Tum wo Shaam ho - 10 in Hindi Love Stories by Rekha Rani books and stories PDF | तुम वो शाम हो - 10

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तुम वो शाम हो - 10

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🌅 भाग 1: सुबह की दस्तक

पेरिस की एक सर्द सुबह — मिहिका अस्पताल में थी।  
अयान उसके पास बैठा था, उसकी हथेली थामे हुए।  
कमरे में खामोशी थी, लेकिन उस खामोशी में एक इंतज़ार था — एक नई आवाज़ की।

> “क्या तुम तैयार हो?”  
> मिहिका ने मुस्कराकर कहा, “शायद नहीं… लेकिन मोहब्बत ने कभी तैयारी माँगी है क्या?”

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👶 भाग 2: पहली आवाज़

दोपहर 2:47 पर — एक बच्ची का जन्म हुआ।  
उसकी पहली चीख ने कमरे की खामोशी को तोड़ा — और अयान की आँखों में आँसू आ गए।

मिहिका ने बच्ची को देखा —  
> “ये हमारी कहानी की सबसे प्यारी पंक्ति है।”

अयान ने कहा:  
> “अब तुम सिर्फ मेरी नहीं… उसकी भी हो।”

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🖌️ भाग 3: नाम की तलाश

दोनों ने बच्ची का नाम सोचने की कोशिश की —  
- मिहिका चाहती थी कोई ऐसा नाम जो कला से जुड़ा हो  
- अयान चाहता था कोई ऐसा नाम जो कहानी कह सके

आखिरकार उन्होंने नाम रखा: “रेवा”  
> “क्योंकि वो बहती है… जैसे हमारी मोहब्बत बहती रही,” मिहिका ने कहा।

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🏡 भाग 4: घर की नई दीवार

घर में एक नई दीवार बनाई गई — सिर्फ रेवा के लिए।

मिहिका ने उस पर एक स्केच बनाई —  
एक सूरज, एक नदी, और एक लड़की जो पानी में खेल रही है।

नीचे लिखा:  
> “तुम वो सुबह हो… जो हमारी शाम से जन्मी है।”

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📷 भाग 5: विराज की चिट्ठी

विराज ने एक खत भेजा —  
> *“मैं जानता हूँ कि अब तुम्हारी कहानी में एक नया किरदार है।  
> लेकिन जान्हवी और मैं अब भी तुम्हारी पहली तस्वीरों को याद करते हैं।  
> रेवा को बताना कि उसकी माँ की दीवारों ने शहरों को रंग दिया था।”*

मिहिका ने वो खत रेवा की डायरी में चिपका दिया —  
> “ताकि वो जान सके कि उसकी कहानी कितनी दूर से शुरू हुई थी।”

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🎶 भाग 6: पहली लोरी

रात को मिहिका ने रेवा को पहली बार लोरी सुनाई —  
कोई पारंपरिक गीत नहीं, बल्कि उसकी अपनी कविता:

> *“तुम वो धुन हो जो मेरी साँसों में बसी है,  
> तुम वो रंग हो जो मेरी आँखों में झलकता है,  
> तुम वो कहानी हो जो अब मैं जी रही हूँ।”*

अयान ने वो कविता रिकॉर्ड की — और कहा:  
> “अब हमारी मोहब्बत को आवाज़ मिल गई है।”

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🌌 भाग 7:

तीनों छत पर हैं: अयान, मिहिका और रेवा।

आसमान में तारे हैं, लेकिन नीचे एक चाँद — जो अब सिर्फ रोशनी नहीं, एक वादा है।

मिहिका ने कहा:  
> “अब मैं तुम्हारी नहीं… हमारी हूँ।”  
अयान ने जवाब दिया:  
> “और मैं अब सिर्फ तुम्हें नहीं… उसे भी देखता हूँ।”

रेवा ने अपनी पहली मुस्कान दी — और कहानी ने एक नई दिशा ले ली।

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🌼 भाग 8: रेवा की पहली चाल

रेवा अब 11 महीने की हो चुकी है।  
उसने पहली बार बिना सहारे के चलना शुरू किया —  
मिहिका ने देखा, और उसकी आँखों में वही चमक थी जो पहली बार अयान को देखकर आई थी।

> “वो चल रही है… जैसे हमारी कहानी फिर से चल पड़ी हो,” मिहिका ने कहा।

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🎨 भाग 9: मिहिका की वापसी

मिहिका ने दो साल बाद अपनी पहली प्रदर्शनी की तैयारी शुरू की।  
लेकिन अब उसकी कला में सिर्फ रंग नहीं — रेवा की मासूमियत, अयान की आँखें और खुद की खामोशी थी।

उसने एक नई सीरीज़ बनाई:  
“Shaam Se Subah Tak”  
हर चित्र एक भावनात्मक यात्रा थी —  
- एक माँ की पहचान  
- एक प्रेमिका की खामोशी  
- एक कलाकार की पुकार

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🧠 भाग 10: अयान की उलझन

अयान अब एक लेखक नहीं — एक पिता था।  
लेकिन उसकी कलम अब भी चलती थी… बस अब कहानियाँ रेवा के लिए होती थीं।

वो एक नई किताब लिख रहा था:  
“Tum Vo Shaam Ho — Part II”  
लेकिन उसे डर था —  
> “क्या मेरी कहानी अब भी मिहिका को छूती है?”

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💌 भाग 11: एक पुराना खत

मिहिका को एक खत मिला — जान्हवी का।  
> *“तुम्हारी बेटी तुम्हारी सबसे बड़ी कला है।  
> लेकिन याद रखना — कलाकार कभी माँ बनकर रुकता नहीं… वो माँ बनकर और गहराई से रचता है।”*

मिहिका ने वो खत अपनी स्टूडियो की दीवार पर चिपका दिया।

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🕊️ भाग 12: रेवा की पहली उड़ान

रेवा ने पहली बार “माँ” कहा।  
अयान ने वो पल रिकॉर्ड किया — और उसे अपनी किताब में शामिल किया।

> “ये शब्द नहीं… ये मेरी कहानी का शीर्षक है,” उसने लिखा।

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🎭 भाग 13: प्रदर्शनी की रात

प्रदर्शनी की रात — पूरा हॉल भरा हुआ था।  
मिहिका ने एक आखिरी चित्र दिखाया —  
एक बच्ची जो शाम के रंगों में उड़ रही थी।

नीचे लिखा था:  
> “जब कहानी ने उड़ना सीखा… तब माँ ने खुद को फिर से पाया।”

लोग खड़े होकर तालियाँ बजा रहे थे —  
लेकिन अयान सिर्फ रेवा को देख रहा था, जो उस चित्र के सामने मुस्कुरा रही थी।

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🌌 भाग 14: समापन

रात को तीनों छत पर थे —  
रेवा ने आसमान की ओर इशारा किया।

मिहिका ने कहा:  
> “अब वो उड़ना चाहती है।”  
अयान ने जवाब दिया:  
> “और हम उसे रोकेंगे नहीं।”

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✨ writer: rekha rani