आज रोहित की शादी है, इसलिए वो बहुत खुश था। वो अपने रूम में जाता है। पूरा कमरा फूलो से महक रहा था। हर तरफ गुलाब की पंखुड़ियां बिखरी हुई थी। बेड पर सफेद चादर बिछी हुई थी। और उस चादर पर लाल गुलाब की पंखुड़ियां बिछी हुई थी। और उन गुलाब की पंखुड़ियों के ऊपर टिया दुल्हन बनी बैठी हुई थी। उसके रूम में जाने के बाद टिया बेड से नीचे उतर कर दूध का गिलास रोहित को देती है। रोहित आधा दूध पीकर आधा टिया को पिला देता है। टिया फिर से बेड पर बैठ जाती है रोहित उसका घूंघट उठाता है। और कहता वाह क्या सुंदरता है। तुम्हें पाकर ऐसा लग रहा है। जैसे मैं दुनिया का सबसे भाग्यशाली पुरुष हूं। और अपनी जेब से ₹50000 का चेक निकालकर टिया को दे देता है। और कहता है यह तुम्हारी मुंह दिखाई है।
रोहित - सॉरी मुझे कोई गिफ्ट पसंद ही नहीं आया, तो मैंने सोचा मैं तुम्हें नगद रुपए दे देता हूं। तुम खुद अपनी पसंद का गिफ्ट ले लेना।
टिया - इसमें सॉरी बोलने वाली तो कोई बात नहीं है।
रोहित - झुमके लाइट्स ऑफ कर देता है। ओर टिया को बाहों में भर लेता है। ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सुबह हुई तो टिया की आंख खुली, वह उठकर बाथरूम की ओर गई। नहा धोकर तैयार हो गई। हॉल में बने मंदिर में गई, वह उसने भगवान जी की आरती की, और उसके बाद रोहित के पास कमरे में गई और रोहित को जगाकर उसे प्रसाद दिया। फिर रसोई की तरफ से आती है। नाश्ता तैयार करती है। और फिर नाश्ता लेकर रोहित के पास कमरे में चली जाती है।
रोहित - अरे तुम क्यूं परेशान हुई हो। हम नाश्ता ऑनलाइन आर्डर कर देते हैं।
टिया - कितनी शर्म की बात है, पत्नी के होते हुए खाना बाहर से आये।
रोहित -वह बात तो ठीक है लेकिन अभी आपकी शादी को वक्त कितना हुआ है। कल रात हमारी शादी हुई है आज आप रसोई में काम करने लगी। देखो जान जी मुझे यह अच्छा नहीं लग रहा।
टिया - रोहित जी आप मुझे शर्मिंदा कर रहे हैं। भला मैं अपने घर में ही तो काम कर रही हूं। और अपनी खुशी से कर रही हूं। कल तक आप इस घर में अकेले रहते थे। इसलिए बाज़ारी खाना खाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। रोज़ाना मैं आपको आपका पसंदीदा खाना बनाकर खिलाऊंगी।
रोहित - ओके जान जैसी आपकी मर्जी।
उनकी शादी को 3 महीने हो गए थे। वह खुशी-खुशी अपना वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे थे। इस महीने टिया को पीरीयड नहीं हुए थे। दोपहर का वक्त था। टिया खाना पका रही थी। तभी उसे उल्टी हो जाती है। वो रोहित को फोन करती है और कहती हैं। शाम को घर आते वक्त एक प्रेगनेंसी टेस्ट किट लेते आना। मुझे लगता है शायद मैं प्रेग्नेंट हूं।
रोहित - ओके जान , लेता आऊंगा।
शाम को रोहित घर आता है।
टिया - अरे आ गये आप। लाइये बैग और लंच बॉक्स मुझे दीजिए। मैं आपके लिए पानी लेकर आती हूं। टिया पानी लेकर आती हैं। और कहती हैं आप फ्रेश हो जाइए। इतने में खाना लगा देती हूं।
दोनों खाना खा रहे थे।
रोहित - पावभाजी बहुत स्वादिष्ट बनी हुई है।
टिया - पसंद आई आपको। और लीजिए न।
रोहित जी लेता हूं। दोनों खाना खाकर निपटें और रूम की तरफ चल दिए। रोहित अपने बैग से लेपटॉप निकालकर ओफिस का काम करने लगता है।
टिया - क्या कर रहे हैं आप।
रोहित - सोरी जान, मुझे एक प्रजेंटेशन तैयार करना है। मुझे थोड़ा वक्त लगेगा।
टिया - कोई बात नहीं है। पहले काम है। बाद में सबकुछ। लो लेट नाइट तक काम करता है, टिया इंतज़ार करते करते सो जाती है।
सुबह हुई तो टिया ने सबसे पहले प्रेगनेंसी किट ली और बाथरूम की ओर चल दीं। टिया ने टैस्ट किया, वो प्रेग्नेंट थीं। वो बहुत ही खुश हुई, जल्दी से नहा कर किचन में नाश्ता बनाया और फिर रोहित के पास आकर बोली, उठ जाइए आप में नाश्ता लगा रहीं हूं। फ्रेश हो जाइए जल्दी से।
रोहित और टिया दोनों नाश्ते के टेबल पर बैठे हुए है।
रोहित - अरे वाह हलवा, छोले भटूरे क्या बात है।
टिया - जी मैंने हलवा इसलिए बनाया है। क्यूंकि आप पापा बनने वाले हैं। आपका मुंह मीठा करने के लिए।
रोहित - सचमुच, में पापा बनने वाला हूं। तुम्हारे पेट में मेरा वंश है। आज तुमने मुझे दुनिया की सबसे बड़ी खुशी दी है। थैंक यू मुझे यह दिन दिखाने के लिए।
टिया - मुस्कुराते हुए, में खाना बांध देती हूं। आप ओफिस के लिए तैयार हो जाइए।
रोहित - तैयार तो हम ज़रूर होंगे लेकिन ओफिस के लिए नही, शॉपिंग के लिए।
टिया - आप शॉपिंग पर जा रहें हैं।
रोहित - जी, में नहीं, हम दोनों जा रहें हैं शोपिंग पर , बेबी के लिए खूब सारी शापिंग करेंगे।
टिया हंसते हुए, अरे बाबा अभी तो पहला महीना ही है।
रोहित - तो क्या हुआ, नो महीने तक हर महीने शोपिंग करूंगा मैं। तुम जानती नहीं मे कितना उत्सुक हूं। अपने बच्चे को देखने के लिए।
टिया - चलों ज़्यादा इमोशनल होने की ज़रूरत नहीं है। चलो शोपिंग पर चलो।
दोनो सन शाइन मॉल ( काल्पनिक नाम) मे शोपिंग करते हैं। तभी वहां एक किन्नर आ जाता है। उसे देखकर रोहित को बहुत गुस्सा आ जाता है। वो उसे बहुत बुरा भला कहता है। लेकिन किन्नर उसे कुछ नहीं कहता और चुपचाप वहां से चला जाता है। रोहित न जाने क्या क्या बड़बड़ाने लगा।
टिया ने पूछा क्या हुआ आपको, आप इतना गुस्सा क्यूं कर रहे हों।
रोहित - मुझे नफरत है किन्नर जाति से, इन लोगों को देखकर मेरे तन बदन में आग लग जाती है। दिल करता है सारे किन्नरो को ज़िंदा जला दूं। या इन्हें इस देश से बाहर निकाल दूं। इन लोगों की भूमिका हमारे समाज में, गले में फंसी उस हड्डी की तरह है। जिसे हम न निगल सकते हैं। और न ही उगल सकते हैं। नफरत है मुझे इन लोगों से
टिया ने आज पहली बार रोहित को इतने गुस्से में देखा था।
क्रमशः