आरोही अमृतसर के गांव की लड़की जो की एक सीधी साधी लड़की है जो की बहुत मेहनती है । 21 साल की आरोही जिसने एक हादसे में अपने माता पिता को खो दिया। उसके माता पिता के खोने के बाद उसकी जिंदगी ही बदल गई ।माता पिता के जाने के बाद आरोही अकेली पड़ गई छोटी बहन 12 साल और भाई 15 साल दोनो की देख भाल आरोही के सिर आग्यी। आरोही के माता पिता के मृत्यु के बाद आरोही अपने चाचा चाची के साथ मुंबई में रहते हे आरोही की चाची का व्यवहार उसके प्रति बिलकुल भी अच्छा नही था वो आरोही को किसी नौकरानी की तरह ट्रीट करती थी । तभी उसकी शादी हुई एक ऐसे लड़के से जिसे वो बिलकुल प्यार नही करती और न ही जानती थी ।
शिवम सिंह राठौर जिससे एसएसआर के नाम से जानते है इनका बिजनेस राठौर एंटरप्राइज अमेरिका और इंडिया दोनो देशों में मशहूर है उमर 25 साल (गोरा रंग ,हल्की सी बियर्ड, दिखने में हॉलीवुड का हीरो, ब्लू आईज,सिल्की ब्राउन हेयर,मस्कुलर बॉडी ,देख कर कोई भी बता सकता है की जिम में महनात की गई है) इन्हे बिलकुल भी पसंद नही कोई भी लड़की इनके पास आए अपने माता पिता के लिया अपनी जान भी लुटा दे बोहोत प्यार करते हैं अपने परिवार से l इनका स्वभाव बहुत ही गुस्से वाला है ज्यादा बोलना इनको अच्छा नही लगता है वक्त बस काम और काम के मानले में इन्हे कोई भी गलती बर्दाश नही।
आरोही अपने दोनो भाई बहनों को स्कूल भेज कर घर आती है चाचा चाची आपस में बात कर रहे थे।
चाची : सुनो जी मुझसे नही होती इन तीनों की रख वाली कुछ करो वरना मुझसे बुरा कोई नही होगा।
चाचा जी: जेसी हमारी बेटियां है वो भी हमारी ही बेटी की तरह है उनका खयाल रखना हमारा फर्ज है ऐसे क्यों बोल रही हो।
चाची: मुझे नही पता अगर इस घर में रहना है तो घर का सारा काम करना होगा और टाइम टू टाइम घर खर्च के लिए पैसे देने होंगे।
आरोही सब सुन रही थी। वो रोते हुए कमरे में चली जाती है और बेड पर बैठ जाती है " मां पापा आज आप होते तो ये सब नही सुना पड़ता में क्या करू कुछ समझ नही आ रहा पर कोई बात नही अपने सिखाया है ना मुश्किल वक्त से लड़ना चाहिए में भी वही करूंगी" इतना बोलते ही चाची उसके कमरे में आती और बोलती है ।
चाची: आरोही सुन हम लोग कल के कल मुंबई शिफ्ट हो रहे है वहा जाकर तू कोई जॉब देखना और दोनो बच्चो को वहा के अच्छे से स्कूल में डाल देंगे ।
आरोही: पर चाची जी ये घर तो है ना तो मुंबई क्यू।
चाची जी: जबान मत लड़ा हम तेरे चाचा चाची है जो भी करेंगे तुम तीनो की भलाई के लिए करेंगे समान पैक करना शुरू कर ।
आरोही: जी ठीक है।
अगले दिन सभी मुंबई के लिया रवाना हो जाते है और अपने मुंबई पूछते ही घर चले जाते है ।
केसा लगा आपको पहला पार्ट कमेंट करके जरूर बताना.....…...फॉलो जरूर करे.........कमेंट भी जरूर करे
थैंक यू
क्रमक्ष