Tera Ishq hai meri Saltnat in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | तेरा इश्क है मेरी सल्तनत - 3

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तेरा इश्क है मेरी सल्तनत - 3

रुद्र अपने नौकर को बहुत ही बुरी तरह से मार रहा होता है। तभी उसके डैड भाग कर उसके पास आते हैं और बोलते हैं, "रुद्र ये क्या बदतमीजी है तुम इसे मार क्यों रहे हो"।

तब रुद्र गुस्से में बोलता है, "साला दरवाजा ही नहीं खोल रहा था मैं कब से दरवाजे पर खड़ा हु"।

तब उसके डैड बोलते हैं, "और ये कौन सा टाइम है घर पर आने का ???? तब रुद्र नशे में बोलता है, "ये मेरा टाइम है घर पर आने का"।

तब उसके डैड बोलते हैं, "तुमने शराब पी है ??????

 तब रुद्र हा मे गर्दन हिलाता है।

 तब उसकी सौतेली मां बोलती है, "ये किसी भी एंगल से आपका बेटा लग रहा है, आप देख रहे हैं इसका हुलिया, एकदम सड़क छाप गुंडा लग रहा है "।

तब रुद्र अपने डैड से बोलता है, "आपने मुझे ये बोलने के लिए बुलाया है डैड "।

तब उसके डैड बोलते हैं, "तुम सुधर क्यों नहीं जाते रुद्र "।

रुद्र बोलता है, "मैं बिगड़ा ही कब था डैड????

तब उसकी सौतेली मां बोलती है, "जानवर भी तुमसे अच्छे होते हैं"।

तब रुद्र बोलता है, "लगता है कि मैं चुप चाप खड़ा अच्छा नहीं लग रहा हूं आपको, तो कोई बात नहीं मैं अपना असली रूप दिखा देता हूं"।

उसके बाद रुद्र लड़खड़ाते हुए घर में घुसता है और जितने भी सामान, गुलदस्ते होते हैं उन्हें गुस्से में फेंकने लगता है।

ये देख कर रुद्र के डैड और उसकी सौतेली मां को बहुत ही गुस्सा आता है। तब उसकी सौतेली मां रुद्र के डैड पर चिल्लाने लगती है और बोलती है, "आप रोकिए इस जानवर को वरना ये मेरे घर का सारा सामान तोड़ देगा"।

तभी रुद्र के डैड उसे बहुत रोकने की कोशिश करते हैं मगर वो नहीं रुकता है जिससे कि रुद्र के डैड को गुस्सा आ जाता है और वो गुस्से में रुद्र को थप्पड़ मार देते हैं।

ये देख कर रुद्र की सौतेली मां के चेहरे पर खुशी आ जाती है और अबीर को बहुत ही गुस्सा आता है मगर वो चुप चाप खड़ा रहता है।

तब रुद्र नशे में बोलता है, "आपको मुझे थप्पड़ मारने का दिल कर रहा था तभी आपने मुझे बुलाया है"।

तब रुद्र के डैड बोलते हैं, "मेरा मन तुम्हे मारने का नहीं था, मगर क्या करु तुम मुझे हर बार मजबूर कर देते हो "।

तभी अबीर रुद्र के पास आता है और उसे बोलता है, "चल आज के लिए इतना ड्रामा बहुत है, चल अब सोने "।

तब रुद्र बोलता है, "अरे नहीं अभी कैसे अभी तो इन्होंने बस एक ही थप्पड़ मारा है मुझे "।

तब अबीर बोलता है, "रुद्र तू होश में नहीं है, चल कमरे में सुबह आराम से बात करेंगे "।

तब रुद्र नशे में बोलता है, "नहीं मुझे अभी इनसे बात करनी है कि इन्होंने मुझे क्यों बुलाया है ????

तब रुद्र के डैड बोलते हैं, "क्यों बुलाया है का क्या मतलब है, ये तुम्हारा घर है और तुम अपने घर में आने की बजाय पता नहीं कहा भटकते रहते हो"।

तब रुद्र बोलता है, "नहीं डैड ये घर मेरा नहीं है ये घर तो आपका, आपकी वाइफ का और आपके बच्चों का है"।

तब रुद्र के डैड बोलते हैं, "और तुम कौन हो मेरे ???

तब रुद्र बोलता है,"मैं...... मैं कोई नहीं हु आपका"।

दोनों बाप बेटों की बाते सुन कर अबीर का दिमाग खराब हो रहा होता है। तभी अबीर दोबारा रुद्र से बोलता है, "भाई तू अभी होश में नहीं है, चल कमरे में सुबह आराम से बात करेंगे"।

उसके बाद अबीर रुद्र को कमरे में ले जाता है। इधर रुद्र की सौतेली मां बोलती है, "इस लड़के ने मेरा पूरा का पूरा घर बर्बाद कर दिया और आप तमाशा देखते रहे "।

तब रुद्र के डैड गुस्से में बोलते हैं, "मार तो दिया थप्पड़, अब क्या करु जान ले लू उसकी "। उसके बाद रुद्र के डैड अपने कमरे में चले जाते हैं। उसकी सौतेली मां वहां पर खड़ी खड़ी मुस्कुरा रही होती है।

सुबह होती है..........

आरोही किचन में काम कर रही होती है । सबसे पहले आरोही चाय बना कर अपने बाबा को दे कर आती है

उसके बाद वो सबका नाश्ता बनाने लगती है। थोड़ी देर बाद उसकी भाभी किचन में आती है और बोलती है, "आज थोड़े ज्यादा आलू के पराठे बनाने है और हा खीर भी"।

तब आरोही मासूमियत से बोलती है, "क्यों भाभी आज ऐसा क्या है ?????

तब उसकी भाभी बोलती है, "मेरा भाई सौरव आ रहा है आज ।

ये सुनते ही आरोही घबरा जाती है और सोचने लगती है, है भगवान ये दुष्ट आदमी फिर से आ रहा है।

तभी उसकी भाभी बोलती है, "अब क्या सोचने लगी चलो जल्दी से काम करो।

उधर अबीर उठ जाता है और उठ कर रुद्र को गुस्से से देख रहा होता है तभी वो गुस्से में रुद्र पर तकिया फेक कर मारता है। जिससे कि रुद्र की आँखें खुल जाती हैं और वो बोलता है, "अबे क्या प्रॉब्लम है तुझे मुझे सोने क्यों नहीं दे रहा है "।

तब अबीर बोलता है, "अबे ओह कुंभकरण की औलाद 9 बज गए है, चुप चाप से उठ जा और हा मैं कमरे से बाहर नहीं जाऊंगा, मुझे चाय चाहिए मंगवा"।

तब रुद्र बोलता है, "क्यों बे तेरे पैर में मेहंदी लगी हुई है जो तू जा नहीं सकता"।

तब अबीर बोलता है, "मैं एक इज्जतदार इंसान हूं और मुझे अपनी इज्जत बहुत प्यारी है"।

तब रुद्र बोलता है, "कौन तेरी इज्जत लूट रहा है यहां पर ????

तब अबीर गुस्से में बोलता है, "तेरी सौतेली बहन और कौन ???

कल रात भी मेरे पीछे पीछे तेरे कमरे तक आ गई थी, जैसे न तैसे मैने अपनी इज्जत बचाई, मेरा तो मन भी नहीं करता है, यहां पर आने का मगर तेरी वजह से आना पड़ता है "।

तब रुद्र बोलता है, "अरे ओह सती सावित्री कोई नहीं लूट रहा तेरी इज्जत जा बनवा ले चाय और हा मेरे लिए ब्लैक कॉफी भी बनवा दियो "।

तब अबीर बोलता है, "मैं कही नहीं जा रहा हूं यहां से तू खुद जा "।

तभी कोई रुद्र के कमरे के दरवाजा खटखटाता है। तब रुद्र बोलता है, "जा कर देख कौन है ????

तब अबीर बोलता है, "मैं नहीं जा रहा हूं मुझे डर लग रहा है कही तेरी सौतेली बहन हुई तो"।

तब रुद्र बोलता है, "ज्यादा ड्रामा मत कर और चुप चाप जा उसके बाद अबीर उठता है और जा कर दरवाजा खोलता है और दरवाजा खोलते ही वो कांपने लगता है क्योंकि दरवाजे पर रुद्र की सौतेली बहन होती है...........

लाइक जरूर करना भूलना मत और बताना भी कि कहानी कैसी लगी।