Tera Ishq hai meri Saltnat - 2 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | तेरा इश्क है मेरी सल्तनत - 2

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तेरा इश्क है मेरी सल्तनत - 2

आरोही की बात सुन कर उसके बाबा बोलते हैं, "बेटा तू इसकी फिक्र मत कर, तू बस जल्दी से जा और एडमिशन करवा ले"।


तब आरोही बोलती है, "मगर बाबा पहले आप मुझे ये तो बताइए कि आप इतने पैसे कहा से लाए हैं ????


तब उसके बाबा बोलते हैं, "बाते बाद में कर लेना अब जल्दी जाओ, वरना देर हो जाएगी"।


उसके बाद आरोही नैना के साथ चली जाती है।


उधर रुद्र उठ जाता है और नेहा को उठा रहा होता है, "नेहा उठो सुबह हो गई है"।


तब नेहा बोलती है, "थोड़ी देर और सोने दो प्लीज वैसे भी तुमने पूरी रात मुझे सोने ही कहा दिया है"।


तब रुद्र बोलता है, "वो तो मैं आज रात भी तुम्हे सोने नहीं दूंगा, चलो अब आराम से उठ जाओ वरना कॉलेज के लिए लेट हो जाएगा "।


शाम होती है.............


आरोही कॉलेज में एडमिशन करवा कर आ जाती है वो बहुत ही खुश होती है।


मगर जैसे ही वो घर में घुसती है वैसे ही उसकी भाभी उस पर चिल्लाने लगती है और बोलती है, "आ गई सेर सपाटे से"।


तब आरोही नज़रे झुका कर बोलती है, "भाभी मैं घूमने नहीं गई थी में तो एडमिशन के लिए गई थी "।


तब उसकी भाभी बोलती है, "हा जैसे मुझे तो कुछ पता ही नहीं है कि इस पढ़ाई की आड़ में तू क्या करना चाहती है, चल अब चुप चाप से जा कर बर्तन धो और खाना बना "।


तब आरोही बोलती है, "भाभी मैं सच बोल रही हूं मैं कोई गलत काम करने नहीं गई थी मैं तो कॉलेज में एडमिशन के लिए गई थी "।


तब उसकी भाभी बोलती है, "मेरे सामने न ज्यादा जबान चलाने की जरूरत नहीं है, अगर मेरे सामने ज्यादा जबान चलाई न तो मैं तेरी ये जबान काट दूंगी "।


ये सुनते ही आरोही डर जाती है और सीधा किचन में चली जाती है।


अरे मैने तो रुद्र के बारे मे कुछ बताया ही नहीं, चलो कोई बात नहीं अब बता देती हूं, रुद्र का पूरा नाम रुद्र सिंघानिया है और वो एक बहुत ही बड़े बिजनेस टायकून अनिल सिंघानिया का बेटा है, और रुद्र अपने घर में ज्यादा नहीं रहता है वो ज्यादातर क्लब में रहता है या फिर अपने फॉर्म हाउस में, क्योंकि उसे अपने घर में घुटन होती है क्योंकि उसके घर में उसकी सौतेली मां और उसके बच्चे रहते हैं जिन्हें रुद्र बिल्कुल भी पसंद नहीं करता है, और रुद्र तो रुद्र ही है बिल्कुल खतरनाक जिससे डर भी डर जाए, रुद्र की निगाह में इंसान के जान की कोई कीमत नहीं है वो जिसे चाहे जहां चाहे मार देता है और कोई भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है ।


अबीर रुद्र से बोलता है, "ओए तेरे बाप की कॉल आई थी वो तुझे घर बुला रहा है ?????


तब रुद्र मुंह बना कर बोलता है, "और मेरा बाप मुझे घर क्यों बुला रहा है ????


तब अबीर बोलता है, "वो तो तू जा कर अपने बाप से ही पूछ"।


तब रुद्र बोलता है, "मैं नहीं जा रहा कही मुझे नेहा के साथ पार्टी में जाना है"।


तब अबीर बोलता है, "अबे साले रोज ही तो तू पार्टी में जाता है"।


तब रुद्र बोलता है, "हा तो फिर आज भी जाऊंगा"।


तब अबीर बोलता है, "चुप चाप से घर चल वरना तेरा बाप तुझे क्लब से उठवा लेगा समझा"।


तब रुद्र बोलता है, "मैं किसी से भी नहीं डरता समझा यहां तक कि अपने बाप से भी नहीं जा कर बोल दे"।


तब अबीर बोलता है, "यार देख तू एक महीने से घर नहीं गया है तेरा बाप परेशान हो रहा है तेरे लिए"।


तब रुद्र बोलता है, "क्यों मेरा बाप मेरे लिए क्यों परेशान हो रहा है, उसके पास उसकी बीवी और बच्चे है तो "।


तब अबीर बोलता है, "अबे कितना बोलता है रे तू, देख मैं कुछ भी नहीं सुनने वाला समझा इसलिए चुप चाप चल और तू टेंशन मत ले मैं भी चल रहा हूं तुझे कंपनी देने के लिए "।


रात होती है...........


आरोही खाना बना कर सबके लिए खाना निकालने लगती है।


तब उसकी भाभी बोलती है, "ओय अपने बूढ़े बाप का खाना ले कर अपने कमरे में जा कर खा लियो बाद में, पहले मेरा खाना निकाल और मेरे कमरे में ले कर आ "।


तब आरोही बोलती है, "जी भाभी "।


उसके बाद आरोही खाना निकाल कर अपने भाई के कमरे में ले जाती है।जब वो लोग खाना खा लेते हैं तब आरोही अपने कमरे में खाना ले कर आती है और अपने बाबा के साथ खाने लगती है।


तब उसके बाबा बोलते हैं, "बेटा भाई और भाभी ने खाना खा लिया"।


तब आरोही बोलती है, "जी उन्होंने खा लिया।


उसके बाद आरोही भी अपने बाबा के साथ खाना खाने लगती है।


खाना खाने के बाद आरोही किचन में जा कर बर्तन धोती है और किचन साफ करती है उसके बाद वो अपने कमरे में आती है और चटाई पर लेट जाती है और लें हुए वो कल के बारे में सोचने लगती है कि,मैं कल से कॉलेज जाऊंगी, वैसे कॉलेज तो बहुत ही बड़ा होता है कही मैं वहां पर खो गई तो, नहीं नहीं मैं नैना के साथ ही रहूंगी और अकेले कही पर भी नहीं जाऊंगी और मन लगा कर पढूंगी और बाबा को एक अच्छी वकील बन कर दिखाऊंगी।यही सोचते हुए उसे नींद आ जाती है और वो सो जाती है।


आधी रात होती है..........


.रुद्र अपने घर आता है और जोर जोर से दरवाजा पीटने लगता है जिससे कि उसके घर के लोगों को नींद खुल जाती है और उसकी सौतेली मां उसके डैड पर चिल्लाने लगती है और बोलती है, "ये कैसा जानवर बेटा पैदा किया है आपने जिसे बिल्कुल भी तमीज नहीं है और ये क्या हरकत है आधी रात को घर में आने की और वो भी इस तरह"।


तब उसके डैड बोलते हैं, "अभी मैं देखता हूं इसे"। तभी रुद्र के डैड और उसकी सौतेली मॉम कमरे में बाहर आते हैं और देखते हैं कि रुद्र एक नौकर को बहुत ही बुरी तरह से मार रहा होता है..........


लाइक और कमेंट जरूर करना भूलना मत।


और हा please जिसे कहानी पसंद नहीं आ रही है वो मत पढ़ना, मगर गंदे रिव्यूज मत देना।



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