शिवा एक सामान्य सा लड़का था उसके कपड़े ज्यादा अच्छे नहीं होते थे उसका बैग पुराना था और जूते तो इतने घिस चुके थे कि पानी भी अंदर चला जाता था जब बारिश होती थी फिर भी वह बिना शिकायत किए हर दिन स्कूल आता था नौवीं क्लास में पढ़ता था और पढ़ाई में बहुत अच्छा नहीं था अक्सर सवालों के जवाब नहीं दे पाता था और कभी तो ब्लैकबोर्ड तक जाने में भी झिझकता था क्योंकि सब उसे देख कर हँसते थे खासकर मोंटी और लोकेश जो क्लास के अमीर और होशियार लड़कों में से थे वे हमेशा उसकी गरीबी और कमजोर पढ़ाई का मजाक उड़ाते थे
क्लास में और भी दोस्त थे जैसे राकेश प्रवीण हिमांशु आयुष और राहुल ये सब दोस्त उसके अपने जैसे थे कुछ ठीक कुछ औसत और कुछ मेहनती लेकिन वे सब शिवा के साथ थे हमेशा चाहे कुछ भी हो जाए अगर कोई कुछ कह देता तो यही दोस्त उसके लिए खड़े हो जाते शिवा की एक खास दोस्त भी थी जिया मेहरा वह एक अच्छे घर से थी लेकिन कभी शिवा को नीचा नहीं दिखाया उसने हमेशा शिवा की मदद की जब भी वह किसी सवाल में फंस जाता था जिया उसे समझाती थी और कहती थी शिवा तुम कमजोर नहीं हो बस ध्यान दो चीजें आसान हो जाएंगी
शिवा का घर छोटा सा था उसकी माँ काव्या एक साधारण गृहणी थी बहुत मेहनती और प्यार करने वाली और छोटी बहन सिया तो जैसे उसके चेहरे पर हमेशा मुस्कान लेकर आती थी जब वह थका हुआ स्कूल से आता तो सिया दौड़ कर उसे गले लगाती और कहती भैया तुम हीरो हो एक दिन बहुत बड़े बनोगे शिवा मुस्कुरा देता था लेकिन अंदर ही अंदर जानता था कि उसे बहुत मेहनत करनी होगी क्योंकि उसके पास कुछ खास नहीं था ना पैसा था ना तेज़ दिमाग और ना ही कोई अलग हुनर
शिवा को सबसे ज्यादा दुःख तब होता था जब कुछ टीचर भी उसे नजरअंदाज कर देते थे जैसे वह किसी काम का नहीं था कुछ तो ऐसा बर्ताव करते थे जैसे वह क्लास में है ही नहीं लेकिन कुछ टीचर ऐसे भी थे जो उसकी मदद करते थे उसे समझाते थे और कहते थे कि मेहनत करने से कुछ भी बदला जा सकता है
एक दिन की बात है जब सब कुछ बदल गया उस दिन क्लास में टेस्ट हुआ था और शिवा का सर बहुत दर्द कर रहा था उसने टेस्ट देने की कोशिश की लेकिन आधे से ज्यादा पेपर खाली रह गया स्कूल से निकल कर वह अकेला ही घर जा रहा था बारिश हो रही थी उसके जूते फिर से भीग गए थे और बैग में किताबें भीग रही थीं वह जल्दी जल्दी चल रहा था तभी उसके सामने एक अजीब सा उजाला फैला और उसने देखा कि चारों ओर कुछ पल के लिए सब कुछ जैसे रुक गया हो जैसे कोई पिक्चर को पॉज कर दे
अचानक शिवा को अपने सिर के अंदर एक आवाज सुनाई दी आवाज धीमी लेकिन साफ थी नमस्ते होस्ट मैं हूं द अल्टीमेट सिस्टम तुम्हारा नया साथी और गाइड अब से मैं तुम्हारे हर कदम में तुम्हारी सहायता करूंगा
शिवा घबरा गया उसने इधर उधर देखा कोई भी नहीं था आवाज फिर आई डरने की आवश्यकता नहीं है मैं केवल उन्हीं लोगों के अंदर आता हूं जिनका दिल साफ होता है और जिनमें अच्छाई होती है तुम चुने गए हो क्योंकि तुममें सच्चाई है दया है और एक बड़ा बनने का सपना है मैं तुम्हें वो सब दूंगा जिसकी तुमने कभी कल्पना भी नहीं की होगी लेकिन इसके साथ एक वादा चाहिए
शिवा ने धीमी आवाज में कहा कौन हो तुम और मुझसे क्या चाहते हो आवाज बोली मैं कोई साधारण तकनीक नहीं हूं मैं हूं द अल्टीमेट सिस्टम एक ऐसा सिस्टम जो तुम्हें पॉइंट देगा टास्क देगा स्किल देगा और हर काम में तुम्हारी मदद करेगा लेकिन शर्त यह है कि तुम कभी इसका दुरुपयोग नहीं करोगे और कभी किसी को इसके बारे में नहीं बताओगे
शिवा ने सिर हिलाया और बोला अगर तुम सच में मेरी मदद कर सकते हो तो मैं तुम्हारी हर बात मानूंगा और इसका इस्तेमाल कभी गलत नहीं करूंगा आवाज थोड़ी और मजबूत हुई और बोली बहुत अच्छा होस्ट अब तुम्हें एक बेसिक स्कैन मिलेगा ताकि तुम खुद को पहचान सको
शिवा की आँखों के सामने एक चमकती हुई स्क्रीन आई जिसमें लिखा था
**लेवल 1**
**एनर्जी लेवल: 43/100**
**पॉवर पॉइंट: 5**
**सिस्टम पॉइंट: 10**
**स्किल अनलॉक: इनविजिबल मूवमेंट (लेवल 1)**
**हेल्थ रिपोर्ट: सामान्य**
शिवा चौंक गया यह सब उसके दिमाग में था लेकिन वह सब देख सकता था समझ सकता था और महसूस भी कर सकता था उसने स्क्रीन को ध्यान से देखा और पूछा अब मुझे क्या करना होगा सिस्टम बोला अभी तुम्हें सिर्फ आराम करना है कल से तुम्हारे लिए पहला टास्क शुरू होगा लेकिन याद रहे तुम हर जगह इस सिस्टम का इस्तेमाल नहीं कर सकते अगर किसी ने देख लिया या अगर यह किसी गलत हाथों में चला गया तो दुनिया में हाहाकार मच सकता है
शिवा ने गंभीरता से सिर हिलाया और बोला मैं वादा करता हूं कि मैं इसे मरते दम तक सीक्रेट रखूंगा
स्क्रीन धीरे धीरे गायब हो गई और सब कुछ फिर से सामान्य हो गया बारिश हो रही थी सड़क पर आवाजें आ रही थीं और सब कुछ पहले जैसा था लेकिन अब शिवा पहले जैसा नहीं था
अगली सुबह शिवा की आंखें खुलीं तो उसे सिर में हल्की सी झनझनाहट महसूस हुई लेकिन उसके अंदर कुछ ऊर्जा भी थी वह जल्दी से उठा और तैयार होकर स्कूल के लिए निकल पड़ा रास्ते में सिस्टम ने उसे पहला टास्क दिया
**टास्क 1: क्लास में किसी एक दोस्त की मदद करो और पॉइंट कमाओ**
**रिवॉर्ड: 2 सिस्टम पॉइंट और एक नई स्किल की पहली झलक**
शिवा थोड़ा मुस्कराया और बोला तो अब असली गेम शुरू हुआ
स्कूल पहुंचते ही उसने देखा कि हिमांशु अपना पेन भूल गया है और बहुत परेशान है शिवा ने झट से अपना एक्स्ट्रा पेन उसे दे दिया हिमांशु खुश हो गया और बोला यार तू तो कमाल का है भाई
उसी वक्त शिवा के दिमाग में एक नई नोटिफिकेशन आई
**टास्क पूरा हुआ
+2 सिस्टम पॉइंट
नई स्किल अनलॉक प्रोसेसिंग…**
शिवा चुपचाप मुस्कराता रहा कोई नहीं जानता था कि आज से एक नया शिवा जन्म ले चुका है एक ऐसा लड़का जिसके पास अब है
**द अल्टीमेट सिस्टम*
शिवा को अब तक यकीन नहीं हो रहा था कि उसके साथ जो कुछ भी हुआ वह सपना नहीं था सिस्टम से मिलने के बाद उसका मन शांत था लेकिन भीतर एक नई ऊर्जा का प्रवाह हो रहा था ऐसा लग रहा था जैसे उसका शरीर हल्का हो गया हो वह क्लास में गया तो वहां की दुनिया अब कुछ अलग लगने लगी थी हर चेहरा जैसे साफ दिखने लगा था और हर आवाज जैसे और भी स्पष्ट हो गई थी
क्लास शुरू हुई और मैथ्स के टीचर ने सवाल पूछना शुरू किया मोंटी और लोकेश हमेशा की तरह सबसे पहले हाथ उठाने लगे लेकिन टीचर ने इस बार नजर घुमा कर शिवा की तरफ देखा और कहा शिवा तुम बताओ इस सवाल का उत्तर क्या होगा
क्लास में खामोशी छा गई सबको लगा कि शिवा तो चुप ही रहेगा या कुछ गलत बोल देगा लेकिन शिवा के दिमाग में अचानक से वही चमकदार स्क्रीन दिखी और एक हल्की सी फीडबैक आई
**एनालिसिस मोड ऑन**
**प्रश्न समझा गया**
**उत्तर: 32.5**
शिवा ने बिना रुके जवाब दिया सर उत्तर है बत्तीस दशमलव पांच
टीचर रुक गए उन्होंने कहा क्या दोबारा कहना शिवा ने फिर से दोहराया बत्तीस दशमलव पांच
टीचर ने सवाल की तरफ देखा फिर सिर हिलाया और बोले सही है बहुत अच्छे शिवा
पूरी क्लास चौंक गई मोंटी और लोकेश एक दूसरे को देखने लगे जैसे मानो कोई चमत्कार हो गया हो जिया ने मुस्कुराते हुए शिवा की तरफ देखा और धीरे से कहा गुड जॉब
शिवा मुस्कुरा दिया लेकिन कुछ नहीं बोला क्योंकि अब उसे पता था कि उसने यह उत्तर खुद से नहीं बताया बल्कि सिस्टम ने उसकी मदद की है और यह शुरुआत है अब तो आगे न जाने क्या क्या होना बाकी है
छुट्टी के समय शिवा ने सोचा कि आज कुछ नया आज़माया जाए वह मैदान में गया जहां कुछ लड़के क्रिकेट खेल रहे थे शिवा आमतौर पर खेलों में बहुत अच्छा नहीं था उसे बॉल पकड़ने में भी दिक्कत होती थी लेकिन आज उसके भीतर कुछ नया था सिस्टम की आवाज फिर गूंजी
**फिजिकल एक्टिविटी स्कैन चालू**
**रिएक्शन टाइम: 0.8 सेकंड**
**मोटर मूवमेंट सपोर्ट एक्टिवेटेड**
शिवा बॉल की तरफ भागा और जैसे ही कैच आया उसने बॉल इतनी सफाई से पकड़ी कि सब देखकर दंग रह गए वह खुद भी चौंका लेकिन चेहरे पर आत्मविश्वास बना रहा
राकेश बोला यार तू तो छुपा रुस्तम निकला आज तो कमाल कर दिया शिवा हँसा और बोला बस मूड सही था
उसी रात जब वह अपने कमरे में था और किताब खोल कर बैठा तो सिस्टम फिर एक्टिव हुआ
**होस्ट को लेवल अप करने की अनुमति प्राप्त**
**लेवल 2 अनलॉक किया गया**
**नई स्किल प्राप्त: फोकस बूस्ट (अस्थायी)**
**सिस्टम पॉइंट्स: 12**
**नया टास्क: अगले टेस्ट में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करें
रिवॉर्ड: 10 पॉइंट्स + हिडन स्किल ट्रिगर**
शिवा ने सिर झुकाया और किताब में ध्यान लगाया उसकी आँखों में अब नई चमक थी वह हर लाइन को ध्यान से पढ़ रहा था समझ रहा था और याद कर रहा था जो पहले उसके लिए सबसे कठिन था वह अब आसान लग रहा था
धीरे धीरे उसकी आदतें बदलने लगीं वह सुबह जल्दी उठता था शरीर में अब थकावट कम होती थी उसकी नींद गहरी होती थी और सपनों में अब उसे डर नहीं लगता था वह अपने आप को हर दिन थोड़ा बेहतर पाता था
जिया भी उसकी इस बदली हुई छवि को देखकर खुश थी एक दिन उसने पूछा तुमने ऐसा क्या किया कि इतनी मेहनत और ध्यान लगाने लगे हो शिवा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया बस अब और पीछे नहीं हटना बस अपने आप को बेहतर बनाना है
उसी दिन जब वह स्कूल से घर लौट रहा था तो उसे सामने कुछ बच्चे एक बुढ़िया के साथ लड़ते दिखाई दिए बुढ़िया शायद कुछ बेच रही थी और बच्चे उसका सामान गिरा रहे थे
शिवा ने बिना देर किए दौड़कर उन्हें रोका और डांटा बच्चों ने माफ़ी मांगी और भाग गए बुढ़िया ने शिवा को आशीर्वाद दिया और कहा बेटा भगवान तुम्हें बहुत बड़ा बनाएगा
उसी वक्त सिस्टम से आवाज आई
**टास्क पूरा हुआ**
**+3 सिस्टम पॉइंट्स**
**माइंड क्लीयरेंस मोड अनलॉक**
शिवा समझ चुका था कि सिस्टम सिर्फ पॉइंट देने वाला नहीं है यह उसे सही राह भी दिखा रहा है अच्छाई के रास्ते पर बढ़ा रहा है और सबसे बड़ी बात यह है कि यह उसे इंसान से कुछ अलग और बेहतर बना रहा है
रात को शिवा जब अपनी माँ के पास बैठा तो माँ ने उसका सिर सहलाते हुए पूछा बेटा तुम कुछ बदल गए हो ना अब जैसे ज्यादा शांत हो ज्यादा जिम्मेदार भी
शिवा ने कहा माँ मुझे लगता है कि अब मैं अपने सपनों के थोड़ा पास आ रहा हूँ और शायद मैं कुछ कर पाऊँगा
माँ ने प्यार से कहा बेटा जब तक तुम्हारा दिल साफ है भगवान खुद तुम्हारे साथ चलेंगे
शिवा चुप रहा लेकिन मन में एक ही बात चल रही थी
**अब मैं अकेला नहीं हूँ अब मेरे साथ है द अल्टीमेट सिस्टम**
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**एपिसोड 1 समाप्त**