✍️ भाग 15 – "मूल और मुखौटा"
📍 स्थान: दिल्ली - परित्यक्त रेल टनल, Phase II लैब का आंतरिक चेंबर
📅 तारीख: 25 फ़रवरी 2031 - शाम 4:27
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⏳ पिछला भाग:
टीम को जस्सी ने PROJECT RAAHAT की असलियत दिखाई।
आरव ने देखा कि उसका नाम "Prototype 01" के रूप में दर्ज है।
तनाव के बीच रघु और बाली ने सच उगल दिया - वे दरअसल उसी सिस्टम के वफ़ादार हैं।
अब सामना होना तय है।
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🌀 टूटे रिश्तों की राख
कमरे में एक अजीब-सी गूँज थी।
सभी हथियारबंद खड़े थे।
नज़रें एक-दूसरे को भेद रही थीं।
अरमान की सांसें तेज़ थीं।
> "तो ये सब… शुरुआत से धोखा था?"
रघु की आवाज़ ठंडी और स्थिर थी।
> "नहीं अरमान। धोखा नहीं-सच्चाई।
हम इस टीम के साथ इसलिए जुड़े ताकि तुम्हें निगाह में रख सकें।
क्योंकि PROJECT RAAHAT को सबसे बड़ा खतरा-यहीं से था।"
बाली ने जोड़ा, उसकी भारी आवाज़ कमरे की दीवारों में गूंज गई:
> "तुम सब सोचते हो कि तुम सिस्टम को रोक सकते हो।
लेकिन असलियत ये है-सिस्टम ही एकमात्र चीज़ है जो इस देश को जिंदा रखेगा।
तुम्हारा विद्रोह… सब बेकार है।"
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⚡ आरव पर वार
आरव ने एक कदम आगे बढ़ाया।
उसकी आँखों में गुस्से और दुख की मिलीजुली लपटें थीं।
> "अगर सिस्टम ही देश को जिंदा रखता है…
तो लोगों की आज़ादी कहाँ है?
बच्चों को प्रोटोटाइप बना देना-इसे तुम बचाव कहते हो?"
रघु की नज़रें सीधे आरव पर टिक गईं।
उसके चेहरे पर कोई पछतावा नहीं था।
> "आरव… तू खुद इसका सबूत है।
Prototype 01-तुझमें वही ताक़त है जो बाकी इंसानों में नहीं।
तू चाहे जितना इंकार कर, लेकिन तेरे नसों में वही प्रयोग बह रहा है।
तू इंसान नहीं… तू सिस्टम का हथियार है।"
अनन्या ने तुरंत आरव के सामने खड़ी होकर जवाब दिया:
> "बस!
आरव इंसान है।
और अगर उसकी नसों में कुछ और भी है-तो वो उसका बोझ नहीं, उसकी ताक़त बनेगा।
तुम्हारी तरह ग़ुलामी नहीं।"
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🎭 परतें खुलती हुईं
हिना ने गुस्से से कहा:
> "तो तुम दोनों सिर्फ़ जासूस थे।
कितने समय से ये खेल चल रहा था?"
बाली ने धीरे से सिर झुकाया, पर उसकी आवाज़ पत्थर जैसी थी:
> "शुरुआत से।
हमारी ट्रेनिंग, हमारी भर्ती… सब उसी योजना का हिस्सा थी।
ताकि जब सच के करीब कोई पहुँचे-हम उसे रोक सकें।"
जस्सी ने मुट्ठियाँ भींच लीं।
> "तुम्हें भाई समझा… और तुम यही निकले?
तुम्हारे लिए हम सिर्फ़ मोहरे थे?"
रघु ने जस्सी की ओर देखा।
उसकी आँखों में हल्की नर्मी झलकी-पर अगले ही पल वो ग़ायब हो गई।
> "जस्सी… अगर सच जान लोगे, तो समझ जाओगे।
सिस्टम दुश्मन नहीं है।
वो असली दुनिया से तुम्हें बचा रहा है।"
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🔥 Clash Begins
विराट ने अचानक पिस्तौल की सेफ़्टी हटाई।
उसकी आवाज़ कमरे को चीर गई।
> "बहुत सुन लिया।
तुम दोनों का खेल अब यहीं खत्म होगा।"
रघु और बाली ने एक-दूसरे की ओर देखा।
उनके चेहरे पर एक अजीब-सी शांति थी—जैसे वो पहले से इस पल के लिए तैयार थे।
रघु ने धीरे-धीरे हाथ उठाया।
उसकी हथेली पर हल्की नीली रेखाएँ चमकने लगीं—जैसे नसों में बिजली दौड़ रही हो।
बाली के पूरे शरीर में अजीब कंपन फैल गया।
उसकी साँसें गहरी और भारी होने लगीं।
उसकी आँखों में सुनहरी चमक उभर आई।
सिया डरकर पीछे हट गई।
> "ये… ये क्या हो रहा है?"
जस्सी की आवाज़ काँप गई।
> "यही उनका असली रूप है…"
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⚡ रूपांतरण
एक पल में हवा बदल गई।
कमरे में अजीब-सी दहाड़ जैसी गूँज उठी।
रघु का शरीर अस्वाभाविक ताक़त से भरने लगा-उसकी बाहें मोटी और मज़बूत हो गईं, जैसे किसी युद्ध-यंत्र का रूप ले रही हों।
बाली के चारों ओर गर्मी का घेरा फैल गया, मानो उसकी देह से ऊर्जा का तूफ़ान निकलने वाला हो।
दीवारों की धातु काँपने लगी।
ज़मीन पर दरारें पड़ गईं।
अरमान की आँखें फैल गईं।
> "ये… ये तो इंसान नहीं…"
हिना फुसफुसाई:
> "ये… Prototype की अगली अवस्था है।"
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🩸 धोखे का भार
रघु की आवाज़ अब गूँजदार और भयावह हो गई थी।
> "यही है हमारी सच्चाई।
हम सिर्फ़ सैनिक नहीं—PROJECT RAAHAT के असली रक्षक हैं।
हम वो हथियार हैं… जिन्हें तुम रोक नहीं सकते।"
बाली की आवाज़ गूँजी:
> "और आरव…
तू भी हमारे जैसा है।
फर्क सिर्फ इतना है कि तूने अपने सच को मानने से इनकार कर दिया।"
आरव ने ज़ोर से चिल्लाया:
> "मैं तुम जैसा कभी नहीं बनूँगा!"
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🕵️♀️ छिपा हुआ खून
अचानक, इस टकराव के बीच, हिना ने अपनी जेब से एक पुराना फाइल निकाला।
उसके पन्नों पर मुहर लगी थी-"Confidential: Phase 0"
हिना की आँखें काँप रही थीं।
> "ये… मुझे तब मिला था जब मैं लैब में चोरी से दाख़िल हुई थी।
Phase 0… इसमें सिर्फ़ एक नाम दर्ज है-"
वो नाम ज़ोर से पढ़ा गया।
"कियारा सेन - Lineage Holder"
सभी ठिठक गए।
सिया ने उलझन में पूछा:
> "ये कौन है?"
जस्सी के चेहरे पर हैरानी थी।
> "कियारा… सेन? ये नाम… मैंने बचपन की कहानियों में सुना था।
कहा जाता था कि सेन परिवार ही असली शासक थे—जिन्हें जनता से छुपा लिया गया।"
अरमान की आँखों में चमक आ गई।
> "मतलब PROJECT RAAHAT की जड़ें सिर्फ़ प्रयोग नहीं-बल्कि राजनीति और ख़ून की वंश परंपरा में दबी हैं।
जैसे किसी छुपे हुए राजघराने का रहस्य…"
हिना ने गंभीर होकर कहा:
> "हाँ।
और मुझे शक है-कियारा सेन ज़िंदा है।
वो ही वो शख़्स है… जिसे सिस्टम असली 'कुंजी' मानता है।"
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⚔ संघर्ष की शुरुआत
रघु और बाली अब पूरी तरह बदल चुके थे।
उनके रूप से निकलती ऊर्जा से कमरा हिल रहा था।
विराट ने आदेश दिया:
> "सब पीछे हटो।
ये लड़ाई अब बचने की नहीं-टकराने की है।"
अनन्या ने आरव का हाथ पकड़ा।
> "तू डरेगा नहीं।
तू Prototype नहीं-तू आरव है।"
आरव की आँखों में दृढ़ता लौट आई।
उसने गहरी साँस ली।
> "ठीक है।
अगर उन्हें रोकना है-तो मैं किसी भी सच का सामना करूँगा।"
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🎬 भाग 15 समाप्त - "मूल और मुखौटा"
📖 Part 16: "रक्त की विरासत" जल्द ही...