वक्त यूं ही गुज़र रहा था , टिया की प्रेगनेंसी को 6 महीने गुज़र गए थे। रोहित को और इंतज़ार नहीं हो रहा था।
उसे बाकी के बचे हुए 3 महीने 3 साल के बराबर लग रहे थे।
रोहित - यार टिया एक बात बताओ, क्या ऐसा नहीं हो सकता , कि बाकी के बचे हुए 3 महीने 3 दिन में पूरे हो जाए।
टिया - हंसते हुए, क्या बच्चों जैसी बातें कर रहे हैं आप, भला ऐसा भी कहीं होता है।
रोहित - जान , मुझे सब्र नहीं हो रहा है। अब बस जल्दी से मुझे मेरा बच्चा दे दो। में उसे खिलाना चाहता हूं गोद में लेना चाहता हूं।
टिया - अच्छा यह बताओ, बेटा होगा या बेटी
रोहित - 100% बेटा ही होगा।
टिया आश्चर्य से, भला आप इतने दावे के साथ कैसे कह सकते हैं।
रोहित - क्यूंकि मुझे बेटा ही चाहिए,
टिया - यह आप क्या कह रहे हैं, बेटा हो या बेटी औलाद तो औलाद ही होती हैं।
रोहित - वह सब मुझे नहीं पता मुझे बस मेरा बेटा चाहिए।
टिया - अगर बेटी हुई तो।
रोहित - ऐसा नहीं हो सकता, मुझे पूरा विश्वास है , कि तुम मेरे बेटे को ही जन्म दोगी। और वह मेरा वंश आगे बढ़ाएगा। जब वह पढ़ लिखकर मेरा नाम रोशन करेगा ,
तो गर्व से मेरी छाती चौड़ी हो जाएगी।
टिया - लेकिन बेटी भी तो हो सकती हैं न
रोहित गुस्से से, इतनी नेगेटिव बातें क्यों कर रही हो तुम।
मुझे बेटी नहीं चाहिए, मुझे बेटा ही चाहिए समझी तुम
और अब इस विषय पर मुझे और कोई बहस नहीं करनी है।
टिया रोते हुए वहां से चली जाती है।
रात के 11:00 बज रहे थे। टिया बेड पर लेटी रो रही थी।
उसका मुंह दीवार की तरफ था।
रोहित कमरे में आता है, ओर लाइट ऑन करता है , टिया आंखें बंद करके सोने की एक्टिंग करती है।
रोहित - में जानता हूं टिया तुम जाग रही हो, आंखें खोलो और देखो, मैं तुम्हारे लिए क्या लाया हूं।
टिया - मुझे नहीं देखना
रोहित - मैं जानता हूं कि आज मैंने तुमसे बहुत गुस्से से बात की , उसके लिए मैं माफी चाहता हूं , आई एम रियली वेरी सॉरी जान
टिया - यह आप क्या कर रहे हैं, क्यों मुझे पाप का भागीदार बना रहे हैं, आपको माफी मांगने की कोई ज़रूरत नहीं है , मैं आपसे नाराज़ कभी रही नहीं सकती।
रोहित - ओहो, इतना प्यार करती हो मुझसे।
टिया - तेरी हर खुशी में है खुशी मेरी
तुझको लग जाए ज़िंदगी मेरी
खत तो कागज है फट भी सकता है
ले ले आंखों से रोशनी मेरी
रोहित - वाह वाह क्या बात है। मज़ा आ गया ,,,,,,,,,,,,,,,,
इस तरह बाकी के बचे हुए 3 महीने भी गुज़र गए।
वक्त पूरा हो गया था, लेकिन टिया को अब तक लेबर पेन नहीं हुआ, किसी भी वक्त डिलीवरी हो सकती थी , सिर्फ एक दर्द की कमी थी।
रोहित - यार टिया अब तो पूरे 9 महीने हो गए हैं । और कितना इंतज़ार कराओगी।
टिया - दुआ करो, कि जल्दी से मुझे दर्द शुरू हो जाए।
रोहित - यह क्या बकवास कर रही हो तुम , भला मैं तुम्हारा दुश्मन हूं ,। जो तुम्हारे दर्द के लिए दुआ करूंगा भगवान से ।
टिया हंसते हुए, रोहित को लेबर पेन का महत्व समझाती हैं।
रोहित - अच्छा टिया, इंसान कितना स्वार्थी होता है , वैसे तो हमें अगर ज़रा सा भी दर्द होता है , तो हम फोरन पेन किलर ले लेते हैं। और आज हम खुद दर्द की दुआ मांग रहे हैं।
टिया - औलाद ऐसी ही चीज होती है, जिसे पाने के लिए मां बाप बड़े से बड़े दर्द को हंसते हुए झेल जाते हैं।
रोहित - मैं ऑफिस जा रहा हूं , तुम अपना ख्याल रखना
टिया - ठीक है आप ऑफिस चले जाइए, अगर मेरी तबीयत बिगड़ी तो मैं आपको फोन कर दूंगी।
दोपहर का समय था , टिया घर पर अकेली थी, उसे बहुत भूख लग रही थी , लेकिन खाना पकाने की हिम्मत नहीं हो रही थी। उसने पिज़्ज़ा ऑर्डर कर दिया,
थोड़ी देर बाद कोई टिया के घर का दरवाज़ा खटखटाता है।
टिया दरवाज़ा खोलती है , सामने पिज़्ज़ा ब्वॉय खड़ा था। वह उससे पिज़्ज़ा लेकर उसे पैसे दे देती है , और अंदर चली आती है । टिया पिज़्ज़ा खाती है और कुछ देर आराम करने के लिए बेड पर लेट जाती हैं।
कुछ देर बाद उसे घबराहट शुरू हो जाती है , वह तुरंत रोहित को फोन करती है , रोहित का फोन साइलेंट मोड पर था, वह एक मीटिंग अटेंड कर रहा था। उसका ध्यान फोन की तरफ नहीं जा रहा था।
इधर टिया दर्द से तड़प रही थी , उससे दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था , वह बुरी तरह रो रही थी ।
रोहित मीटिंग में बहुत बिज़ी था , लगभग 2 घंटे बाद मीटिंग पूरी हुई तो , रोहित ने मोबाइल जनरल मोड पर लगाया, उसने देखा टिया के 50 फोन आए हुए है। वो टिया को फोन करता है।
इधर टिया दर्द में तड़प तड़प कर बेहोश हो गई थी। इसीलिए फोन रिसीव नहीं कर रही थी। पूरा घर मोबाइल की रिंगटोन की आवाज़ से गूंज रहा था।
रोहित कार लेकर तुरंत घर पहुंचता है। वहां जाकर रोहित देखता है, कि टिया बेहोश पड़ी है, उसे बेहोश देखकर रोहित घबरा जाता है, वो उसकी नब्ज़ चेक करता है, टिया की सांसें चल रही थी। वो टिया के मुंह पर ठंडा पानी छिड़कता है। थोड़ी देर में टिया को होश आ जाता है। वो टिया को कार में बिठा कर अस्पताल की ओर चल पड़ता है। रास्ते में रेड सिग्नल पर वह कार रोकता है, तभी वहां एक किन्नर आता है, और वो रोहित से कहता है, ऐ साहब जी कुछ पैसे दे दो, भगवान हमेशा आपकी जोड़ी सलामत रखे।
रोहित - क्यूं दूं तुझे पैसे, तू है कौन साला तीसरी नस्ल चल दफा हो जा यहां से।
किन्नर - साहब जी मेरा नाम पुष्पा है। और आप इतना गुस्सा क्यूं कर रहे हों। भला मेने आपको क्या कहा है
क्रमशः