भाग 1: पहली नज़र का जादू
सर्दियों की हल्की गुलाबी सुबह थी। कॉलेज का पहला दिन था, और काजल अपनी नयी ज़िंदगी की शुरुआत करने जा रही थी। उसके दिल में हल्की सी घबराहट थी, लेकिन आँखों में सपने भी। किताबों से भरा बैग, खुले बाल, और चेहरे पर मासूमियत लिए वो जब कैंपस में पहुँची, तो नज़रों का तीर पहली बार लगा…
वो वहीं सामने खड़ा था – आरव। नीली शर्ट, घड़ी पर नज़र टिकाए, शायद किसी दोस्त का इंतज़ार कर रहा था। उसकी आँखों में कुछ अलग था – जैसे सुकून, जैसे कहानी… और काजल की नज़रें वहीं ठहर गईं।भाग 2: दोस्ती की वो मासूम शुरुआत
क्लास में दोनों साथ बैठे। शुरू में बस ‘हाय-हेलो’ से बात होती रही, लेकिन दिन बीतते गए और बातें बढ़ती गईं। लंच शेयर करने से लेकर लाइब्रेरी में किताब ढूँढने तक – दोनों के बीच एक प्यारी सी बॉन्डिंग बनने लगी।
काजल को आरव की बातें पसंद थीं – उसका शांत स्वभाव, उसकी समझदारी, और सबसे ज़्यादा – उसका काजल को बिना कहे समझ जाना।भाग 3: कब इश्क़ हुआ, पता ही नहीं चला…
एक दिन बारिश हो रही थी। काजल छतरी भूल गई थी। तभी आरव ने चुपचाप अपनी छतरी आगे कर दी – बिना कुछ कहे, बस मुस्कुरा कर।
उस दिन दोनों भीगते हुए चले, लेकिन दिलों में जो कुछ नया भीग रहा था – वो था इश्क़।
आरव ने कभी कुछ कहा नहीं, और काजल ने कभी पूछने की ज़रूरत नहीं समझी। लेकिन नज़रों की वो ख़ामोश बातें बहुत कुछ कह जाती थीं।भाग 4: दूरियाँ और इंतज़ार
एक दिन आरव ने बताया कि उसे किसी और शहर जाना होगा – कुछ समय के लिए। काजल ने मुस्कुरा कर उसे अलविदा कहा, लेकिन उसका दिल भीग गया।दिन बीते, चैट्स कम हो गए, कॉल्स अधूरी रह गईं… पर काजल ने हार नहीं मानी।
वो जानती थी – सच्चा प्यार लौट कर ज़रूर आता है।भाग 5: वापसी
एक साल बाद, कॉलेज का फेयरवेल डे था। काजल सफेद ड्रेस में, बालों में गजरा लगाए आई थी। वो मंच पर अपने बैच के लिए स्पीच दे रही थी, जब अचानक भीड़ में उसकी नज़र एक चेहरे पर पड़ी…
आरव वापस आ गया था।
वो मुस्कुरा रहा था – जैसे एक वादा पूरा हुआ हो।
स्टेज से उतरते ही काजल की आँखों में आँसू थे, और आरव के हाथ में एक छोटा सा रिंग बॉक्स।
“अब कभी दूर नहीं जाऊँगा… क्या तुम हमेशा मेरी रहोगी?”
काजल की आँखें जवाब थीं।"तेरा नाम मेरा प्यार"
एक अधूरी सी दिखने वाली कहानी…पर दिलों में हमेशा पूरी रहती है
6: अधूरी बातें, पूरी ख्वाहिशें
कॉलेज खत्म हो चुका था। फेयरवेल की वो शाम, जब आरव वापस आया और काजल की आँखों में देख कर अपने प्यार का इज़हार किया — वो पल ज़िंदगी भर के लिए दिल में बस गया।
लेकिन ज़िंदगी वहीं नहीं रुकती…🌸 नए रास्ते, नई चुनौतियाँ
अब दोनों की राहें अलग-अलग थीं। काजल NEET की तैयारी कर रही थी — एक डॉक्टर बनने का सपना लिए, और आरव अपने शहर में नौकरी के साथ MBA कर रहा था।
रोज़ बातें होती थीं… मगर अब पहले जैसी फुर्सत नहीं थी।कभी-कभी घंटों जवाब नहीं आता, तो कभी "seen" रह जातीं चैट्स।लेकिन दोनों में अब भी एक वादा ज़िंदा था —"चाहे दुनिया बदल जाए, मैं नहीं बदलूंगा।"📱 एक रात की कॉल
एक रात, पढ़ाई से थककर काजल की आँखों में आंसू आ गए। उसने बस एक मैसेज किया —"थक गई हूँ आरव, समझ नहीं आता क्या करूं..."
आरव ने उसी पल कॉल किया।"काजल… तू थक सकती है, हार नहीं। तू मेरी स्ट्रॉन्ग गर्ल है ना?"काजल रोने लगी।आरव की आवाज़ में वही सुकून था, जो पहली मुलाकात में था।
"तेरे सपने पूरे होंगे। मैं जानता हूँ। और जिस दिन तू डॉक्टर बनेगी, मैं सबसे पहले गुलाब लेकर आऊँगा… याद है न वादा?"💌 छोटा सा सरप्राइज़
एक दिन जब काजल लाइब्रेरी से लौटी, उसकी किताबों में एक लिफ़ाफ़ा रखा मिला।आरव की हैंडराइटिंग में लिखा था:"तू दूर है, पर मेरे हर दिन की वजह है तू।तेरी आवाज़ मेरे दिन की शुरुआत है,तेरी हँसी मेरे रातों का सुकून।तेरे बिना अधूरा हूँ,पर तेरे लिए पूरा बनना चाहता हूँ।"
काजल की आँखें भर आईं…दूर रहकर भी, वो प्यार हर रोज़ उसके पास था।🌙 प्यार – जहाँ हर इंतज़ार भी खूबसूरत लगे
अब दोनों एक-दूसरे की ज़िंदगी में नहीं, बल्कि लक्ष्य में शामिल हो चुके थे।
प्यार अब बातों से ज़्यादा भरोसे में था।अब हर "गुड नाइट" के पीछे छिपी होती थी एक दुआ…"कि कल हम थोड़ा और पास आ जाएँ…"अगले भाग में:
भाग 7 – सपनों का इम्तिहान, प्यार की असली परीक्षाजहाँ आरव और काजल के रिश्ते को ज़िंदगी एक और मोड़ पर लाकर खड़ा कर देती ह
बहुत बढ़िया, Kajal!अब पेश है —"तेरा नाम मेरा प्यार"भाग 7: सपनों का इम्तिहान, प्यार की असली परीक्षा🌅 वक़्त की करवट
समय बीतता गया।काजल अब NEET की तैयारी में पूरी तरह डूब चुकी थी।दिन-रात बस किताबें, टेस्ट, और नोट्स ही उसकी दुनिया बन चुके थे।वहीं, आरव को अपनी जॉब के साथ MBA के असाइनमेंट्स और प्रोजेक्ट्स ने जकड़ लिया था।
अब पहले जैसा टाइम नहीं था…न रोज़ कॉल्स, न घंटे भर की चैटिंग।बस एक "Good Morning" और "Take Care" में सारा प्यार छुपा होता था।💔 एक छोटी सी गलतफ़हमी
एक शाम काजल ने स्टेटस लगाया —“कुछ रिश्ते साइलेंस में ही मर जाते हैं…”आरव ने देखा, पर जवाब नहीं दिया।
काजल ने घंटों इंतज़ार किया…सोचा:"क्या अब उसे फ़र्क नहीं पड़ता?"
उधर आरव प्रेज़ेंटेशन में था, परेशान और थका हुआ।जब उसने मोबाइल उठाया, तो देखा — काजल ऑफलाइन थी।उसने सोचा:"शायद अब वो मुझसे दूर हो रही है?"
बिना बात के दोनों के बीच एक खामोशी सी आ गई…📞 वो एक कॉल जिसने सब बदल दिया
दो दिन बाद, आरव ने फोन किया।"काजल… क्या हम बात कर सकते हैं, दिल से?"काजल चुप थी।
आरव बोला:"हम दोनों बहुत कुछ बनना चाहते हैं… लेकिन क्या हम अपने प्यार को खोकर आगे बढ़ना चाहते हैं?"
काजल की आँखें भर आईं।"नहीं आरव… मैं तुझसे दूर नहीं जाना चाहती। बस डरती हूँ कि कहीं तू मुझसे ऊब न जाए…"
आरव ने मुस्कुराते हुए कहा:"ऊब तो तब होती है जब कोई कहानी पूरी हो जाए… और हमारी कहानी अभी शुरू हुई है।"🤝 फैसला
उसी दिन दोनों ने एक वादा किया —"जब भी दूरियाँ ज़्यादा लगें, तो याद रखना… हमारा प्यार वक़्त से भी बड़ा है।"
अब वो हर हफ्ते एक-दूसरे के लिए एक छोटा सा खत या नोट लिखते थे — कभी हाथ से, कभी व्हाट्सएप पर…हर शब्द में एहसास, और हर लाइन में समर्पण।अगला भाग: भाग 8 — जब काजल NEET क्वालिफ़ाई करती है… और आरव अपनी बाहों में उसे थामे कहता है — "तेरा सपना, अब मेरा गर्व है।"