Trikaal - 12 in Hindi Adventure Stories by WordsbyJATIN books and stories PDF | त्रिकाल - रहस्य की अंतिम शिला - 12

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त्रिकाल - रहस्य की अंतिम शिला - 12

गुफ़ा का अंधकार अब गहराई में और भी घना हो चुका था।
लाल लपटों और धुंध के बीच, दीवारों पर उकेरे गए प्रतीक और पुरानी शिलालेख अब और अधिक डरावने दिख रहे थे।
हर कदम पर उनका मन गहराई से परखा जा रहा था—यह केवल शारीरिक यात्रा नहीं थी, बल्कि मन, आत्मा और विश्वास की परीक्षा भी थी।

आर्यन सबसे आगे बढ़ रहा था।
उसकी आँखों में अब स्थिरता और चिंता का मिश्रण था।
“यहाँ कुछ बदल रहा है… यह जगह केवल परीक्षण नहीं, चेतावनी भी दे रही है,” उसने धीरे कहा।

वेदिका उसके पास चल रही थी, उसके हाथ में विश्वास की चमक झलक रही थी।
“आर्यन, हमें अभी और सावधान रहना होगा। हर संकेत पर ध्यान देना होगा। यहाँ छिपा खतरा बहुत गहरा है।”

पीछे डॉ. ईशान वर्मा उपकरणों से गुफ़ा की संरचना और ऊर्जा की जाँच कर रहे थे।
“यहां कुछ प्राकृतिक नहीं है। यह एक ऐसी संरचना है, जो केवल अनुभव और मानसिक संतुलन के जरिए समझी जा सकती है। हमारी तकनीक असफल होगी।”

ईशा ने अपनी आँखें बंद कर रखा था और धीरे स्वर में कहा—
“हमारे डर को पकड़ कर यह छाया हमें परख रही है। केवल धैर्य और विश्वास ही हमारी रक्षा करेगा।”

जैसे ही वे आगे बढ़े, दीवारों से हल्की सरसराहट हुई।
छाया की उपस्थिति अब भी महसूस हो रही थी।
आर्यन ने तलवार तैयार की, पर साधु ने उसे रोकते हुए कहा—
“शरीर की शक्ति से कुछ नहीं होगा। केवल विश्वास और प्रेम ही इसे नियंत्रित कर सकते हैं।”

आगे बढ़ते हुए, उन्होंने देखा कि गुफ़ा की दीवारें धीरे-धीरे संकुचित हो रही थीं।
नीचे की ओर झुकाव, उल्टी गुरुत्वाकर्षण वाली सतहें और अचानक गिरने वाले पत्थर—सब उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से चुनौती दे रहे थे।

वेदिका ने धीरे से कहा—
“आर्यन, हर कदम पर हमें ध्यान और संयम रखना होगा। हमारा डर इसे और मजबूत कर सकता है।”

साधु ने मंत्रोच्चार शुरू किया—
“सत्यस्य बलं विश्वासः… विश्वासस्य बलं प्रेमः…”
उनकी आवाज़ गुफ़ा के गहरे अंधकार में फैल रही थी।
जैसे ही मंत्र गूँजे, हल्की लाल झिलमिलाहट दीवारों पर दिखने लगी।

आर्यन ने महसूस किया कि छाया अब केवल एक शारीरिक शक्ति नहीं है।
यह उनकी मानसिक शक्ति, साहस और अंतर्ज्ञान पर हमला कर रही थी।
वेदिका ने उसकी कलाई कसकर पकड़ ली।
“हम साथ हैं। हमारा विश्वास ही हमें बचाएगा।”

तभी गुफ़ा के एक कोने से हल्की चीख़ और हवा की तेज़ हलचल हुई।
सभी समझ गए कि यह केवल परीक्षण का अगला चरण था।
जो भी आगे था, वह उनकी विश्वास, साहस और प्रेम की परीक्षा और गहरा करने वाला था।

आर्यन ने अपनी साँसें गहरी ली और आँखें बंद कर अपने भीतर की शक्ति को महसूस किया।
साधु ने मंत्रों की गति तेज कर दी—
“सत्यस्य बलं विश्वासः… विश्वासस्य बलं प्रेमः…”

गुफ़ा का अंधकार अब लगभग जीवित हो चुका था।
लाल धुआँ और झिलमिलाती रोशनी में छाया की रूपरेखा धीरे-धीरे उभर रही थी।
सब जानते थे—असली परीक्षा अब शुरू होने वाली थी।
और यही वह क्षण था जब उनका विश्वास, प्रेम और साहस अगले चरण के लिए तैयार हो रहा था।

छाया का प्रहार

गुफ़ा का अंधकार अब जीवंत हो चुका था।
लाल धुआँ और झिलमिलाती रोशनी की बीच, छाया की उपस्थिति हर कोने में फैल रही थी।
जैसे ही आर्यन और वेदिका कदम बढ़ाते, छाया उनके चारों ओर घूमती, हर हलचल और सांस को महसूस करती।

आर्यन ने तलवार उठाई, पर उसके हाथ में शक्ति कमजोर पड़ रही थी।
वह जान चुका था—यह केवल शारीरिक मुकाबला नहीं था।
यह उनका मन, आत्मा और विश्वास पर हमला कर रही थी।

वेदिका ने उसकी आँखों में देखा और धीरे से कहा—
“हमारे डर को पकड़ने मत दो। विश्वास और प्रेम ही हमारी ढाल हैं।”
आर्यन ने गहरी साँस ली, तलवार छोड़ दी और अपने भीतर की शक्ति महसूस करने लगा।

तभी गुफ़ा की दीवारें हिलने लगीं।
पत्थर गिरने लगे, और हवा की तेज़ लहरें उनके शरीर से टकराई।
उल्टी गुरुत्वाकर्षण वाली सतहें उन्हें संतुलन खोने पर मजबूर कर रही थीं।
डॉ. ईशान ने उपकरणों की ओर देखा और समझा—
“यह केवल मानसिक और आध्यात्मिक परीक्षा है। केवल विज्ञान और उपकरण यहाँ काम नहीं करेंगे।”

छाया ने पहला हमला किया—
एक अजीब, धुएँ जैसी लहर, आर्यन की ओर बढ़ी।
वह reflex से पीछे कूच करने लगा, पर उसके कदम हवा में अटक गए।
वेदिका तुरंत उसके पास दौड़ी और उसे संभाला।

साधु ने मंत्रोच्चार तेज़ कर दिया—
“सत्यस्य बलं विश्वासः… विश्वासस्य बलं प्रेमः…”
जैसे ही मंत्र गूँजे, छाया के रूप में हल्की कंपकंपी आई।
यह स्पष्ट था—छाया अब केवल भौतिक रूप में नहीं, बल्कि उनके विश्वास और प्रेम को तोड़ने के लिए पूरी तरह सक्रिय हो चुकी थी।

ईशा ने हिम्मत जुटाई और कहा—
“आर्यन, वेदिका, केवल साथ रहना मत भूलो। यही हमारी शक्ति है।”
उनके शब्द गुफ़ा में गूँज उठे और कुछ सेकंड के लिए छाया पीछे हट गई।

लेकिन यह केवल छोटी राहत थी।
छाया ने फिर से झपट्टा मारा—इस बार वेदिका पर।
आर्यन ने अपनी पूरी शक्ति लगाकर उसे बचाया, और वे दोनों एक-दूसरे के साथ संतुलन बनाए रखने लगे।

साधु ने फिर से मंत्रों को तेज किया—
“विश्वास… प्रेम… और सत्य।”
जैसे ही उनका मंत्र हवा में गूँजा, छाया की लाल आँखें बुझने लगीं।
पर गुफ़ा के पत्थर और धुआँ अब और तेजी से गिरने लगे।

आर्यन ने महसूस किया—छाया केवल बाहरी शक्ति नहीं, बल्कि उनके भीतरी डर, संदेह और कमजोरियों से जुड़ी हुई है।
वेदिका ने धीरे से कहा—
“आर्यन, हम इसे अपनी आँखों और दिल से रोक सकते हैं। केवल विश्वास और प्रेम ही इसे कमजोर करेंगे।”

आर्यन ने अपनी आंतरिक शक्ति महसूस की।
उसने वेदिका का हाथ कसकर थामा और गहरी साँस ली।
साधु के मंत्र और उनकी आंतरिक शक्ति का मिलन—यह छाया को रोकने के लिए पर्याप्त था।

छाया ने आखिरी झपट्टा मारा।
पर आर्यन और वेदिका का विश्वास और प्रेम उसे रोकने में कामयाब रहा।
गुफ़ा अब शांत हो गई, और धुआँ धीरे-धीरे हल्का होने लगा।

डॉ. ईशान ने राहत की साँस ली—
“यह केवल पहला बड़ा परीक्षण था। लेकिन ये अनुभव हमें आगे की चुनौती के लिए तैयार कर रहा है।”

ईशा ने धीरे कहा—
“छाया की शक्ति जितनी भयानक थी, हमारे विश्वास और प्रेम ने उसे हराया। अब हमें अगले चरण के लिए और मजबूत रहना होगा।”

आर्यन ने वेदिका की ओर देखा और मुस्कुराया।
“हमने इसे पार कर लिया… पर यह गुफ़ा केवल शुरुआत है। जो आगे है, वह हमारी आंतरिक शक्ति का अंतिम परीक्षण होगा।”