Tum wo Shaam ho - 5 in Hindi Love Stories by Rekha Rani books and stories PDF | तुम वो शाम हो - 5

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तुम वो शाम हो - 5

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🌆 भाग 1: वो शाम फिर आई

अयान और मिहिका एक साल बाद उसी जगह पहुँचे — जहाँ उनकी कहानी शुरू हुई थी।

- वही झील का किनारा  
- वही पुराना बेंच  
- लेकिन अब दोनों के बीच एक लंबी खामोशी थी

मिहिका कहती है:  
> “कभी-कभी लगता है… हम उस शाम में ही रह गए हैं।”

अयान जवाब देता है:  
> “क्योंकि वो शाम अधूरी थी… और हम उसे पूरा करने लौटे हैं।”

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📷 भाग 2: पुरानी तस्वीरें

मिहिका अपने फोन में पुरानी तस्वीरें देखती है — उनमें अयान की मुस्कान है, और उसकी आँखों में सवाल।

वो कहती है:  
> “तुम्हारी आँखें तब भी कुछ कहती थीं… और आज भी।”

अयान मुस्कराता है —  
> “तब मैं डरता था… आज मैं समझता हूँ।”

वो दोनों एक तस्वीर लेते हैं — इस बार मुस्कान में सुकून है।

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🎭 भाग 3: वो अधूरा नाटक

कॉलेज में एक नाटक था — जिसमें अयान और मिहिका को साथ मंच पर आना था, लेकिन मिहिका ने आखिरी पल में मना कर दिया था।

अब, एक स्थानीय थिएटर में वही नाटक फिर से हो रहा है।

मिहिका कहती है:  
> “क्या तुम फिर से वो किरदार निभाओगे?”

अयान जवाब देता है:  
> “अगर तुम उस अधूरी लाइन को पूरा करोगी… तो मैं मंच पर लौटूँगा।”

वो दोनों मंच पर आते हैं — और इस बार, आखिरी संवाद पूरा होता है।

> “Tum vo shaam ho… jise har रोज़ जीना चाहता हूँ।”

तालियाँ गूंजती हैं — लेकिन उनके लिए, वो संवाद ही सब कुछ था।

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🌌 भाग 4: छत पर वो रात

रात को दोनों छत पर बैठे हैं — चाँद पूरा है, और हवा में पुरानी यादें हैं।

मिहिका कहती है:  
> “अगर हम फिर से बिछड़ गए… तो क्या ये शाम फिर लौटेगी?”

अयान जवाब देता है:  
> “शामें लौटती हैं… लेकिन लोग नहीं।  
> इसलिए मैं इस बार रुकना चाहता हूँ।”

वो दोनों एक-दूसरे की तरफ देखते हैं — कोई वादा नहीं, लेकिन एक यकीन।

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💌 भाग 5: मिहिका की चिट्ठी

मिहिका अयान को एक चिट्ठी देती है — जो उसने एक साल पहले लिखी थी, लेकिन कभी दी नहीं।

उसमें लिखा है:  
> *“अगर तुम ये पढ़ रहे हो… तो शायद हम फिर से मिले हैं।  
> मैं तुमसे दूर गई थी, लेकिन हर शाम तुम्हारे पास लौटती थी।  
> तुम वो शाम हो… जो मेरी हर सुबह में छुपी रहती है।”*

अयान चुपचाप चिट्ठी पढ़ता है — और फिर उसे अपने दिल के पास रख लेता है।

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🌄 भाग 6: पहली सुबह

अयान और मिहिका एक पहाड़ी कस्बे में हैं — वहाँ की सुबह शांत है, लेकिन उनके दिलों में हलचल है।

मिहिका कहती है:  
> “ये सुबह कुछ अलग है… जैसे ज़िंदगी फिर से मुस्कराई हो।”

अयान जवाब देता है:  
> “क्योंकि इस बार हम साथ हैं… और रास्ता खुला है।”

वो दोनों एक ट्रेक पर निकलते हैं — हर कदम एक नई उम्मीद है।

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🏡 भाग 7: वो पुराना घर

अयान मिहिका को एक पुराना घर दिखाता है — जहाँ वो बचपन में गर्मियों की छुट्टियाँ बिताता था।

दीवारों पर अब भी उसकी माँ की पेंटिंग्स हैं — और एक कोना जहाँ उसने पहली बार कविता लिखी थी।

मिहिका कहती है:  
> “तुम्हारा अतीत बहुत खूबसूरत है।”

अयान मुस्कराता है:  
> “और तुम उसका सबसे अच्छा हिस्सा बन सकती हो।”

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📖 भाग 8: नई कहानी

मिहिका एक डायरी खोलती है — इस बार वो खाली नहीं है।

वो कहती है:  
> “चलो इस बार साथ में लिखते हैं — एक ऐसी कहानी जिसमें कोई अधूरापन न हो।”

अयान पहला पन्ना लिखता है:  
> “आज की सुबह ने हमें एक नया सफर दिया — और हम चल पड़े हैं, बिना पीछे देखे।”

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🎨 भाग 9: रंगों की तलाश

वो दोनों एक लोकल आर्ट गैलरी जाते हैं — वहाँ एक कैनवास खाली है, और एक बोर्ड: “Paint Your Story”

मिहिका ब्रश उठाती है — और अयान रंग चुनता है।

वो मिलकर एक तस्वीर बनाते हैं — दो रास्ते जो एक सूरज की ओर जा रहे हैं।

एक दर्शक कहता है:  
> “ये तो जैसे मोहब्बत की तस्वीर है।”

अयान जवाब देता है:  
> “क्योंकि ये हमारी है।”

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🌅 भाग 10: समापन

शाम को दोनों फिर उसी पहाड़ी पर बैठते हैं — जहाँ से सूरज डूबता है।

मिहिका कहती है:  
> “अब डर नहीं लगता… क्योंकि ये सफर हमारा है।”

अयान उसका हाथ थामता है —  
> “और ये शाम अब सिर्फ तुम्हारी नहीं… हमारी है।”

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✨ एपिसोड का सार

- एक सुबह जो नई शुरुआत बनी  
- एक घर जो यादों से भरा था  
- और एक कैनवास — जिस पर अब मोहब्बत की तस्वीर है

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writer: Rekha Rani