tumare naam ka chad in Hindi Love Stories by kajal Thakur books and stories PDF | तुम्हारे नाम का चांद ?

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तुम्हारे नाम का चांद ?

भाग 1: पहली झलक

शहर की भीड़भाड़, कॉलेज की रौनक और नए सत्र की हलचल के बीच आयान अपनी बाइक से अंदर आया। वो एक सीधा-सादा लड़का था — शांत, समझदार और थोड़ा सा अलग। किसी भीड़ का हिस्सा होकर भी उससे बिल्कुल अलग।

दूसरी तरफ थी अनाया — तेज़, बिंदास, और हमेशा मुस्कुराती रहने वाली। उसकी आंखों में सितारे थे और बातों में जादू।

पहली बार जब अनाया ने आयान को देखा, वो कॉलेज की लाइब्रेरी के कोने में बैठा किताब पढ़ रहा था। किसी और से बिल्कुल अलग।

वो पास गई, और बिना सोचे बोल बैठी,"काफी सीरियस लगते हो, वैसे मुस्कुराना आता है?"

आयान ने पहली बार उसे देखा, और हल्की सी मुस्कान के साथ बोला,"मुस्कुराना सीख रहा हूं... शायद तुमसे।"

अनाया चौंकी, फिर हंस पड़ी।उस हंसी में जो जादू था, वो आयान की जिंदगी में उतर गया — जैसे पहली बारिश की महक।

भाग 2: छुपा हुआ प्यार

वो दोनों धीरे-धीरे दोस्त बन गए। एक दूसरे की आदतें, बातें, पसंद-नापसंद जानने लगे।

अनाया ने कभी खुलकर कहा नहीं, पर उसकी हर हरकत आयान के लिए थी।आयान ने कभी जताया नहीं, लेकिन उसकी हर चुप्पी में अनाया का नाम था।

एक दिन अनाया ने चांद की तरफ देखते हुए कहा,"अगर कभी मुझे कोई ऐसा मिला जो मुझे सच में समझे… तो मैं उसे अपना चांद कहूंगी।"

आयान ने उसी रात पहली बार आसमान की तरफ देखा और खुद से बोला,"काश, मैं उसका चांद बन सकूं।"

भाग 3: इम्तिहान

कॉलेज खत्म होने में अब कुछ ही दिन थे। अनाया को विदेश जाना था पढ़ाई के लिए।

आयान ने सब कुछ दिल में रखा… और बस एक आखिरी मुलाकात मांगी।उस दिन चांद पूरा था। वो दोनों छत पर थे।

"अनाया… तुम्हारा चांद यहीं है। हमेशा था, हमेशा रहेगा,"आयान ने कहा, उसकी आंखों में प्यार था, डर भी।

अनाया ने कुछ नहीं कहा… बस उसे गले लगा लिया और फुसफुसाई,"मुझे भी मेरा चांद मिल गया।"

भाग 4: दूरी, जो पास ले आई 🌌

विदाई का दिन आ गया था। एयरपोर्ट पर भीड़ थी, लेकिन आयान की नज़रें सिर्फ एक चेहरे को खोज रही थीं — अनाया।वो आई, गुलाबी स्वेटशर्ट में, आंखों में नम आंसू और होंठों पर वो अधूरी सी मुस्कान।

आयान ने उससे कुछ नहीं कहा… बस एक छोटा सा पैकेट थमाया।"ये क्या है?" उसने पूछा।

"मत खोलना अभी… जब वहां अकेले लगने लगे, तब खोल लेना," आयान बोला और पलट गया।

अनाया की फ्लाइट चली गई… और उसके साथ उसकी हर हँसी भी जैसे छीन ली गई हो।वो पैकेट उसने हफ्तों बाद खोला, जब एक रात बहुत उदास थी।

अंदर एक छोटी डायरी थी… और हर पन्ने पर लिखा था:"तुम मुस्कुराओगी तो ये चांद और खूबसूरत लगेगा।"

हर दिन के लिए एक पन्ना… एक बात… एक एहसास।

अनाया की आंखें भर आईं, लेकिन दिल मुस्कुरा गया।

भाग 5: जब चांद फिर पास आया 🌙

तीन साल बाद… अनाया भारत वापस आई।सब कुछ बदल चुका था — कॉलेज, लोग, मौसम… लेकिन एक चीज़ वैसी की वैसी थी — आयान।

अब वो एक स्कूल में पढ़ाता था। किताबें, बच्चे और खामोश ज़िंदगी उसका सहारा बन चुकी थी।

अनाया बिना बताए उसी स्कूल पहुंच गई।पीछे से उसकी आवाज़ आयी —"मास्टरजी… मुस्कुराना सीखा या अभी भी सिखाना पड़ेगा?"

आयान ने मुड़कर देखा — वो वही मुस्कान थी… वही आंखें… और वही दिल की धड़कन।

उसने बिना कुछ बोले डायरी निकाली और कहा,"अब तुम्हारा हर दिन मेरे साथ लिखना है।"

अनाया ने हाथ बढ़ाया… और बोली,"अब मैं तुम्हारा चांद नहीं… मैं तुम्हारी पूरी कायनात हूं।"

बहुत बढ़िया Kajal ❤️अब चलो कहानी "तुम्हारे नाम का चांद" का अगला हिस्सा यानी भाग 6 पढ़ते हैं… और इस बार एक प्यारा सा Twist भी है, जैसा फिल्मों में होता है 🎬💔➡️❤️भाग 6: अधूरा सच 🌧️

अनाया और आयान अब साथ थे।दिन किताबों के बीच बीतते और रातें ख्वाबों में।हर सुबह की शुरुआत मुस्कान से होती और हर शाम का अंत हाथों में हाथ लेकर।

लेकिन एक शाम आयान ने अनाया से कहा —"तुम्हारे लिए एक बात छुपाई है… एक ऐसा सच जो कहने से डरता रहा हूं।"

अनाया चौंकी —"क्या?"

आयान की आंखें नीचे झुक गईं।

"जब तुम विदेश गई थीं, तुम्हारे बाद मेरी मां… नहीं रहीं।और उस दिन, मैंने एक वादा किया था —जब तक खुद को संभाल न लूं, तुम्हारे सामने नहीं आऊंगा।इसलिए मैंने तुम्हें कभी कॉल नहीं किया… कभी मैसेज नहीं… बस तुम्हारी डायरी में जिंदा रहा।"

अनाया की आंखों से आंसू बहने लगे।

"तुम्हारे बिना मैं अधूरी थी… और तुम तकलीफ में थे, फिर भी मुझे हंसाने की कोशिश करते रहे?"

आयान मुस्कुराया,"तुम्हारा चांद कभी तुम्हें रोता नहीं देख सकता था।"

अनाया ने उसे गले लगा लिया और फुसफुसाई —"अब किसी भी दर्द को अकेला नहीं झेलना… क्योंकि अब मैं हूं — हमेशा, हर हाल में।"भाग 7: वो दिन जब नाम बदल गया 💍🌸

कुछ महीनों बाद…

शहर के सबसे छोटे मंदिर में एक सादगी भरी शादी हुई।न तामझाम… न भीड़… बस दो दिल, एक वादा और चांदनी रात।

आयान ने मांग में सिंदूर भरा और धीरे से कहा —"अब तुम सिर्फ अनाया नहीं… अब तुम 'अनाया आयान' हो — चांद की रौशनी, हमेशा के लिए मेरी।"

अनाया मुस्कुराई,"और तुम मेरे उस ख्वाब की तरह हो जो अधूरा नहीं रहा।"

तो चलो Kajal 💕अब लाते हैं कहानी "तुम्हारे नाम का चांद" का भाग 8, जिसमें है हनीमून की रूमानी दुनिया — जहाँ सिर्फ आयान और अनाया होते हैं, और उनके बीच बस प्यार… एहसास… और चांदनी रातें। 🌙✨भाग 8: चांदनी रात और वो वादा 🌊

शादी के बाद, आयान ने अनाया से कहा —"तुम्हें लेकर वहां जाना चाहता हूं जहाँ चांद भी नीचे उतर आए…"

अनाया मुस्कुरा कर बोली,"जहाँ भी तुम हो, वहां सब कुछ मेरे लिए आसमान जैसा है।"

दोनों कश्मीर पहुंचे — बर्फ से ढकी वादियाँ, झीलों में तैरती शिकारे, और हवा में ताजगी सी।

पहली रात वो दोनों डल झील के किनारे बैठे थे, हाथों में कॉफी और सामने चांद झील में उतरता दिख रहा था।

अनाया ने धीरे से कहा —"आयान… क्या प्यार हमेशा ऐसा ही रहता है?"

आयान ने उसके हाथ को थामते हुए कहा —"नहीं… प्यार समय के साथ बदलता है।पर अगर वो सच्चा हो, तो हर बदलाव उसे और गहरा बना देता है।"

उसने अनाया के माथे को चूमा, और फिर जेब से एक छोटा सा पन्ना निकाला।

"ये क्या है?""वो आखिरी पन्ना… जो मैंने डायरी में नहीं रखा था। सिर्फ तुम्हारे हाथों के लिए बचा रखा था।"

अनाया ने कांपते हाथों से पन्ना खोला:“अगर अगले जन्म में भी मिले, तो फिर से मेरा चांद बनना… और फिर से मेरी मुस्कान लिखना।”

अनाया की आंखें भर आईं। वो बोली —"अगर अगले जन्म में भी मिली… तो मैं तुझे हर दिन इतना हँसाऊंगी कि तेरा ग़म खुद शर्मिंदा हो जाए।"आगे क्या हो?

वाओ Kajal ❤️तुम्हारा "हाँ" हर बार कहानी में एक नई रौशनी ले आता है ✨अब चलो, "तुम्हारे नाम का चांद" का भाग 9 शुरू करते हैं — और इस बार कहानी में है एक प्यारी सी सरप्राइज न्यूज़ 💌👶भाग 9: वो पहली धड़कन 💓👶

कश्मीर से लौटे कुछ ही हफ्ते हुए थे…अनाया की तबियत कुछ अजीब सी रहने लगी। कभी उलझन, कभी चक्कर, कभी अचानक मुस्कराना।

आयान ने देखा और मज़ाक में बोला —"लगता है, मेरी मोहब्बत अब खुराक से ज़्यादा असर कर रही है।"

अनाया हँसी, फिर चुपचाप डॉक्टर से मिलने गई।

रात को, जब आयान घर लौटा, अनाया ने उसे एक छोटा सा बॉक्स थमाया।

"ये क्या है?""खोल कर देखो… तुम्हारे नाम की सबसे बड़ी ख़ुशी है इसमें।"

आयान ने खोला — अंदर एक छोटा सा बेबी शू और एक कार्ड था।उस पर लिखा था:

“हमारा चांद अब तीन होगा…”

आयान के हाथ कांप गए…"अनाया… क्या सच में?"

अनाया ने आंखों में आंसू और मुस्कान के साथ सिर हिलाया —"अब तुम्हारी मुस्कान दो लोगों की जिम्मेदारी है…"

भाग 10 का ट्रेलर 🎥

अब क्या हो अगले हिस्से में?अनाया की प्रेग्नेंसी का खूबसूरत सफ़र?आयान का बच्चे के लिए नाम सोचते-सोचते पागल हो जाना?या फिर एक छोटा-सा डर… कोई मेडिकल रिपोर्ट वाला ट्विस्ट?

तो चलो Kajal ❤️अब मैं "तुम्हारे नाम का चांद" का भाग 10 लिख रही हूँ — जैसा तुमने कहा "Likho na", तो ये हिस्सा होगा प्यारा, इमोशनल और थोड़ा थ्रिल से भरा — बिल्कुल तुम्हारे जैसा 💫भाग 10: एक नन्हा चांद और एक डर 🌙👣🩺

अनाया की प्रेग्नेंसी का छठा महीना चल रहा था।उसका चेहरा पहले से भी ज़्यादा निखर चुका था — जैसे अंदर से रोशनी छलक रही हो।

आयान हर दिन कुछ नया करता — कभी बेबी के लिए खिलौने लाता, तो कभी कहानियों की किताबें पढ़ता उसके पेट के पास बैठकर।

"ये बच्चा जब आएगा ना, तो तुम्हारे जैसा मुस्कुराए और मेरे जैसा पागल हो!"अनाया मुस्कराती, "नहीं… वो सिर्फ हमारे जैसा हो — बस प्यार सा।"एक शाम… 🌫️

रात को अनाया को अचानक पेट में तेज़ दर्द हुआ।वो ज़मीन पर बैठ गई, और आयान भागकर उसे हॉस्पिटल ले गया।

डॉक्टर अंदर ले गए… दरवाज़ा बंद हुआ।आयान के हाथ कांप रहे थे… उसकी सांसें टूट रही थीं।

30 मिनट बाद डॉक्टर बाहर आया,"मां और बच्चा दोनों फिलहाल ठीक हैं… लेकिन थोड़ा रिस्क है। अगले दो महीने बेहद संभाल के रखने होंगे।"

आयान अंदर गया — अनाया उसकी तरफ देखकर मुस्कुराई,"माफ़ करना… तुम्हें डराया ना।"

आयान ने उसका हाथ पकड़ा और आंखों में झांकते हुए बोला:"तुम्हारा और हमारे बच्चे का कुछ भी हुआ ना… तो मेरा चांद अधूरा रह जाएगा।"अगली सुबह ☀️

अनाया बेड पर थी, और आयान ने दीवार पर एक छोटी सी पेंटिंग टांगी —एक चांद… उसके आगे एक छोटा चांद… और नीचे लिखा था:

"जल्द आओ, मेरी रौशनी। तुम्हारे पापा तुम्हें कहानियाँ सुनाने को तैयार हैं।"