Adakaar - 37 in Hindi Crime Stories by Amir Ali Daredia books and stories PDF | अदाकारा - 37

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अदाकारा - 37

अदाकारा 37*
स्टूडियोसे बाहर निकलकर उसने उर्मिला को फ़ोन किया।

"हाय उर्मि।"

उर्मिलाने तुरंत फ़ोन उठाया और कहा।

"अरे शर्मि।घर आजा सुनील छह दिन के टूर पर गया हैं।"

"ठीक है।आती हु लेकिन मैं ज़्यादा देर नहीं रुकूँगी।"

"लेकिन तुने साथ डिनर करने की बात की थी।मैंने तेरी ही पसंद का खाना खुद बनाया हैं।"

"मैं थोडी अपसेट हूँ यार।लेकिन मैंने तुजसे वादा किया था कि मैं आऊँगी इसलिए मैं सिर्फ़ अपना वादा निभाने आ रही हूँ।"

शर्मिला की अपसेट वाली बात सुनकर उर्मिला चिंतित हो गई।

"क्या तुम परेशान हो?क्या हुआ?"

"चल में घर आकर तुजे पूरी बात बताती हु।"

यह कहकर शर्मिला ने फ़ोन रख दिया और बीमानगर की ओर गाड़ी दौड़ा दी।

      शर्मिलाने उर्मिला को गले लगाया और सोफ़े पर बैठ गईं।उर्मिलाने फ्रिज से 200 मिली की कोल्ड ड्रिंक की बोतल निकाली और शर्मिला को दे दी।

   "शूटिंग पर कुछ हुवा क्या?किस बात से किस पर नाराज़ हो?"

   "मेरी नई फ़िल्म की शूटिंग तीन दिन से चल रही थी।"

   "चल रही थी?"

   "हा।मैंने आज वो फ़िल्म छोड दी।"

   "क्यों,क्या हुआ?"

उर्मिला ने चिंतित स्वर में पूछा।

तो शर्मिला कड़वाहट से बोलीं।

"फिल्म में प्रोड्यूसर का हरामजादा हीरो है..."

  "हरामजादा?क्या मतलब?"

"प्रोड्यूसर का बेटा है।उसके बाप की फिल्म है तो हीरो तो बन गया लेकिन साले को एक्टिंग भी नहीं आती।एक्सप्रेशन के नाम पर तो वो बिल्कुल ज़ीरो ही है।बेचारे की पहली फिल्म है,तो थोड़ा नर्वस होना लाज़मी है।लेकिन शूटिंग से पहले क्या उसे थोड़ी रिहर्सल नहीं करनी चाहिए?भाईसाहब रिहर्सल नहीं करना चाहते।उसे सीधे ही शॉट देने हैं।और क्या कहूँ, शूटिंग में इतना वक़्त बर्बाद करता हैं?"

उर्मिला शर्मिला की बात ध्यान से सुन रही थी। शर्मिलाने बोतल से कोल्ड ड्रिंक का एक घूँट गले से नीचे उतारा और आगे बोली।

"पहले दिन तो उसने पंद्रह मिनट के सीन के लिए पूरा दिन बर्बाद कर दिया था,पर तब मैंने कुछ नहीं कहा।पर आज तो हद ही हो गई। चार लाइन वाले गाने के लिए बस पंद्रह से बीस मिनट की शूटिंग थी।और उसके लिए उस गधे ने छह घंटे बर्बाद कर दिए,तो मैंने डायरेक्टर से साफ़-साफ़ कह दिया कि पहले इसे ठीक से रिहर्सल करवा लो फिर मुझे शूटिंग के लिए बुलाना।तो जानती हे उस बाप कर्मी ने क्या कहा?"

"क्या?"

उर्मिला ने शर्मिला की ओर देखते हुए पूछा।

"उसने रूबाब दिखाते हुए कहा की तुम मुफ़्त में काम नहीं करती,जब तुमहे मुंह मांगे पैसे दिए है।..."

"तो फिर।फिर तुने क्या किया शर्मी?"

उर्मिला ने उत्सुकता से पूछा।

"फिर मैं क्या करती?मैंने भी साफ साफ कह दिया कि अपने पैसे अपने पास रखो।ओर कोई और दूसरी हीरोइन ढूँढ़ लो।यह कहकर मैंने फिल्म छोड़ दी।"

"लेकिन तुम्हें तो इस से नुकसान हुआ होगा है ना?"

"ऐसा तो चलते ही रहता हे।उसके बारे मे ज्यादा सोचना नही चाहिए।अभी एक और फिल्म तैयार है।मेरी आदत है कि एक बार में में एक ही फिल्म की शूटिंग करती हूँ।अब जब मैंने इसे छोड़ दी है तो अब दो दिन बाद रमन कुमार की फिल्म शुरू करूँगी।"

"ठीक हे चलो फिर अब खाना खाते हैं।"
उर्मिला ने कहा।
और दोनों बहनें खाना खाने बैठ गईं।खाना खाते हुए शर्मिला बोली।

"उर्मि।मुझे याद है कि एक ज़माने मे तुजे भी एक्टिंग के बहुत क्रेज था।"

शर्मिला की बातें सुनकर उर्मि जैसे पुरानी यादों में खो गई।उसने बाल कलाकार के तौर पर लगभग दस फिल्मों में काम किया था।लेकिन फिर उसने अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया।जब वह बारहवीं कक्षा में पढ़ रही थी, तो उसे एक फिल्म में मुख्य भूमिका का प्रस्ताव भी मिला।लेकिन उसकी माँ ने कहा कि पहले ग्रेजुएशन पूरी करो फिर फिल्मो के बारे मे सोचना।और वह पुणे के एक हॉस्टल में मास्टर की तैयारी करने चली गई।

     इधर शर्मिलाने ग्रेजुएशन कर ही रही थी की और उसे हीरोइन बनने का मौका मिला। उसने घर पर बिना पूछे एक फिल्म साइन कर ली और फिर घर पर बताया कि वह फिल्मों में काम करेगी।उत्तम और मुनमुन ने उसे भी वही ग्रेजुएशन पूरा करने की सलाह दी।लेकिन अगर वो किसी की सलाह मान ले तो वह शर्मिला काहे की?

जब शर्मिला ने एक्टिंग के प्रति अपने क्रेज की याद दिलाई तो उर्मिलाने चेहरे पर एक कड़वी मुस्कान के साथ कहा।

"हाँ मुझे भी एक्टिंग का शौक था।और मैं भी तुम्हारी तरह हीरोइन बनना चाहती थी,शर्मी। लेकिन में बन न शकी ओर तु बन ही गई।"

"अगर तु चाहे तो अपना शौक अभी भी पूरा कर सकती हो उर्मी।"

शर्मिला ने कहा।तो उर्मिला निराश स्वर में बोली।

"एक ही इंडस्ट्री में एक जैसे चेहरे वाली दो हीरोइनें कैसे हो सकती हैं?"

जवाब में शर्मिला ने उत्साह से कहा।

"हो सकती है।अगर तुम चाहो तो मेरे पास एक जब्बर आइडिया है।"

(शर्मिला के पास क्या आइडिया था?क्या उर्मिला को शर्मिला का वह आइडिया पसंद आएगा)