Part 1: आसमान के उस पार
रात का वक़्त था। शहर की रौशनी धीरे-धीरे बुझ रही थी और आसमान तारों से भरने लगा था। पर किसी एक तारे पर नज़र टिक गई — आरव की।
वहीं दूसरी तरफ, एक पहाड़ी गांव में, चाय की दुकान पर बैठी थी आयरा। वो किताबों में खोई रहती, आसमान की बातें करती और हर रात एक खास तारे को देख मुस्कुरा देती।
उसे क्या पता था कि जिस तारे को वो देखती है, वही कोई लड़का दूसरी दुनिया में भी उसी तारे से उससे जुड़ रहा है।
Part 2: पहली बार… सपने में
एक रात आयरा को सपना आया—वो किसी अजनबी लड़के के साथ किसी अजनबी जगह पर बैठी है, और वो लड़का कह रहा है,"तुमने मुझे बुलाया है न तारे के ज़रिए? मैं आरव हूं।"
वो सपना बार-बार आने लगा।
और हर बार, वो सपना और असली लगता।
Part 3: टूटी हकीकत, जुड़ा रिश्ता
एक दिन आयरा अपने गांव के बाहर उस पहाड़ी पर गई जहां से पूरा आसमान दिखता था। उसने वही तारा देखा, और कहा,"अगर तू सच में है, तो मेरे पास आओ..."
अगली ही सुबह एक लड़का उस गांव में आया, कैमरा हाथ में, मुस्कुराता चेहरा — आरव।
"क्या ये वही सपना था... या वो हकीकत?" दोनों ने एक-दूसरे को देखा, और उन्हें समझ नहीं आया कि वो पहली बार मिल रहे हैं… या सदीयों बाद।
Part 4: तारा, तू क्यों गिरा?
जिस तारे ने उन्हें जोड़ा था, वो एक रात टूट गया। उसी रात गांव में आंधी आई, आरव लापता हो गया। आयरा ने दिन-रात उसी पहाड़ी पर उसका इंतज़ार किया।
एक रात, उसे एक टूटा तारा दिखा — पर वो नीचे नहीं गिरा। वो बस चमक रहा था… जैसे किसी की आंखें हों।
Part 5: मोहब्बत जो आसमान से बंधी थी
6 महीने बाद शहर की एक प्रदर्शनी में आयरा गई। वहां एक फोटो लगी थी — ठीक उसी पहाड़ी की, जहां वो इंतज़ार करती थी।
नीचे नाम लिखा था — "तुम्हारी आंखों का तारा - आरव"
वो दौड़ी... और ठीक पीछे एक आवाज़ आई:"अब अगर तारा टूटे भी न, तो भी मैं नहीं जाऊंगा।"
Title: "तारों से बंधी मोहब्बत"
Part 6: खोया था जिस पल में… वहीं से शुरू हुए हम
"अब अगर तारा टूटे भी न, तो भी मैं नहीं जाऊंगा।"ये आवाज़ आरव की थी।आयरा का दिल जैसे एक पल को रुक गया, आंखें भर आईं, और जुबां पर एक ही सवाल था—"तुम गए क्यों थे?"
आरव मुस्कराया, लेकिन उस मुस्कुराहट में भी कोई अधूरी कहानी छुपी थी।
"मैं तुम्हें खोने से डर गया था आयरा… इसलिए चला गया।"
"और मैं तुम्हें पाकर खुद को पा चुकी थी, फिर भी तुमने मुझे अधूरा छोड़ दिया?"
उस शाम पहली बार चुप्पी ने मोहब्बत को आवाज़ दी।
Part 7: एक वादा... फिर न जाना कभी
आरव ने अपना कैमरा निकाला, और उसे वो तस्वीर दिखाई —जिसमें आयरा उस पहाड़ी पर बैठी थी, ठीक उसी दिन जब वो लौटने वाला था।
"मैं गया था खुद को साबित करने, ताकि जब लौटूं, तो तुम्हारे लायक बन सकूं।""पर आरव, मैं तो पहले ही तुम्हें अपने हर ख्वाब में देख चुकी थी…"
आरव ने उसकी हथेली में एक पुरानी सी चेन रख दी। उसमें वही तारा जड़ा था — टूटा हुआ।
"अब ये तारा तुझसे कभी दूर नहीं जाएगा।"
Part 8: मोहब्बत जो अब साज बन चुकी थी
आयरा अब किताबें नहीं लिखती थी, वो तस्वीरों में कहानियां ढूंढती थी — आरव की क्लिक की हुई।
आरव अब बस तस्वीरें नहीं खींचता था, वो हर तस्वीर में आयरा की आंखें तलाशता था।
शहर में उन्होंने एक छोटा सा आर्ट स्टूडियो खोला —नाम रखा: "A+R: Taaron Ki Kahani"
जहां हर जोड़ा आता, और अपनी अधूरी मोहब्बत को पूरा होता देखता।
Part 9: परछाइयों की परीक्षा
एक रात, जब सब सही चल रहा था, तभी कुछ अजीब हुआ।आरव की आंखों में दर्द था…वो ज्यादा देर तक रौशनी नहीं देख पाता था।
डॉक्टर ने कहा:"अगर यूं ही कैमरा चलाते रहे, तो आंखों की रौशनी चली जाएगी।"
आरव ने कैमरा छोड़ा…पर आयरा ने नहीं।
"अब मैं तुम्हारी आंखें बनूंगी, और तुम मेरी तस्वीरें बनाओगे।"
Part 10: तारे अब हमारे भीतर हैं
समय बीता, मोहब्बत और गहरी हुई।अब वो तारे आसमान में नहीं, उनके अंदर चमकते थे।
और जब कोई पूछता,"क्या सच में तारे जोड़ सकते हैं दो अनजान दिलों को?"
आयरा मुस्कुरा कर कहती,"हां, जब मोहब्बत रूह से हो — तो तारे भी झुक जाते हैं मिलने के लिए।
Title: "तारों से बंधी मोहब्बत"
Part 11: मोहब्बत का वो अधूरा खत
एक शाम जब आयरा स्टूडियो के पुराने सामान को संभाल रही थी, उसे एक छोटी-सी डायरी मिली —जिस पर लिखा था "Aarav’s Last Letter – Never Sent"
आयरा की उंगलियां कांप गईं…"ये कब लिखा गया था?"
डायरी खोली।पहला पन्ना—
"अगर कभी मेरी आंखें तुम्हें न देख सकें, तो जान लेना कि मैंने तुम्हें रूह से महसूस किया है।""अगर मैं लौट न सका, तो जान लेना कि तारे तुम्हारा ख्याल रखते हैं।""और अगर किस्मत हमें फिर से मिलाए... तो मैं सबसे पहले तुम्हारी आंखों में उतरूंगा."— आरव
आयरा की आंखों से आंसू बह निकले।"तुमने मुझसे कुछ छुपाया था, आरव?"
Part 12: रहस्य जो आरव ने छुपा लिया था
वो डायरी का आख़िरी पन्ना एक पुराने हॉस्पिटल पर्चे से जुड़ा था।जिसमें लिखा था:"रेटिना डैमेज – प्रोग्रेसिव – 60% लोस ऑफ विजन (2025 तक)"
"मतलब जब वो मुझसे पहली बार मिला... उसे सब धुंधला दिखने लगा था?"
तब उसे याद आया —वो कभी उसकी आंखों में ज्यादा देर नहीं देख पाता था,वो हमेशा उसकी आवाज़ से रास्ता पहचानता था,वो कैमरे से तस्वीर तो खींचता था, पर एडिट आयरा करती थी...
Part 13: जब दर्द इश्क में बदलता है
रात को आयरा ने आरव को वो डायरी दिखाई।आरव शांत था।
"मैं तुम्हें अपनी कमजोरी नहीं दिखाना चाहता था आयरा... इसीलिए जब देखा कि रोशनी चली जा रही है, तो खुद को दूर कर लिया।"
आयरा ने उसका चेहरा पकड़ा,"कमजोरी नहीं हो तुम, आरव… तुम मेरी सबसे बड़ी वजह हो जीने की।"
Part 14: नए रंग, नई रोशनी
आयरा ने स्टूडियो को फिर से डिज़ाइन किया —अब वो "Tactile Art" बनाती थी — जो अंधों के लिए उंगलियों से महसूस करने वाली कला थी।
आरव अब देख नहीं सकता था…पर जब वो किसी तस्वीर को छूता था, उसे आयरा की मुस्कान महसूस होती थी।
Part 15: जब आखिरी तारा टूटा... और एक नया चमका
एक रात, जब आसमान साफ था —एक तारा टूटा।
आयरा ने कहा,"अब डर नहीं लगता, आरव। क्योंकि अब मैं जानती हूं, तारे गिरते नहीं, बस नया रूप लेते हैं।"
आरव बोला,"और अगर रोशनी छिन भी जाए... मोहब्बत कभी नहीं जाती।"
उन दोनों ने हाथ थामे —एक वो जो देख नहीं सकता था,एक वो जो उसकी जगह सब देखती थी।
और उस पल, आसमान में एक नया तारा उगा —उन दोनों के नाम का।