Aur Humari Adhuri Dosti - 3 in Hindi Drama by Writer Veeru books and stories PDF | और हमारी अधूरी दोस्ती - 3

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और हमारी अधूरी दोस्ती - 3

"कभी-कभी दोस्ती भी मोहब्बत से ज़्यादा दर्द देती है"

ये बात मैं पहले नहीं मानता था लेकिन अब हर साँस यही कहती है...."क्यों छोड़ दिया मुझे, जब मैं सिर्फ तुम्हारा था?"

रात के 2:17 बजे: आर्यन की आंखों में नींद नहीं थी... और दिल में चैन नहीं।

फोन की स्क्रीन बार-बार देखता… Insta पर "online" देखता था, मगर typing… कभी नहीं आता।

आज तीसरा दिन था जब आशी ने ठीक से बात नहीं की थी। पहले तो लगा, शायद बिज़ी होगी , फिर लगा शायद मूड ऑफ होगा और अब… अब बस दिल डर रहा था।

“क्या मुझसे कुछ गलती हो गई?
क्या मैंने कुछ ऐसा कह दिया जो उसे चुभ गया?”
“उस दिन जब मैंने उसे समझाया था कि late night बाहर मत जाया कर… क्या वो उसे controlling लगा?”

“नहीं… मैं तो बस उसका ख्याल रख रहा था। उसका दोस्त हूँ, इसलिए प्रोटेक्ट किया तो क्या ये भी गलती थी?”

आर्यन की उंगलियां बार-बार उस चैट पर जाती थीं, जहाँ एक वक़्त रोज़ 400 मैसेज भेजे जाते थे , अब वही चैट खाली थी।

आर्यन की आंखें नम हो चुकी थीं।

Flashback – दो महीने पहले
"Hey stranger, you have a pretty soul..." ये पहला मैसेज था जो आशी ने भेजा था आर्यन की एक पोस्ट पर।

आर्यन थोड़ा हैरान भी हुआ और थोड़ा मुस्कराया भी।

"Thanks! You seem like a poet of lost dreams..." उसका जवाब था।

और वही एक लाइन , एक अनकहा रिश्ता शुरू कर गई थी।

दिन बीतते गए…कॉल्स से लेकर वीडियो कॉल्स तक, Insta DM से WhatsApp तक। 
हर मोड़ पर एक गहराता रिश्ता।

आर्यन ने आशी को अपना सबसे करीबी दोस्त मान लिया था।

वो हर रात "Good Night Bestie ❤️" भेजती थी…
और हर सुबह "Morning Buddy ☀️" के साथ उठाती थी।

"आर्यन की हँसी में सुकून था , उसकी उदासी में मैं खुद को खो देता था।”
“मैंने कभी उससे कुछ नहीं माँगा, सिवाय उसके साथ के।”

 फिर एक दिन आर्यन ने देखा आशी कुछ अजीब तरह से distant हो रही थी।

कभी 5 मिनट में रिप्लाई करने वाली अब घंटों तक गायब रहने लगी।
कभी जो खुद कॉल करती थी अब बोलती थी "आज बहुत थक गई हूँ , बाद में बात करेंगे।"

“क्या हम भी अब बाकी लोगों जैसे बन गए हैं? वो दोस्त जो धीरे-धीरे fade हो जाते हैं?” आर्यन ने खुद से कहा।

फिर एक रात, आर्यन ने थोड़ी हिम्मत जुटाकर आशी से पूछ लिया ? "तू मुझसे दूर क्यों हो रही है?”

कुछ सेकंड का सन्नाटा , फिर जवाब आया..."मैं बस थक गई हूँ। कुछ चीज़ें समझ नहीं आ रही आर्यन , give me some space."

वो ‘space’ वो एक शब्द , आर्यन की रातों की नींद और दिल का चैन ले गया।

उस रात की ख़ामोशी: आर्यन ने आशी के लिए कुछ नहीं कहा क्योंकि वो चाहता था कि आशी खुश रहे, जैसे वो चाहती है।

लेकिन उसी रात आर्यन रोया 😭

“जिसने हर सुबह मुस्कराहट दी , वो अब मेरे मैसेज पढ़ कर भी जवाब नहीं देती।”
“क्यों होता है ऐसा ? जो सबसे ज़्यादा अपना होता है, वही सबसे पहले पराया हो जाता है।”

दो दिन बाद: आशी ने "Seen" किया लेकिन कोई जवाब नहीं।

आर्यन ने Insta खोला और उसकी स्टोरी देखी जहां लिखा था  "Sometimes letting go is a friendship too…"एक काले बैकग्राउंड के साथ।

आर्यन: “क्या ये मेरे लिए था?
क्या अब दोस्ती भी छोड़ दी उसने? " उसने लिखा था “हमेशा साथ रहेंगे ना?”
उसने वादा किया था “मैं कभी छोड़कर नहीं जाऊँगी।” फिर ये अधूरी खामोशी क्यों?

एक दर्दभरी सुबह: आर्यन उठते ही Insta पर गया।
आशी का नाम सर्च किया तो जो उसने ज़िंदगी में नहीं सोचा था उसके साथ वह हुआ.."User Not Found."
आशी ने उसे उसे Block कर दिया था।

आर्यन: “ये वही लड़की थी जिसने कहा था ‘I trust you more than myself".
“आज वो मुझसे बच रही है जैसे मैं कोई बोझ था।”

आर्यन ने तकिये में चेहरा छुपा लिया। आँखों से बहती ख़ामोशियों ने भी अब आवाज़ें मारनी शुरू कर दी थीं।

अधूरी दोस्ती का पहला ज़ख्म , अब चैट्स खाली हैं, स्क्रीन साइलेंट है, कॉल लॉग सूना है और आर्यन का दिल , वो अब भी उसी आखिरी ‘Seen’ पर अटका है।

“शायद मैंने ज़्यादा care किया ? शायद मैं ज़्यादा डर गया था उसे खोने से।”
“मैंने कभी प्यार नहीं माँगा , बस उसकी दोस्ती को आखिरी सांस तक निभाना चाहा।”
“पर उसे शायद मेरी परवाह बोझ लगी और मैं बस एक बीता हुआ चैप्टर बन गया।”


"Aur Humari Adhuri Dosti…"अब एक कहानी बन चुकी थी जो पूरी हो सकती थी अगर promises निभाए जाते , अगर feelings समझी जातीं।

पर शायद, कुछ रिश्ते लिखे ही जाते हैं अधूरे होने के लिए।