### 🧩 **सीन 1: पहली मुलाकात – लाइब्रेरी में हल्की छुअन**
लाइब्रेरी में किताब ढूंढते हुए **मीरा** ऊपर की शेल्फ से एक बुक निकालने की कोशिश करती है, तभी पीछे से **आरव** आता है।
उनकी उंगलियाँ एक ही किताब पर टकराती हैं।
**मीरा** (धीरे से): “सॉरी…”
**आरव** उसकी आँखों में देखता है।
**आरव (मुस्कुरा कर):** “किताब तो तुम्हारी ही है… लेकिन नज़रे मेरी हुईं।”
मीरा का चेहरा हल्का सा लाल पड़ता है। उसकी उंगलियाँ अभी भी आरव की उंगलियों से लगी हुई हैं। वो बुक छोड़ देती है और मुस्कुरा कर निकल जाती है।
पीछे से आरव उसे जाते हुए देखता है — **धीमी सांसें, हलका कम्पन**।
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### 🔥 **सीन 2: प्रोजेक्ट मीटिंग – बारिश और भीगते हुए एहसास**
कॉलेज के प्रोजेक्ट पर काम करते वक्त अचानक बारिश शुरू हो जाती है।
मीरा बिना छतरी के होती है, आरव उसके पास आता है।
**आरव:** "चलो, मेरे साथ।"
**मीरा:** "बारिश से डर नहीं लगता। ठंड लगती है, लेकिन अच्छा लगता है…"
वो दोनों पार्किंग शेड के नीचे भीगते खड़े होते हैं। मीरा की साड़ी (या कुर्ता) उसके शरीर से चिपकी हुई है, उसके बाल भीगे हैं।
आरव उसकी तरफ देखता है — **गले की तरफ, कॉलरबोन पे टपकती बूंदें।**
**मीरा (नज़रें मिलाकर):** “क्या देख रहे हो?”
**आरव (धीरे से मुस्कुराते हुए):** “तुम्हें… तुम्हें ऐसे कभी नहीं देखा था…”
दोनों की सांसें तेज़ होती हैं। लेकिन फिर भी — कोई हड़बड़ी नहीं। बस एक **लंबा नज़रों का आलिंगन**। पहली बार दोनों महसूस करते हैं कि कुछ अंदर गहराई से जुड़ रहा है।
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### 🛏️ **सीन 3: पहली बार – बेडरूम में नज़दीकियाँ और झिझक**
मीरा पहली बार आरव के कमरे में आती है। म्यूज़िक धीमा चल रहा है। मोमबत्तियाँ जली हैं।
वो दोनों एक ही कुर्सी पर बैठते हैं, घुटनों से घुटने छूते हैं।
**मीरा:** "क्या तुमने कभी किसी से इतना जुड़ाव महसूस किया है?"
**आरव (धीरे से):** "पहली बार… और शायद आख़िरी बार भी।"
मीरा उसकी उंगलियाँ पकड़ती है। धीरे-धीरे हाथ, फिर बाँह, फिर कंधे पे हाथ रखती है।
**आरव** कांपता है।
**मीरा (धीरे से):** "डर लग रहा है?"
**आरव (सच में):** "हाँ… तुम्हें खोने का।"
वो उसे अपने पास खींचता है, माथे पर एक **धीमा, सम्मान भरा किस।** फिर, **गाल, और गर्दन की तरफ।**
मीरा की आँखें बंद हो जाती हैं।
जब दोनों की लिप्स करीब आती हैं, आरव रुक जाता है। सांसें तेज़, पर दिमाग अस्थिर।
वो पीछे हटता है।
**मीरा (हैरान):** "क्या हुआ?"
**आरव:** "मुझे तुम्हारी इज़्ज़त करनी है… तुम्हारे शरीर की नहीं, तुम्हारे डर की। मैं अभी तैयार नहीं हूँ।"
**मीरा** की आँखों में आँसू हैं, लेकिन मुस्कान भी।
> **मीरा:** "तुमने मुझे छूकर नहीं, मुझे समझकर जीता है।"
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### 💥 **सीन 4: ब्रेकअप वाली रात – ग़लतफहमी, रोष और जुनून**
मीरा उसके लैपटॉप पर कोई इंटिमेट इमेज देख लेती है। आरव के बगल में टिशू पड़ा होता है।
**मीरा (गुस्से से):** "तुम मुझे छूने से डरते हो, लेकिन खुद को हर रात छूना आसान है?"
**आरव (टूटते हुए):** "मैं डरता हूँ… जल्दी खत्म हो जाऊंगा… और तुम मुझसे नफ़रत करोगी।"
मीरा उसकी शर्ट पकड़ लेती है।
**मीरा:** "अगर तुम मुझसे प्यार करते हो तो सिर्फ मेरे शरीर के लिए नहीं…
और अगर प्यार करते हो, तो अपने डर को मार डालो… मेरे सामने, मेरे साथ।"
लेकिन आरव पीछे हट जाता है।
मीरा गुस्से में निकल जाती है।
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### 🕯️ **सीन 5: सुसाइड नोट और पुनर्मिलन**
आरव रात में एक नींद की गोली हाथ में लेता है। "माफ़ करना मीरा…" कहते हुए लिखता है:
> *“मैं एक मशीन नहीं बना… और शायद तुम्हारी उम्मीदों पर कभी खरा नहीं उतर सका।”*
मीरा को अहसास होता है — वो भी छुपा रही थी।
वो दौड़ती है… दरवाज़ा पीटती है।
**मीरा:** "आरव! तुम मशीन नहीं हो… तुम इंसान हो, और मैं भी… और हाँ, मैं भी मास्टरबेशन करती हूँ… और मैंने खुद को माफ़ किया। अब तुम्हें भी करना होगा।”
दरवाज़ा खुलता है। आरव की आंखों में आँसू।
**आरव (धीरे से):** "तुम जैसी लड़की… मुझे समझ गई?"
**मीरा:** "मैंने खुद को समझा, तो तुझे भी समझ सकी। अब चल, खुद से प्यार करना सीख।”
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### 🪧 **फाइनल सीन: कॉलेज स्टेज पर आरव का स्पीच**
> "प्यार का मतलब सेक्स नहीं है।
>
> मास्टरबेशन कमजोरी नहीं — पर उस पर शर्म करना हमारी सबसे बड़ी हार है।
>
> लड़के कोई मशीन नहीं हैं जो 4-5 घंटे सिर्फ तुम्हारे संतोष के लिए चलें।
>
> हम इंसान हैं — हमारी भी भावनाएं होती हैं।
>
> अगर एक-दूसरे से प्यार है, तो एक-दूसरे को वक्त दो, समझो…
>
> और सबसे जरूरी — किसी को परफॉर्मर मत बनाओ। पार्टनर बनाओ।"