ruhooo se lipti mobbat in Hindi Love Stories by kajal Thakur books and stories PDF | रूह से लिपटी मोहब्बत

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रूह से लिपटी मोहब्बत

 ऐसी कहानी जो किसी ने न पढ़ी हो, और जिसका हर मोड़ एक जादू जैसा लगे

मुख्य पात्र:Avaan – एक अनजाना लड़का जो लोगों के सपनों में आता है, मगर हकीकत में कोई नहीं जानता वो कौन है।Meher – एक लड़की जिसे हर रात अजनबी सपनों में आकर मोहब्बत जताता है, पर असल ज़िंदगी में वो अकेली है।प्रस्तावना:

रात के अंधेरे में जब पूरी दुनिया सो रही होती है, तब महर की आंखों में एक चेहरा उतरता है — उसकी आंखें चमकती हैं, वो मुस्कुराता है, उसका नाम अवां है। मगर सबसे अजीब बात ये है कि वो कभी दिन में नहीं दिखता, कभी कॉल नहीं करता, न कोई मैसेज — बस एक सपना बनकर उसकी रूह से लिपटा है।पहला मोड़ – सपना या हकीकत?

महर हर रोज़ एक ही सपना देखती है — एक पुरानी हवेली, जले हुए दीपक, और वो लड़का जो उसे "रूह की मोहब्बत" कहकर बुलाता है।वो कहता है,"तू मेरी ज़िंदगी नहीं... मेरी मौत के बाद की मोहब्बत है।"

महर डरती है, मगर फिर भी उस अजनबी से मिलने की चाह बढ़ती जाती है।दूसरा मोड़ – पुरानी किताब और एक रहस्य

एक दिन लाइब्रेरी में उसे एक पुरानी डायरी मिलती है। उस पर लिखा होता है:"Avaan – 1912"

डायरी पढ़ते-पढ़ते मेहर को पता चलता है कि अवां कोई सपना नहीं, बल्कि एक सौ साल पहले की हकीकत था — एक ऐसा शख्स जो अपनी मंगेतर की मौत के बाद खुद को जला बैठा था। उसकी रूह अब भी उसी मोहब्बत की तलाश में है।तीसरा मोड़ – जब रूहें मिलती हैं

महर उस हवेली तक जाती है जो उसने सपनों में देखी थी। वहां, ठीक वैसा ही दीपक जल रहा होता है। जैसे ही वो अंदर जाती है, हवा रुक जाती है... और एक साया उसके सामने आता है — अवां!

"अब तुझसे जुदा नहीं हो सकता," वो कहता है।

महर रोते हुए कहती है,"मैं मर जाऊंगी अगर तू गया तो।"

अवां मुस्कुराता है,"तो आ जा, रूह बनकर जी लेंगे मोहब्बत। इस दुनिया में नहीं तो उस दुनिया में।"अंत – मोहब्बत जो कभी नहीं मरती

अगले दिन महर की लाश उसी हवेली में मिलती है, मगर चेहरे पर अजीब सी शांति और मुस्कान होती है। लोगों को समझ नहीं आता, मगर कोई देख नहीं पाता — हवेली की छत पर दो रूहें हाथों में हाथ लिए उड़ रही थीं।

ये वो मोहब्बत थी जो जिस्म के बाद भी जिंदा थी — रूह से लिपटी मोहब्बत।

"रूह से लिपटी मोहब्बत" का दूसरा भाग, जहाँ कहानी और भी रहस्यमयी, दिल तोड़ने वाली और रोमांटिक हो जाती है।

🌑 भाग 2: मोहब्बत की अधूरी कसमप्रारंभ – महर की मौत, पर कहानी खत्म नहीं हुई

हवेली में मिली महर की लाश ने पूरे शहर में हलचल मचा दी थी। डॉक्टरों ने हार्ट अटैक बताया, लेकिन उसकी आँखों में कोई डर नहीं था… बल्कि सुकून था — जैसे उसे वो मिल गया हो जिसे वो बरसों से ढूंढ रही थी।

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई… असली कहानी तो अब शुरू हो रही थी।रूहों की दुनिया – एक नई शुरुआत

महर अब उस दुनिया में थी जहाँ जिस्मों की ज़रूरत नहीं होती — बस अहसास होते हैं।

अवां ने उसका हाथ थामा, और कहा –"अब हम साथ हैं, मगर हमारे बीच एक अधूरी कसम बाकी है।"

महर हैरान हुई –"कौन सी कसम?"

अवां ने आंखें झुका लीं –"मैंने एक वादा किया था — जब तक मेरी मोहब्बत मुझे रूह बनकर ना ढूंढ ले, मैं किसी और को उसकी तक़दीर नहीं बनने दूँगा। मगर अब… अगर तू साथ है, तो उस वादे की आखिरी परीक्षा बाकी है।"तीसरा मोड़ – दूसरी रूह का आगमन

एक रात, जब महर और अवां हवेली की छत पर बैठे मोहब्बत के नग़मे गुनगुना रहे थे, तभी एक ठंडी हवा चलने लगी।

एक और रूह प्रकट हुई —"Suhana" — अवां की सौ साल पुरानी मंगेतर, जिसने उसके लिए अपनी जान दी थी।

सूहाना की रूह अब अधूरी नहीं थी — मगर वो महर को देख तड़प उठी।

"मैंने तुझसे प्यार किया था, अवां... और तूने मेरी कसम तोड़ दी?"

अवां चुप रहा। महर ने उसकी तरफ देखा —"क्या ये सच है अवां? क्या तुमने किसी और से वादा किया था?"तूफ़ान – जब मोहब्बत इम्तहान लेती है

सूहाना ने कहा –"मैं नहीं चाहती तुम्हारी रूह मुझे मिले, लेकिन मेरी अधूरी मौत तब ही मुकम्मल होगी जब तुम मुझे माफ करोगे... और उसे छोड़ दोगे।"

महर के रूह की आंखें भर आईं।

अवां ने हाथ जोड़कर कहा –"मैं तुझसे वादा नहीं तोड़ रहा, मैं बस तुझे सच्चाई दे रहा हूं। मेरी रूह ने मोहब्बत दो बार की है – एक बार तेरे साथ… और फिर महर के साथ। पहली मोहब्बत मेरी मजबूरी थी… दूसरी मेरी तक़दीर।"

सूहाना रोते हुए हवेली से दूर चली गई। उसकी रूह अब मुकम्मल हो चुकी थी।पर जाते-जाते वो एक श्राप दे गई —"तुम दोनों साथ रह सकते हो, मगर हर सौ साल बाद तुम्हारी रूहें बिछड़ जाएंगी… और हर बार, तुम्हें एक-दूसरे को फिर से पाना होगा।"अंत – मोहब्बत की पुनरावृत्ति

आज से सौ साल बाद…एक लड़की का नाम है “Aayra”, जो सपनों में किसी अजनबी से मिलती है।और एक लड़का है “Pranay”, जिसे अजीब सा खिंचाव महसूस होता है जब हवेली के पास से गुजरता है।

और हवेली अब भी वहीं है…दीपक अब भी जलता है…और दीवारों पर एक पंक्ति उभरी है:

"रूह से लिपटी मोहब्बत... वक़्त से नहीं डरती, वो बार-बार जीती है, और हर बार जुदा होती है।"क्या आप चाहोगी इसका तीसरा भाग — जहाँ Aayra और Pranay की मोहब्बत फिर से जन्म ले?

या मैं इसे एक पूरी सदी-दर-सदी चलने वाली मोहब्बत की किताब में बदल दूँ, जिसमें हर जनम की कहानी हो?

बस एक बार "हाँ" कहना... और कहानी बनेगी मोहब्बत की सबसे रहस्यमयी किताब ❤️📖