Bandhan - 32 in Hindi Fiction Stories by Maya Hanchate books and stories PDF | बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 32

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 32

रीकैप 

पिछले चैप्टर में हम पढ़ते हैं कि सभी लोग गरबा खेल रहे थें तभी वनराज को एक मैसेज आता है तो वह दुर्गा और शिवायको मैसेज दिखाता है। जिसे देखकर उनतीनों के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आता है। कुछ गुंडे लड़कियों को स्मगल कर कर दूसरे देश ले जान रहे थे तभी तीन नकाबपोश आकर उन लड़कियों को बचाते हैं। 

अब आगे



एस(S) बैच वाला बोलता है हां बॉस मैंने इन लड़कियों के घर वालों का पता लगवाया है। पर इनमें से बहुत सारी लड़कियां अलग-अलग शहरों के अनाथ आश्रम से ली गई है। और कुछ के परिवार ने इन लड़कियों को कुछ पैसों के लिए बेच दिया है।



इनमें से गिनती की ही लड़कियां है जो एक्चुअली में किडनैप हुई है। बाकी सब को इलीगल वे में खरीदा गया है। 



इतना बोलकर वी बैच वाले आदमी को एक पेन ड्राइव देता है और बोलता है इन में को  उन अनाथ आश्रम के बारे में है जिन्होंने लड़कियों को इन गुंडो को बेचा दिया है। 



वह तीनों नकाबपोश बात ही कर रहे थे कि( के) नकाबपोश का ध्यान दी नकाबपोश पास जाता है तो वह से पूछता है कि वह इतना खामोश क्यों है। 



डी नकाबपोश उन तीनों नों नकाबपोश को देखकर बोलता मैं बस यह सोच रहा हूं कि जिस देश में लड़कियों को मां दुर्गा का अवतार कहा जाता है इस देश में लड़कियों के साथ इतना घटिया व्यवहार होता है। 



उसे आदमी की बात सुनकर बाकी तीनों भी कुछ नहीं बोलते हैं। 

अगली सुबह 

कपाड़िया मेंशन में सभी नाश्ता कर रहे थे की अर्णव जी शिवाय दुर्गा और वनराज से पूछते हैं की कल अचानक वह लोग गरबा करते-करते कहां गायब हो गए हैं। 

अर्णव जी का सवाल सुनकर दुर्गा एकदम खास नहीं लगती है। वही वनराज और शिवाय के चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन भी नहीं  रहता है। 



दुर्गा को खासते देखकर खुशी की दुर्गा को पानी देती है दुर्गा पानी पीते हुए फेक मुस्कुराते हुए बोली वह क्या है ना दादाजी यह जो लाल बंदर इतने सालों बाद यहां आया है तो मेरा मन किया कि हम लोग पहले की तरह लॉन्ग ड्राइव पर जाए। इस वजह से वनराज भाई को बोलकर इस लाल बंदर को लॉन्ग ड्राइव पर ले गई थी। 

इस बार दुर्गा साफ-साफ झूठ बोल रहे थी। अरनव जी उसके बोलने के लहजे में  समझ गए थे ।फिर भी वह कुछ नहीं बोलते है और फलाहार का नाश्ता करते हैं। 

रमन जी मुस्कुराते हुए बोले जो करना चाहते हो वह तुम लोग करो, पर ध्यान रखना की खुद को किसी भी चीज में फसा मत लेना। 

रमन जी की बात सुनकर कोई भी कोई रिएक्शन नहीं देता है पर दुर्गा कुछ ज्यादा ही रिएक्शन देती है। 

दुर्गा के एक्सप्रेशन देखकर वनराज और शिवाय एक दूसरे की तरफ देखते हैं जैसे बोलना चाहते हो कि इसे एक झूठ तक ठीक से बोला नहीं जाता है। 



तभी पालकी अर्णव जी से बोलती है दादू आपको याद है कुछ दिन पहले हमने आपसे कहा था कि हमने एक प्रतियोगिता में भाग लिया है। 

अरनव जी  मुस्कुराते हुए बोले हां पता है और चिंता मत करो हम जानते हैं कि तुम ही जीतोगी अगर जीत नहीं पाई तो हर से कुछ ना कुछ सीखा लोगी। 

पालकी अरनव जी को बीच में ही रोकते हुए बोली दादू बात जीत हार की नहीं है वह बात यह है कि मेरा डिजाइन उसे कंपटीशन में सिलेक्ट हो गया है। 

पालकी की बात सुनकर अर्णव जी बोले मैं तो पहले से ही जानता था मेरी पोती बहुत ही ज्यादा टैलेंटेड है इतनी सी बात बताने के लिए तुम इतना डर रही थी। 



पालकी बोलती है बात यह है कि दादू मेरा डिजाइन सेलेक्ट हो गया है पर मुझे अपने डिजाइन को दिखाने के लिए अमेरिका जाना होगा क्योंकि वहां पर लास्ट राउंड ऑर्गेनाइज किया गया है। प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ दादू मुझे अमेरिका जाने के पर्मिशन दीजिए।

आपको तो पता है ना बेस्ट डिजाइनर बनना मेरा सपना है अपने सपने को पूरा करने के लिए मुझे यह बेस्ट चांस मिला है प्लीज प्लीज अप ,ना ना  मत कीजिए मुझे जाने दीजिए। 

इस वक्त पालकी अपनी आंखें बंद कर कर जल्दी-जल्दी से अरनव जी से बात बोल रही थी। 

पालकी की बात सुनकर अर्णव जी उसे वहां अकेले जाने से मना करते हैं। 

पालकी की अमेरिका जाने के लिए बहुत जिद करती है। 

उसकी जिद देखकर अर्णव जी  बोले देखो पालकी बेटा अगर कंपटीशन शहर में होता  ,या किसी और शहर में होता तो मैं तुम्हें एक बार भी जाने से माना नहीं करता। 

पर तुम जानती हो मैं तुम्हें अकेले को अंजाने देश नहीं भेज सकता तुम वहां कैसे रहोगी। 

अर्णव जी की बात पर खुशी जी बोलती है आपने सही कहा अगर पालकी में थोड़े से भी गुण दुर्गा के होते तो उसे अकेले भेजने में इतनी हिचकी चाहत नहीं होती। 

दुर्गा बोली अगर दादू आप लोग उसे बाहर नहीं भेजोगे तो उसे जिंदगी में आगे बढ़ने का हिम्मत कैसे मिलेगी। 

दुर्गा की बात पर रमन जी भी सपोर्ट करते हैं दुर्गा ने सही कहा पापा। अगर मेरी बच्ची यूं ही रहेगी तो आगे बढ़ने का उसे हिम्मत नहीं मिलेगा ना ही मौका। 

रमन जी के बाद पर इशिता जी बोलती है यह आप क्या बोल रहे हो रमन आप जानते हो ना पालकी को वह कितनी भोली और मासूम है। अगर उसे कोई भी कुछ बोल दे तो वह बातों का अपने दिल पर लगा लेती है आप जानते हो ना आपकी लाडली कितनी सेंसिटिव है। 

तभी शिवाय बोलता है आप सब उसके इतना चिंता क्यों कर रहे हो प्रणय भी अमेरिका जाने वाला है तो पालकी प्रणय के साथ जा सकती है ।प्रणय के होते हुए पालकी को कुछ नहीं होगा। 

प्रणय की जाने की बात सुनकर दुर्गा पूछती है तुम्हारा असिस्टेंट अमेरिका क्यों जा रहा है। 

शिवाय बोलता है गजनी की फीमेल वर्जन तुम भूल रही हो कि अमेरिका में मैंने रेस्टोरेंट का बिजनेस खोला है मैं जब से यहां आया हूं तब से मेरे बिजनेस का लॉस हो रहा है इसलिए प्रणय अमेरिका वापस जा रहा है। 

शिवाय की बात सुनकर दुर्गा को तो गुस्सा आता है वह जैसे ही शिवाय से लड़ने जाती है तो वनराज बोलता है प्रणय जा रहा है तो इसमें टेंशन की बात नहीं है दादाजी आप तो जानते हैं कि प्रणय एक रिस्पांसिबल लड़का है। 

वह पालकी का ध्यान रखेगा उसके होते हुए कुछ भी नहीं होगा पालकी को। 

वनराज के बाद वहां पर सभी को सही लगती है क्योंकि वह जानते हैं कि पालकी ने बेस्ट डिजाइनर बनने के लिए कितना मेहनत करती है और इस कंपटीशन के लिए तो उसने जीतोड़, मेहनत की है। 

इस वक्त सभी के चेहरे पर उम्मीद थी कि अर्णव जी पालकी को अमेरिका जाने का परमिशन दे।

यूं इस तरह सबके चेहरे पर उम्मीद देखकर अरनव जी हार मानकर बोलते हैं अच्छा ठीक है पालकी जा सकती है प्रणय के साथ ।

अर्णव जी की बात सुनकर सभी खुश हो जाते हैं पालकी जल्दी से अर्णव जी के गले लगा कर बोली थैंक यू थैंक यू थैंक यू सो मच दादू।

उसकी खुशी देखकर सब खुश हो जाते हैं। 

रमन जी पूछते हैं तुम्हें कब जाना है तो पालकी बोलती है कि कंपटीशन तो 8 दिन बाद है पर कंपटीशन के तैयारी के लिए से कल जाना होगा। 

उसके बाद सुनकर शिवाय बोलता है तो ठीक है मैं प्रणय से तुम्हारे भी फ्लाइट की टिकट करने के लिए बोलता हूं। 

पालकी उसकी बात में हां मिला देती है। 

दुर्गा बोली क्या तूने पैकिंग की है पालकी ना में सार लाती है , तो दुर्गा उसकी हाथ खींचते हुए बोली तो जल्दी चलो वक्त काम है जल्दी पैकिंग कर लो इतना बोलकर वह वहां से उसे लेकर जाती है।।

अमेरिका जाने की वजह से क्या पालकी और प्रणय के बीच में बढ़ेगी नजदीकी या। जाने के लिए पढ़िए चैप्टर।
कमेंट और रिव्यू देना मतभूलना। टाटा बाय-बाय