शिवांश, एक एक्सप्लोरर यूट्यूबर, को एक रहस्यमय मैसेज मिलता है:
“अंधेरा गांव जाओ, अगर ज़िंदा लौटे तो कहानी बना लेना।”
पुराने नक्शे में उसे एक गांव का नाम दिखता है — "अंधेरा", जो कहीं भी रजिस्टर्ड नहीं।वो उत्तराखंड की एक बस पकड़ता है, जो रात 8 बजे चलती है।ड्राइवर डरकर पूछता है — “क्या तुम सच में वहाँ जा रहे हो?”बस में घुसते ही उसे महसूस होता है... कोई उसकी गर्दन के पास सिसकारी ले रहा है।
🌑 भाग 2: काली सरहद
बस आख़िरी मोड़ पर रुकती है।ड्राइवर बोलता है, “इसके आगे कोई रास्ता नहीं — बस सरहद है। वहां से तुम अकेले जाओगे।”
वहां कोई बोर्ड नहीं, कोई लाइट नहीं — सिर्फ एक टूटा-फूटा लकड़ी का गेट, जिस पर लिखा था:“जो आया, वो गया — जो गया, वो लौटा नहीं।”
जैसे ही शिवांश सरहद पार करता है, उसका GPS बंद हो जाता है… और टॉर्च की रोशनी एक बार अचानक लाल चमकती है।
🏚️ भाग 3: बंद दरवाज़ा
गांव की गलियों में अजीब सन्नाटा है।हर घर बंद है, पर खिड़कियों से किसी के झांकने की परछाइयाँ दिखती हैं।शिवांश एक पुराना घर खोलता है — अंदर सिर्फ धूल, टूटी तस्वीरें और एक बंद दरवाज़ा।
दरवाज़े के पीछे से एक लड़की की आवाज़ आती है:“मुझे बाहर मत निकालना, मैं अब इंसान नहीं रही।”
🔥 भाग 4: लाल खून की नदी
गांव के बीचोंबीच एक नाला है, जिसका पानी गाढ़ा लाल है — जैसे खून हो।वहाँ एक बूढ़ी औरत दिखती है, जो बोलती है:
“तू नया है... तो जान ले, यहां की नदी रोती नहीं, खून पीती है।”
वह आंखें खोलती है — सफेद पुतलियाँ और बिना पलकें।शिवांश भागता है, लेकिन उसके पैरों से नदी की लहरें लिपटने लगती हैं।
🧍 भाग 5: पेड़ों के बीच लटकते लोग
शिवांश जंगल में छुपता है।पेड़ों पर कपड़े झूल रहे हैं... जैसे कोई लटका हो।जब ऊपर देखता है, तो असल में वहाँ लोग लटके हैं, पर चेहरों पर कोई नाक-आंख नहीं।
उनमें से एक धीरे-धीरे बोलता है:“हम सब व्लॉगर्स थे... कैमरे ने हमें मारा।”
📽️ भाग 6: कैमरे की आँख
शिवांश अपना कैमरा ऑन करता है —कैमरे में गांव की असली सूरत दिखती है:हर घर में खून, दीवारों पर नाम, और हर गली में सड़े हुए शरीर।
बिना कैमरे के ये सब साफ़-सुथरा दिखता है।शिवांश को समझ आता है — कैमरा सच दिखा रहा है, और गांव एक भ्रम है।
🔒 भाग 7: सात दरवाज़े
गांव के मंदिर में एक तहखाना है —उसमें सात दरवाज़े हैं, और हर दरवाज़े के पास एक नाम लिखा है।
एक दरवाज़े पर लिखा है — "Shivansh Verma"वो दरवाज़ा अपने आप खुलता है... और भीतर उसकी खुद की लाश पड़ी है।
⛓️ भाग 8: आत्मा का सौदा
एक रहस्यमयी पुजारी आता है:
“यह गांव शापित है। जो इसमें घुसा, उसे खुद को छोड़ना होता है।”
पुजारी कहता है, “अगर तुझे बचना है, तो अपनी आत्मा मुझे दे — तभी तुझे निकलने दूंगा।”
शिवांश इनकार करता है। तभी पुजारी बिलकुल वैसा ही दिखने वाला दूसरा शिवांश सामने लाता है — जो मुस्कुरा रहा है।
🕸️ भाग 9: दो चेहरे, एक जान
पता चलता है कि गांव हर इंसान का डुप्लिकेट बनाता है —जो खुद उसे मारकर बाहर दुनिया में उसकी जगह ले लेता है।
अब असली शिवांश और उसका डुप्लिकेट आमने-सामने खड़े हैं।दोनों दावा करते हैं कि वो असली हैं।
पुजारी चिल्लाता है:"एक को चुन, दूसरा हमेशा के लिए रहेगा — गांव में।"
⚰️ भाग 10: अंतिम वापसी
अगली सुबह, एक यूट्यूब वीडियो अपलोड होता है:"Exploring Andhera Gaon – The Scariest Place Ever"
शिवांश बोलता है, हँसता है...पर वीडियो के अंत में, जब कैमरा बंद होता है —उसकी आंखें धीरे-धीरे सफेद हो जाती हैं...और पीछे दीवार पर लिखा होता है:"Asli andar chhoot gaya..."👁️ “अंधेरा गांव” अभी भी वहीं है... लेकिन अब वो एक और नाम ढूंढ रहा है। अगला कौन?”
सुहेल अंसारी। सनम