आरोही का घर
चाची: आरोही केसा रहा तेरा दिन जॉब मिली या नही।
आरोही:जी चाची जी जॉब लग गई।
चाचा जी: अरे वाह अच्छी बात है अन अच्छे से ध्यान देना हां ।
रूही:वैसे आरोही दी जॉब लगी है ना मेरा मतलब कहा लगी है आपकी जॉब।
आरोही: मेरी जॉब राठौर एंटरप्राइज में लगी है सेक्रेटरी की जॉब है।
चाची:अच्छा वैसे जॉब किसने दी ।
आरोही: वो शिवम सिंह राठौर उनके और भी देशों में ये बिजनेस चलता है उन्होंने ही ये जॉब दी है।
चाचा जी:अच्छा बेटा अब खाना खा ले और आराम कर थक गई होगी।
आरोही: जी राहुल और तन्वी कहा है।
पिहु : वो दोनो सो चुके है ।
आरोही: ठीक है आप सबने खाना खा लिया क्या।
रूही: हां और क्या आपका इंतजार करते करते भूखे मर जाते आपको तो घर की होश भी नही ।
चाचा जी: ( गुस्से में) ये कोई तरीका है क्या दीदी से बात करना का बहन है तुम्हारी मेने ये संस्कार दिए है क्या तुम्हे।
रूही: डैड मैंने कुछ गलत तो नहीं कहा घर की बड़ी बेटी है सुबह से बाहर है उन्हे घर का पता है क्या एक बार भी पूछा की खाना खाया लेकिन नही चली गई मुझे तो ये भी शक है कोई जॉब मिली भी है या नही बस घूम कर वापिस आ गई।
चाचा जी रूही को थपड लगा देते है और रूही रोते हुए कमरे में चली जाती है।
चाची जी: आप पागल हो गए है क्या बच्ची है वो नादानी में बोल दिया होगा पर इस तरह मारना ठीक नही।
आरोही: हां चाचा जी कोई बात नही रूही ने बोल दिया तो घर में छोटी मोटी नोक झोंक हो जाती है पर मरना ठीक नही।
चाचा जी: नही आरोही अगर इसे आज नही रोका तो ये कल को भी यही सब करेगी और जो उसने बोला वो बात छोटी नही थी तुम दोनो के प्यार ने ही उसे बिगड़ दिया दिया है ।
इतना बोल कर सब अपने रूम में सोने चले जाते है।
सुबह के 8 बजे आरोही का घर।
आरोही: चाची जी मेने खाना बना दिया है सुबह का भी और दिन का भी में आज तन्वी राहुल और पीहू के स्कूल का पता कर आऊंगी और रूही के कॉलेज का भी ।
चाची जी:ठीक है ।
शिवम का घर
पारुल: मां में कॉलेज जा रही हूं।
शिवम की मोम: ठीक है ध्यान से जाना।
शिवम: मोम ब्रेकफास्ट लगा दो मुझे भी ऑफिस के लिए निकलना है।
शिवम की दादी: अच्छा बैठ तो सही।
मोम: में खाना लगवा देती हु।
शिवम के डैड: शिवम मुझे आज किसी काम से दिल्ली जाना होगा तो ऑफिस देख लेना कुछ काम हुआ तो बता देना।
शिवम की मोम खाना लगा देती है सब खाना शुरू कर देते है ।
मोम: शिवम में क्या बोल रही थी की तेरी उम्र भी ठीक है तो ।
शिवम: तो मतलब आगे।
मोम: मेरा मतलब शादी की बात से था।
शिवम:मोम आप जानती है ना में सिर्फ एक लड़की से शादी करना चाहता हूं और उसका पता नही कहा है कहा नही उसके अलावा में किसी और तरफ देखूंगा भी नही ( शिवम गुस्से में वहा से निकल जाता है)।
मोम: खाना तो खा के जा।
दादी: शिवम के दिल में आज भी उसका बचपन का प्यार है पर अब उस लड़की का पता नही पर वो बच्ची सबको पसंद है काश वो शिवम की जिंदगी में दुबारा अजाय।
डैड: अच्छा ये सब छोड़ो अभी उसका मूड नही है गुस्सा में है जाने दो शाम को घर आय तो प्यार से बात करना और में जा रहा हूं में 2 3 दिन तक ही लोट पाऊंगा।
बुआ: ठीक है भाई अपना ध्यान रखना।
मोम: हां ध्यान से जाना पोहंचते ही फोन करना।
दूसरी तरफ शिवम भी ऑफिस पोहांच चुका था और आरोही ट्रैफिक में थी। शिवम अभी भी घर वाली बात पर गुस्सा था।
आरोही: काम का दूसरा दिन है और लेट हो गई हूं वो हिटलर तो मर ही डालेगा।
शिवम अपने एम्पलॉय से आरोही के लिए पूछता है तो उसे पता चलता है वो नही आई वो और गुस्से में आ जाता है।
शिवम: ( ऑफिस में) केसे लापरवाह लोग है जॉब को लगे 2 दिन भी नही हुए और लेट आना शुरू डैड ने भी न क्या देख कर इस लकड़ी को कम पर रखा।
आरोही इतनी देर में ऑफिस आ जाती है और शिवम के कैबिन में पोंछ जाती है।
आरोही: सर में i come in।
शिवम: yes come in।
आरोही: सॉरी सर वो ट्रैफिक था।
शिवम:(गुस्से में) शट अप ये कोई तुम्हारा घर नही है और अपनी मर्जी से आओ और मर्जी से जाओ ट्रैफिक था तो घर से जल्दी निकलो समझी कल से टाइम पर आना वरना घर बैठना।
आरोही:( मुंह बनाते हुए) सॉरी सर।
शिवम: फाइल्स रूम की चाबी लो और वहा से आज की मीटिंग के सारी फाइल्स ले आओ।
आरोही: जी सर।
आरोही टेबल पर पड़ी चाबी लेती है और फाइल्स रूम में फाइल्स लेने जाति है वहा पोहंच कर वो फाइल्स लेकर वापस आती है और फाइल्स शिवम के सामने रख देती है।
शिवम: अभी सिर्फ 9 30 हुए है मीटिंग 11 बजे है एक काम करो मेरा लिए एक कप कॉफी लेकर आओ।
आरोही: जी सर।
आरोही कुछ देर में कॉफ़ी लाकर शिवम को दे देती है।
शिवम:तुम ये सब फाइल्स देखो की कोई गलती तो नही अगर कुछ है तो ठीक करो।
आरोही : ओकय सर।
आरोही फाइल्स देखती है तो उसमे से कुछ पेज घूम थे।
आरोही : सर इसमें से कुछ पेज मिसिंग है।
शिवम: व्हाट? मिसिंग केसे ।
आरोही: i don't know सर फाइल्स जैसी पड़ी में ले आई।
शिवम: आरती को बुलाओ।
आरती एक एम्पलॉय थी जो की शिवम को पसंद करती थी और उस पर बहुत लाइन मारती थी और आरोही को नही पता था कि आरती कोन है वो बाहर जाती है।
आरोही: ( एम्पलॉय से) एक्सक्यूज मि आरती कोन है सर ने अंदर बुलाया है।
एम्पलॉय आरती से अंदर जाने को कहता है और दोनो अंदर जाते है।
आरती:सर अपने बुलाया।
शिवम: आरती ये क्या लापरवाही है फाइल्स में से कुछ पेज मिसिंग क्यों है ये सब जिमेदारी तुम्हारी है ना।
आरती: पता नही सर मैंने तो संभाल कर रखा था शायद लाने में आरोही से कुछ गलती हुई होगी।
शिवम: आर यू सीरियस? तुम्हे पता भी है 11 बजा मेरी कितनी जरूरी मीटिंग है पेज रखे केसे की कही भी गिर गए।आरोही क्या तुमने तो नही गिरा दिए।
आरोही: नही सर मेने जैसे वहा से उठाई वैसे ही लाई।
शिवम: चलो तुम दोनो मेरे साथ ।
शिवम दोनो के साथ फाइल्स रूम में जाता है।
शिवम: आरोही तुमने फाइल्स कहा से ली।
आरोही: सर वो लेफ्ट साइड से।
शिवम वहा देखता है तो कुछ पेज पड़े थे।
आरती: सर मैनें कहा था ना इसी से गलती हुई होगी।
अरोहि: पर सर मेने।
शिवम: शट अप आरोही मुझे तो पहले ही शक था की तुम कोई काम कर ही नही सकती डैड ने पता नही कैसे रख दिया तुम्हे।
शिवम इतना बोला कर वहा से चला जाता है पीछे आरोही भी चली जाती है आरती वही थी।
आरती:(खुद से) वाओ मजा आ गया बहुत चिपक रही थी ना शिवम से वो पेज मेने ही गिराय थे मैने तुम दोनो की बाते सुनी फिर में याह आई और ये सब किया ताकि शिवम तुमसे नफरत करे और निकाल दे कल दोनो जायदा पास आ रहे थे ना।
आरती शिवम के पीछे पागल थी उसे किसी भी कीमत के शिवम चाहिए था इसलिए वो किसी भी लड़की को देखती उसके पीछे पड़ जाती।
शिवम के कैबिन में
आरोही: सर में सच बोल रहीं हूं मैने नही गिराए।
शिवम: अपनी गलती मानना सीखो समझी ये तुम्हारी पहली और आखरी गलती है इसके बाद कुछ भी हुआ में जॉब से निकाल दूंगा
आज के लिए इतना ही कहानी केसे लगी कमेंट पर जरूर बताना थैंक यू।
क्रमक्ष