कहानी का नाम: चॉकलेट पहाड़ का रहस्यमुख्य पात्र: परी, एक 12 साल की नन्ही और हिम्मती लड़की।
एक छोटे से गाँव में परी नाम की लड़की रहती थी, जिसे चॉकलेट बहुत पसंद थी। एक दिन उसे एक पुरानी किताब में एक नक्शा मिला, जिस पर लिखा था —"जहाँ सूरज सबसे पहले मुस्कुराए, वहाँ चॉकलेट का पहाड़ तुम्हें बुलाए!"
परी बहुत उत्साहित हो गई। उसने अपने बैग में थोड़े बिस्किट, पानी की बोतल, एक टॉर्च और नक्शा रखा और निकल पड़ी उस रहस्यमयी चॉकलेट पहाड़ की खोज में।
रास्ते में उसे कई अजीब जीव मिले —टॉफी भालू, जो पहरा दे रहा था।झरने से गिरती दूध की नदी, जिसे पार करने के लिए उसे बबलगम की नाव बनानी पड़ी।और गुब्बारे जैसे बादल, जिन पर चलकर वह पहाड़ के पास पहुँची।
आख़िरकार, जब वो चोटी पर पहुँची, तो वहाँ एक दरवाज़ा था जिस पर लिखा था —"सच्चे दिल से प्यार करने वाला ही चॉकलेट की दुनिया देख सकता है!"
परी ने अपनी माँ के लिए एक प्यारा सा नोट निकाला जो उसने सफर से पहले लिखा था —"माँ, मैं तुम्हारे लिए सबसे बड़ी चॉकलेट लाने जा रही हूँ!"
जैसे ही उसने नोट दरवाज़े पर रखा, दरवाज़ा खुल गया और सामने था —चॉकलेट से बना एक पूरा महल! दीवारें चॉकलेट की, झूमर टॉफी के, और फर्श पर बर्फ़ी की परत!
वहाँ उसे एक बूढ़े चॉकलेट राजा मिले, जिन्होंने कहा —"तुम सच्चे प्यार से आई हो, अब तुम इस चॉकलेट महल की रक्षक हो!"
परी ने थोड़ी चॉकलेट अपने गाँव वालों के लिए ली और वादा किया कि वो इस जगह की रक्षा करेगी।
सीख: सच्चे दिल और साहस से की गई यात्रा हमेशा मीठा फल देती है।
"चॉकलेट पहाड़ का रहस्य" — भाग 2: चुराई गई मिठास 🍫🔍
पिछली बार, परी को चॉकलेट महल का रक्षक बना दिया गया था। लेकिन यह कहानी वहीं खत्म नहीं होती...
एक दिन परी अपने गाँव में बच्चों को चॉकलेट बाँट रही थी, तभी अचानक चॉकलेट खुद ही पिघलने लगी! महल से आई एक उड़न चॉकलेट ने परी को संदेश दिया —"महल संकट में है, आओ जल्दी!"
परी तुरंत अपनी जादुई चॉकलेट छड़ी लेकर निकल पड़ी। रास्ते में उसे मिला एक गोलगप्पा ड्रैगन, जो रो रहा था। उसने बताया कि "कड़वे बादशाह" ने चॉकलेट महल से मिठास चुरा ली है। अब वहां सब कुछ कड़वा और डरावना होता जा रहा है।
परी ने हिम्मत दिखाई और पहाड़ की दूसरी ओर जाने का फैसला किया — जहाँ सूरज कभी नहीं उगता था। वहाँ उसे मिले:बर्फी बर्फ़ के राक्षस, जो उसे रोकना चाहते थे।झूठी टॉफी, जो दिखती मीठी थी लेकिन कड़वी थी।और एक कड़वा तालाब, जिसे पार करने के लिए परी ने अपने आँसू की एक बूँद गिराई — और पुल बन गया!
आख़िरकार, परी पहुँची कड़वे बादशाह के किले में। वहाँ उसने देखा कि मिठास एक जादुई जार में कैद थी।बादशाह बोला —"मुझे कभी किसी ने प्यार नहीं किया, इसलिए मैं मिठास से नफरत करता हूँ!"
परी मुस्कराई और अपनी जेब से एक छोटी सी मिठाई निकालकर उसे दी —"ये मेरे माँ के हाथों की बनी हुई है... इसमें सच्चा प्यार है।"
बादशाह ने जैसे ही खाई, उसकी आँखों में आँसू आ गए और वो बोला —"मैं भूल गया था कि प्यार कैसा होता है..."
मिठास का जार टूट गया, सब कुछ फिर से मीठा हो गया। महल चमक उठा और परी को फिर एक नई ज़िम्मेदारी दी गई —"अब तुम चॉकलेट के साथ-साथ कड़वाहट में भी मिठास भरने वाली परी हो!"
सीख: जो कड़वे होते हैं, उन्हें बस थोड़ा प्यार चाहिए... मिठास लौट आती है।
अगर तुम चाहो तो भाग 3 में परी एक नए मीठे ग्रह की यात्रा पर जाएगी!