हिमाचल प्रदेश का मशहूर शहर मनाली, जहाँ बर्फीले पहाड़, रोहतांग पास की ठंडी हवाएँ, और सैलानियों की भीड़ रहती है।
बाद में कहानी दिल्ली और अंतरिक्ष तक पहुँचती है। **समय:** जून 2025, जब मनाली में सैलानियों की चहल-पहल अपने चरम पर है।
**किरदार:** 1. **अर्जुन वर्मा** (32 साल, अंतरिक्ष वैज्ञानिक) - ISRO का स्टार वैज्ञानिक, डैशिंग और साहसी, जो अपने दिमाग और हिम्मत से हर मुश्किल को पार करता है।
2. **मेघा चौधरी** (29 साल, इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट) - तेज़-तर्रार और नन्ही-सी शेरनी, जो सच के लिए किसी से भी टक्कर ले सकती है।
3. **कर्नल राठौर** (45 साल, इंडियन आर्मी कमांडो) - सख्त मिज़ाज, बॉडी स्टील की तरह मज़बूत, और आँखों में देशभक्ति की आग।
4. **सोहन** (18 साल, मनाली का टूर गाइड) - तेज़-दिमाग और हिम्मती लड़का, जो पहाड़ों को अपनी हथेली की तरह जानता है।
5. **डॉ. नीलम शर्मा** (50 साल, साइबर-जैव वैज्ञानिक) - एलियंस की तकनीक और जीव विज्ञान को समझने वाली बुद्धिमान वैज्ञानिक।
6. **रिया ठाकुर** (25 साल, कमांडो) - कर्नल राठौर की टीम की सबसे तेज़ सैनिक, जिसके एक्शन में जान है।
7. **ज़ोराक-वेन** (एलियन वॉरलॉर्ड) -
8 फीट लंबा, काला-चमकदार शरीर, और लाल आँखों वाला क्रूर एलियन कमांडर, जो धरती को तबाह करने का मास्टरमाइंड है। --
-**कहानी की धमाकेदार शुरुआत** मनाली की सैर करने आए सैलानियों की भीड़ रोहतांग पास पर बर्फ का मज़ा ले रही थी। सोहन, एक चुलबुला टूर गाइड, अपनी जीप में एक ग्रुप को पहाड़ों की सैर करा रहा था।
अचानक, आसमान में एक तेज़ गड़गड़ाहट हुई। सैलानी डर गए, लेकिन सोहन ने हँसते हुए कहा, "अरे, पहाड़ों में ऐसा होता रहता है!" लेकिन तभी, एक विशाल, काले रंग का अंतरिक्ष यान, जो किसी डरावने ड्रैगन की तरह दिखता था, बर्फीले पहाड़ों के बीच उतरा। यान से निकले 8 फीट लंबे, हरे-काले रंग के एलियंस, जिनके शरीर पर बिजली सी चमक रही थी। उनके हाथों में नीले प्लाज़्मा हथियार थे, जो एक ही वार में पत्थरों को राख कर देते थे।
सोहन ने देखा कि एलियंस ने सैलानियों पर हमला शुरू कर दिया। उनकी किरणों ने लोगों को नीले क्रिस्टल में बदलना शुरू कर दिया, जो उनकी ऊर्जा का स्रोत था। सोहन ने अपनी जीप में छुपकर मेघा को फोन किया, जो दिल्ली में एक इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट थी। मेघा ने तुरंत अपने दोस्त अर्जुन वर्मा को कॉल किया, जो ISRO में वैज्ञानिक था। अर्जुन, जो उस वक्त एक अंतरिक्ष मिशन की तैयारी कर रहा था, मेघा की बात सुनकर तुरंत मनाली के लिए निकल पड़ा। उसने अपने लेदर जैकेट और सनग्लासेस पहने, अपनी बाइक स्टार्ट की और कहा, "अगर एलियंस ने धरती पर गड़बड़ की, तो अर्जुन वर्मा उनसे हिसाब लेगा!"*
*एलियंस का भयानक कहर** अर्जुन और मेघा मनाली पहुँचे, जहाँ तबाही का मंज़र था। ज़ोराक-वेन और उसकी सेना ने मनाली को अपने कब्ज़े में ले लिया था। एलियंस ने एक विशाल मशीन बनाई, जो पूरे शहर की हवा को जहरीला कर रही थी। जो लोग इस हवा को साँस लेते, वो नीले क्रिस्टल में बदल जाते। ज़ोराक का मकसद धरती के सारे संसाधनों—पानी, ऑक्सीजन, और खनिजों—को लूटकर अपने ग्रह, ज़ेन्थारा, पर ले जाना था। उसने मनाली की नदियों को काले, जहरीले तरल से भर दिया, जिससे पूरा शहर पानी के लिए तरसने लगा।ज़ोराक की सेना ने मनाली के आसपास के गाँवों को भी तबाह कर दिया। उनके प्लाज़्मा हथियारों ने पहाड़ों को काट डाला, और बर्फ पिघलकर बाढ़ बन गई।
सैकड़ों लोग मारे गए, और जो बचे, वो डर के मारे जंगलों में छुप गए। सोहन ने अर्जुन और मेघा को बताया, "साहब, ये राक्षस किसी को नहीं छोड़ रहे। हमें कुछ करना होगा!"**मानवता का डैशिंग जवाब** अर्जुन ने मेघा से कहा, "हमें सेना की मदद चाहिए। ये लड़ाई अकेले नहीं जीती जा सकती।" मेघा ने अपने संपर्कों से कर्नल राठौर को अलर्ट किया। कर्नल राठौर अपनी कमांडो टीम के साथ हेलिकॉप्टर से मनाली पहुँचे।
उनकी टीम में रिया ठाकुर थी, जो एक बार में 10 दुश्मनों को ढेर कर सकती थी। कर्नल राठौर ने स्थिति देखकर कहा, "ये जंग अब देश की है। हमें इन राक्षसों को धरती से भगाना होगा।"अर्जुन ने दिल्ली से डॉ. नीलम शर्मा को बुलाया, जो साइबर-जैव विज्ञान की विशेषज्ञ थी। डॉ. नीलम ने एक मरे हुए एलियन की जाँच की और पता लगाया कि एलियंस एक खास ऊर्जा से चलते हैं, जो नीले क्रिस्टल से बनती है। लेकिन ये क्रिस्टल धरती के लिए खतरनाक थे—ये रेडियोधर्मी कण छोड़ रहे थे, जो इंसानों के डीएनए को बदल रहे थे।ज़ोराक ने अब दिल्ली पर हमला करने की योजना बनाई। उसने अपने यान से दिल्ली की बिजली सप्लाई को नष्ट कर दिया, और पूरा शहर अंधेरे में डूब गया। एलियंस ने दिल्ली की सड़कों पर जहरीला गैस छोड़ा, जिससे लोग बेहोश होकर गिरने लगे। ज़ोराक की सेना ने संसद भवन को घेर लिया और वहाँ एक विशाल मशीन लगाई, जो पूरे देश को तबाह करने वाली थी।**
डैशिंग एक्शन और ट्विस्ट** अर्जुन ने एक साहसी योजना बनाई। उसने डॉ. नीलम के साथ मिलकर एक हाई-टेक डिवाइस बनाया, जो एलियंस की ऊर्जा को बाधित कर सकता था। इस डिवाइस को बनाने के लिए उन्हें एक दुर्लभ धातु चाहिए थी, जो रोहतांग पास की एक गहरी गुफा में थी। कर्नल राठौर ने अपनी टीम को गुफा तकme in a daring mission. रिया ठाकुर ने अपनी टीम के साथ गुफा तक पहुँची। वहाँ एलियंस ने उन पर हमला कर दिया। रिया ने अपने मशीन गन से दर्जनों एलियंस को ढेर कर दिया, लेकिन एक नीली किरण ने उसे घायल कर दिया। सोहन ने हिम्मत दिखाई और गुफा से धातु निकालकर अर्जुन तक पहुँचाया।अर्जुन ने डिवाइस को एक्टिवेट किया और उसे दिल्ली के इंडिया गेट पर लगाया। डिवाइस ने एक तेज़ आवाज़ पैदा की, जिससे एलियंस की ऊर्जा बाधित हो गई।
ज़ोराक गुस्से में चीखा, "तुम इंसान मेरे मिशन को नहीं रोक सकते!" उसने अपनी सबसे बड़ी मशीन को एक्टिवेट किया, जो पूरे भारत को तबाह करने वाली थी। लेकिन अर्जुन ने एक साहसी कदम उठाया—वह एक चुराए हुए एलियन यान में सवार हुआ और ज़ोराक के मुख्य यान तक पहुँचा। मेघा ने उसका साथ दिया और कहा, "अर्जुन, ये हमारी आखिरी जंग है। हमें जीतना होगा!"**
अंतिम रण और जीत** अर्जुन और मेघा ने ज़ोराक के यान में घुसकर उसकी मशीन को नष्ट कर दिया। अर्जुन ने ज़ोराक से आमने-सामने लड़ाई की। ज़ोराक की ताकत अर्जुन से कहीं ज़्यादा थी, लेकिन अर्जुन ने अपनी चतुराई से ज़ोराक को डिवाइस की रेंज में लाकर उसकी ऊर्जा खत्म कर दी। ज़ोराक चीखते हुए नीले क्रिस्टल में बदल गया और टूटकर बिखर गया। बाकी एलियंस डरकर अपने यान में भागे और धरती छोड़ी ।
*निष्कर्ष** एलियंस की तबाही ने मनाली और दिल्ली को भारी नुकसान पहुँचाया, लेकिन अर्जुन, मेघा, और उनकी टीम ने मानवता को बचा लिया। कर्नल राठौर और रिया को उनकी बहादुरी के लिए सम्मानित किया गया। सोहन ने टूर गाइड का काम छोड़कर सेना जॉइन कर ली। डॉ. नीलम ने एलियंस की तकनीक का इस्तेमाल कर एक नई ऊर्जा प्रणाली विकसित की। अर्जुन और मेघा ने शादी कर ली और अंतरिक्ष अनुसंधान में नए कीर्तिमान स्थापित किए। लेकिन हर रात, जब आसमान में तारे चमकते, अर्जुन सोचता—क्या एलियंस फिर लौटेंगे? और अगर लौटे, तो अर्जुन वर्मा फिर तैयार होगा!---