tanha eske in Marathi Love Stories by kajal Thakur books and stories PDF | तन्हा इश्क़

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तन्हा इश्क़


एक ब्रेकअप लव स्टोरी

किरदार:आरव – एक शांत, समझदार और सच्चा चाहने वाला लड़काकाव्या – खुले ख्वाबों में उड़ती एक जज़्बाती लड़कl

भाग

1: पहली मुलाक़ात

कॉलेज का पहला दिन था। क्लास में हलचल मची हुई थी। तभी सफेद सूट में एक लड़की आई — काव्या। उसकी हँसी, उसकी आंखों की चमक... सब कुछ आरव को किसी अधूरी कहानी जैसा लगा।

आरव ने कभी किसी से प्यार नहीं किया था, पर काव्या में कुछ ऐसा था जो उसे अपनी ओर खींचता जा रहा था।

भाग 2: प्यार का इज़हार

कई महीने बीत गए। दोस्ती गहराई, और एक दिन आरव ने कॉफ़ी शॉप के कोने में बैठकर कहा,"काव्या... तुम्हारे बिना सब अधूरा लगता है। तुम मेरी कहानी बन सकती हो?"

काव्या मुस्कराई। उसकी आंखों में आंसू थे।"मुझे भी वही फील होता है आरव… शायद यही प्यार है।"

और यूं दोनों की कहानी शुरू हुई।

भाग 3: दूरी

दोनों का प्यार सच्चा था, लेकिन ज़िंदगी आसान नहीं। काव्या के घरवाले उसे दूसरे शहर भेजना चाहते थे पढ़ाई के लिए। और फिर वही हुआ जिसका डर था —दूरी आई, शक बढ़ा, बातचीत कम होने लगी।

आरव हर रात "आई मिस यू" लिखता, लेकिन जवाब कई बार "seen" तक नहीं होता।

भाग 4: आख़िरी मुलाक़ात

एक दिन आरव बिना बताए काव्या के शहर पहुंचा। उसके हॉस्टल के बाहर खड़ा रहा, बस एक बार देखने के लिए।

काव्या आई, पर उसके साथ एक और लड़का था। उनके हाथ एक-दूसरे में थे।आरव की आंखें भर आईं। वो कुछ कहे बिना पलट गया।

काव्या ने देखा, पर कुछ नहीं कहा।

भाग 5: टूटना

आरव ने उसे आख़िरी मैसेज किया:"प्यार तो सच्चा था, पर शायद वक़्त और वफ़ा दोनों हार गए। खुदा करे तेरा हर ख्वाब पूरा हो... मेरे बिना भी।"

काव्या ने जवाब नहीं दिया।एंडिंग: तन्हाई की आदत

अब आरव अकेला है, लेकिन टूटा नहीं।हर शाम वो उसी कॉफ़ी शॉप में बैठता है — जहाँ कहानी शुरू हुई थी।कभी-कभी वो मुस्कराता है, और कभी बस चुप रहता है।

क्योंकि कुछ प्यार मुकम्मल नहीं होते,पर दिल से कभी खत्म भी नहीं होते।


 इस ब्रेकअप स्टोरी "तन्हा इश्क़" का अगला भाग शुरू करते हैं —जहाँ एक अधूरी मोहब्बत के बाद नई शुरुआत होती है…तन्हा इश्क़ –

भाग 6: अधूरे दिल की नई कहानी

कॉफ़ी शॉप में बैठे हुए आज कई महीने हो चुके थे। आरव अब भी अकेला आता था, लेकिन अब उसकी आंखों में आंसुओं की जगह एक अजीब सी ठहराव था।

एक शाम, वही टेबल, वही खामोशी…तभी एक लड़की पास आकर पूछती है —"माफ करना, क्या मैं यहां बैठ सकती हूं?"

आरव ने देखा — वो मुस्कराई, उसकी आंखों में अपनापन था।नाम था — "अदिति"

भाग 7: दोस्ती का एहसास

अदिति भी टूटे रिश्तों की शिकार थी।धीरे-धीरे दोनों ने एक-दूसरे के ज़ख्म बांटना शुरू किया।

कोई प्यार नहीं…बस दोस्ती — बिना किसी उम्मीद के।

लेकिन कभी-कभी दिल वही चाहता है जो वो खो चुका होता है।

भाग 8: फिर से धड़कन

एक दिन अदिति ने कहा —"तुम अब पहले जैसे नहीं लगते, अब मुस्कराते हो… क्यों?"

आरव बोला —"क्योंकि तुमने मुझे ये सिखाया कि टूटे हुए लोग भी फिर से जी सकते हैं।"

अदिति की आंखें भर आईं।उसने कहा —"क्या हम फिर से शुरुआत कर सकते हैं, धीरे-धीरे?"

आरव ने पहली बार किसी को थाम कर कहा —"शायद अब मैं तन्हा इश्क़ नहीं… सच्चा प्यार चाहता हूं।"अंत नहीं... एक नई शुरुआत

काव्या अब किसी और की ज़िंदगी थी,पर आरव ने खुद को पाया… अदिति के साथ।

क्योंकि कभी-कभी ब्रेकअप ही तुम्हें उस इंसान तक पहुंचाता है जो तुम्हारे दर्द को समझता है — और उसे प्यार में बदल देता