकर देश से बहुत दूर चला गया । अब मेरी जिंदगी में सिर्फ मेरे दोनों बच्चे ही मेरी प्रायोरिटी है। शिवाय अपनी बात खत्म करता है। 

शिवाय ने वनराज को सिर्फ प्लन का एक हिस्सा ही बताया था दूसरा हिस्सा यह था कि शिवाय आरोही को हमेशा हमेशा के लिए अपने पास रखना चाहता था लेकिन उसके पास आरोही को अपने करीब रखने की कोई वजह नहीं थी क्योंकि आरोही तरुण से प्यार करती थी तो इसलिए उसने यह प्लान बनाया था। एक तीर से दो शिकार करने के लिए।



 वनराज, उन लोगों की सारी बात सुनकर गहरी सांस लेता है और उन तीनों को घूर कर देखता है। उसके आंखों में और हाफ-भाव में घुसा झलक रहा था पर उसके अंदर एक अलग ही जंग चल रही थी। उसे डर लग रहा था कि अगर यह सच किसी को पता चलेगा तो क्या होगा? कितनी सारी जिंदगियां इस सच की वजह से उलझ जाएगी।
 
वनराज ने कहा अगर डॉक्टर ने किसी दिन आरोही को या किसी और को सच बता दिया तो क्या होगा तुम लोग जानते हो या कहीं ना कहीं से घर वालों को सच पता चलेगा तो क्या करोगे? 

कार्तिक वनराज की बात सुनकर कहा "नहीं पता चलेगा भाई क्योंकि मॉम डैड ने पहले से ही अस्पताल के रिकार्ड्स को डिस्ट्रॉय कर दिया था। और डॉक्टर को देश से बाहर भेज भी दिया था पर हमारी फूटी किस्मत वो वापस देश आ गई। (पप्पी की तरह मुंह को लटका कर बोलता है।)


 कार्तिक की बात सुनकर दुर्गा और शिवाय अपना सर दीवार से फोड़ना चाहते थे । और यह बात वनराज के लिए और एक झटका था क्योंकि उसे समझ नहीं आ रहा था कि अगर मिस्टर एंड मिसेज शेखावत पहले से यह बात जानते तो उन लोगों ने तीन तिगड़ी को क्यों नहीं रोका। 





ज्यादा सस्पेंस ना बनाते हुए में ही बता देती हूं क्योंकि कार्तिक उनका इकलौता बेटा था और शिवाय उनके स्वर्गवासी बेस्ट फ्रेंड्स के इकलौता बेटा था। कहते हैं ना की मां-बाप अपने बच्चों की हर गलती को पर्दा करते हैं चाहे वह गलती गलती ना होकर गुना क्यों ना हो अपने बच्चों के प्यार (मोह) में वह अंधे बहरे हो जाते हैं।

यह चारों केबिन के अंदर बात कर रहे थे और कोई था जो केबिन के बाहर से उनकी शुरू से लेकर अब तक की सारी बात सुन रहा था।

guys पुरा ट्रुथ रिवील हो गया है। और रही बात सरोगेट मदर के बारे में वह कहानी के अगले कुछ चैप्टर के बाद पता चलेगा।‌।

अरे यार 🙀🙀 मैं तो यह बताना भूल गई की कश्यप और उसे लड़की को कौन घूर रहा था। वह लड़की अस्पताल की स्टाफ में से एक थी और जो कश्यप और उसे लड़की को एक साथ देख कर घूर रहा था वह इंसान तरुण की बहन वीरा थी।

वीरा को कश्यप से अस्पताल में ही पहली नजर का अट्रैक्शन हो गया था लेकिन जैसे-जैसे वह कश्यप को बीते कुछ दिनों में अस्पताल में जाना था उसे कश्यप से प्यार हो गया। 




आपको यह चैप्टर कैसा लगा रिव्यू में जरूर बताना, और हां मेरी अन्य कहानी भी जरूर पढ़ना।



      
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