Chapter 11: धमाके के बाद की ख़ामोशी
Mr. Singh की मौत ने शहर को हिला कर रख दिया था।
बिज़नेस जगत, राजनीति, मीडिया — हर जगह यही चर्चा थी:
> “Singh को किसने मारा?”
“क्यों मारा?”
“और Siya अब क्या करेगी?”
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☠️ पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई…
“यह कोई आम ब्लास्ट नहीं था,” पुलिस ने बयान दिया।
“यह एक प्लान्ड असैसिनेशन है — जिसे अंदर से किसी ने निर्देशित किया है।”
Aarav चुपचाप हर खबर देख रहा था।
लेकिन Siya अब Aarav से दूर हो चुकी थी। वह सदमे में थी — Singh की शायरी, उसकी निगाहें, और आख़िरी शब्द उसे चैन से सोने नहीं दे रहे थे।
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🔍 शक की सुई Aarav पर…
एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया —
पार्टी से ठीक पहले Aarav किसी अजनबी से बात करता हुआ दिखा। कैमरे में आवाज़ नहीं थी, लेकिन इशारे बहुत कुछ कह रहे थे।
पुलिस ने Aarav को पूछताछ के लिए बुलाया।
“क्या आप Mr. Singh को जानते थे?”
“नहीं… मैं उन्हें सिर्फ़ Siya की वजह से जानता था।”
“क्या आपके पास धमाके वाली रात कोई अलिबी है?”
“मैं वहीं था… सबके सामने…”
पूछताछ खत्म हुई, लेकिन पुलिस की निगाह अब Aarav पर थी।
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🔁 Flashback — Aarav की सोच
उस रात, Aarav ने धमाके से ठीक पहले Singh को देखा था — Siya की तरफ़ बढ़ते हुए।
उसका दिल जल रहा था।
> “Siya मेरी थी… या शायद मैं चाहता था कि वो मेरी हो जाए…”
एक गुमनाम कॉल, एक काले बैग वाला आदमी, और फिर वो धमाका।
Aarav ने खुद बम नहीं लगाया था… लेकिन उस कॉल में उसका हाथ था।
वो चाहता था डर फैलाना… पर Singh की जान चली जाएगी, इसका अंदाज़ा नहीं था।
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💔 Siya की नज़रें
Siya अब Aarav को देख भी नहीं पा रही थी।
“क्या तुमने उसे मार दिया?”
Aarav ने कुछ नहीं कहा।
> “मैं सिर्फ़ तुम्हें पाना चाहता था।”
“पाना नहीं, Aarav… मोहब्बत समझना होता है।”
Siya के शब्द Aarav को चीरते चले गए।
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👁️ एक नया मोड़…
दूसरी ओर, एक डॉक्टर एक गुप्त अस्पताल में रिपोर्ट तैयार कर रहा था।
“पेशेंट अब भी कोमा में है, लेकिन रिस्पॉन्स देने लगा है…”
सिर्फ़ एक कोडनेम लिखा था — S-11
वो कोई और नहीं, Mr. Singh ही थे।
Chapter 12: अधूरी मोहब्बत और एक बंद आँख
Siya की आँखों से आँसू सूख चुके थे। अब उसकी आँखों में सिर्फ़ सवाल थे — और हर सवाल की जड़ में Aarav था।
वो बार-बार Singh की आख़िरी शायरी को दोहरा रही थी —
> “Maut bhi kya cheez hai…
Jise chaha usi ke haathon,
Zindagi chhodनी पड़ी…”
क्या Singh को सच में पता था कि उसकी मौत की वजह Siya ही होगी? या Siya की मोहब्बत?
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🕯️ Aarav का पछतावा
Aarav अब अपने ही साए से डरता था।
उसने अपने कमरे में सिंह की शायरी की एक पुरानी डायरी खोली। उसमें लिखा था —
> “Kuch rishte saza nahi dete,
Khud ko zinda chhod jaate hain…”
Aarav ने खुद से कहा,
> “मैंने Singh को नहीं मारा… पर मेरी वजह से वो मरा।”
वो हर रोज़ Siya से माफ़ी माँगना चाहता था, लेकिन Siya अब Aarav की परछाईं से भी दूर हो चुकी थी।
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📺 मीडिया की सनसनी
टीवी चैनलों पर रोज़ नए खुलासे हो रहे थे।
Singh का कोई राज़ जो Siya तक नहीं पहुँचा था।
Aarav की संदिग्ध कॉल्स।
और वो एक वीडियो क्लिप जिसमें Singh किसी रहस्यमयी जगह पर किसी से कहता है —
> “अगर कुछ हुआ तो मेरी कहानी Siya को बताना…”
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🏥 अस्पताल के उस पार...
सफेद चादरों के बीच एक शरीर अब भी कोमा में था।
डॉक्टर ने नर्स से कहा —
“उसने हाथ हिलाया है। रिस्पॉन्स दे रहा है।”
नर्स ने पूछा — “क्या उसे होश आ जाएगा?”
डॉक्टर बोला —
> “होश तो आएगा… लेकिन उस होश में शायद सिर्फ़ इंतकाम होगा।”
अचानक ECG मशीन तेज़ हुई। आँखें फड़कने लगीं।
Mr. Singh की उंगलियाँ हिलीं…
और होंठों पर एक अधूरी सी फुसफुसाहट आई —
> “Siya…”
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🖤 Siya अकेली
Siya अब रोज़ उस बेंच पर बैठती थी — जहाँ Singh पहली बार शायरी सुनाते हुए उसके साथ बैठा था।
वो ज़ोर से बोली —
> “कहीं हो तो लौट आओ… मैं नहीं जानती थी कि Aarav क्या कर रहा था…”
हवा ठंडी थी… लेकिन Siya को लगा, किसी ने उसके कान के पास धीमे से कहा —
> “Main Jalim Nahin...”
Chapter 13: एक ग़लतफ़हमी की कीमत
कुछ हफ़्ते पहले की बात थी।
Aarav हर रोज़ Siya को कॉलेज जाते देखा करता था — दूर से, बिना कुछ कहे। वो कभी उसे रोक नहीं पाया… बस उसकी हँसी और उसकी चाल को महसूस करता रहा।
एक दिन Siya अचानक कॉलेज से बाहर एक कैफ़े की ओर गई।
Aarav ने उसका पीछा किया — दिल में बस यही चाहत कि शायद आज Siya से बात हो जाए।
लेकिन वहाँ उसने जो देखा, उसने उसकी सोच ही बदल दी।
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☕ Singh और Siya — पहली झलक
कैफ़े के एक कोने में Siya किसी आदमी के साथ बैठी थी।
वो आदमी कोई साधारण इंसान नहीं था। सूट-बूट, ठंडी नज़रें, और बातों में एक शायराना गहराई — Mr. Prashant Singh।
Aarav ने बाहर से उन्हें देखा। Siya मुस्कुरा रही थी… Singh कुछ कह रहा था और Siya मुस्कुरा रही थी।
Aarav का दिल टूटने लगा। उसने सिर्फ़ एक नज़ारे से एक पूरी कहानी बना ली — बिना कुछ पूछे, बिना कुछ जाने।
> “वो उससे प्यार करती है…”
“मैं कभी उसके लायक नहीं था…”
“उसने मुझे कभी देखा ही नहीं…”
और वहीं, उसी शाम Aarav के अंदर एक ख़तरनाक बीज बोया गया — नफ़रत का।
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🔁 वर्तमान में...
Aarav ने एक पुराने पार्क में बैठकर Singh की डायरी फिर से पढ़ी।
उसमें लिखा था:
> “उस रोज़ Siya से मेरी पहली मुलाक़ात थी,
न वो मुझे जानती थी, न मैं उसे...
मगर मोहब्बतें अक्सर बिना नाम की शुरू होती हैं।”
Aarav का सिर झुक गया।
वो जो समझता रहा इतने दिनों से — वो एक ग़लतफ़हमी थी।
Singh और Siya की पहली मुलाक़ात उसी दिन थी, जब Aarav ने देखा था।
कोई पुराना रिश्ता नहीं था… कोई प्यार नहीं था।
बस Aarav ने जो देखा, उसे सच मान लिया।
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💔 पछतावा
Aarav की आँखों से आँसू बह निकले।
> “मैंने एक मोहब्बत को अपने वहम में मार डाला…”
उसे अब Singh के होश में आने का डर था।
क्योंकि अब जो Singh लौटेगा — वो मोहब्बत के लिए नहीं, शायद इंतकाम के लिए लौटेगा।
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🏥 अस्पताल के कमरे में...
Mr. Singh की पलकों ने फिर हरकत की।
साँसें अब तेज़ थीं।
डॉक्टर ने कहा —
“उसे होश आ रहा है…”
नर्स ने पूछा —
“क्या आप उसे सब कुछ बताएँगे?”
डॉक्टर बोला —
“अब वो खुद सब पूछेगा… और शायद खुद जवाब देगा।”