नेहा ने उसे देखा। उसने हल्की मुस्कान के साथ कहा, “क्या हुआ, राहुल..... तुम कुछ करना नहीं चाहते? मैं हूँ ना तुम्हारे साथ ”
राहुल ने कहा, “मैं थक गया हूँ, आज नहीं कल करते है”।
नेहा ने कुछ देर तक उसे देखा। उसका चेहरा उदास हो गया, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। उसने अपना ब्लाउज वापस पहना और लहंगे को ठीक किया।
“ठीक है, राहुल। कोई बात नहीं। हम कल फिर कोशिश करेंगे।”
राहुल ने हल्के से सिर हिलाया, लेकिन उसके मन में कुछ और तूफान उठ रहा था।
राहुल बिस्तर पर लेट गया, नेहा भी उसके बगल में लेट गई।
नेहा का मन उदास था। वो एक ऐसी लड़की थी, जो अपनी शादी को लेकर बहुत सपने देखती थी। वो राहुल के साथ प्यार, रोमांस, और शारीरिक सुख की उम्मीद लेकर आई थी।
नेहा करवटें बदल रही थी। उसका मन कह रहा था कि शायद राहुल को समय चाहिए।
सुहागरात की उस रात के बाद राहुल और नेहा के बीच कुछ नहीं हुआ था। नेहा बहोत ही सुंदर और बोल्ड होने के साथ साथ समझदार भी थी। नेहा अपनी खूबसूरती और आत्मविश्वास के लिए जानी जाती थी। इसलिए नेहा ने राहुल को कुछ नहीं कहा। उसने सोचा कि शायद सुहागरात की घबराहट ने राहुल को असहज कर दिया था।
वो समझती थी कि पहली बार घबराहट में शायद राहुल वो नहीं कर पाया जिसके लिए नेहा को इंतजार था।उसका मन कहता था कि शायद राहुल को समय चाहिए, वो शर्मीला है, या शायद उसे उसकी आदत नहीं पड़ी।
उसने ठान लिया कि वो राहुल को अपने प्यार और आकर्षण से जीत लेगी। नेहा का एक हफ्ता ऐसे ही निकल गया।
एक हफ्ते बाद नेहा ने खास तैयारी की। उसने एक रोमांटिक माहौल बनाने का प्लान बनाया। उसने घर को सजाया। लिविंग रूम में मोमबत्तियाँ जलाईं।
नेहा ने एक काली ट्रांसपेरेंट नाइटी चुनी, जो इतनी सेक्सी थी कि राहुल का दिल धड़कना तय था। नाइटी का गहरा नेकलाइन और पतला फैब्रिक उसके फिगर को और उभार रहा था।
उसने अपने लंबे बाल खुले छोड़े, हल्का मेकअप किया, और एक हल्की-सी परफ्यूम लगाई, जिसकी खुशबू कमरे में फैल रही थी।
जब राहुल ऑफिस से लौटा, तो नेहा ने गेट खोलते ही राहुल के कुछ कहने से पहले उसके होंठो पर उंगली रख दी। “आज कुछ खास है, मिस्टर राहुल,” उसने शरारती अंदाज में कहा। राहुल उसे देखता ही रह गया। उसने पहले कभी ऐसे कपड़ों में किसी को नहीं देखा था।
राहुल ने कहा, “ ये सब क्या है? कोई खास दिन है क्या?”
“हाँ, हमारी शादी का पहला हफ्ता पूरा हुआ। इसे सेलिब्रेट करना तो बनता है,” नेहा ने पलकें झपकाते हुए कहा।
नेहा ने राहुल का हाथ पकड़ा और उसे बेडरूम में ले गई। कमरे में हल्की-सी लाल रोशनी थी, नेहा ने राहुल को बिस्तर पर बैठाया और उसके सामने खड़ी हो गई।
“राहुल, अब वो करते है जो हमने एक हफ्ते तक नहीं किया ” उसने धीमी आवाज में कहा, अपनी नाइटी का कंधा थोड़ा नीचे सरकाते हुए।
राहुल ने उसे देखा और कहा, “तुमने ये क्या पहन लिया है।”
नेहा ने मुस्कुराकर राहुल के पास बैठ गई। उसने धीरे से राहुल का हाथ पकड़ा और धीरे से राहुल के कान में बोली। “राहुल, क्या तुम तैयार हो? आज मुझसे रहा नहीं जा रहा”
नेहा ने राहुल को बिस्तर पर लिटा दिया और खुद राहुल के ऊपर लेट गई ।
उसने राहुल के होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसका "किस" बहोत गहरा था। राहुल का शरीर में कपंन आ गया।
राहुल नेहा को गले लगाया, उसके शरीर पर हाथ फेरने लगा। नेहा ने अपनी नाइटी उतार दी। उसका गोरा बदन मोमबत्तियों की रोशनी में चमक रहा था।
नेहा ने राहुल के गालों को चूमा, और धीरे-धीरे उसकी शर्ट के बटन खोलने शुरू किए
“राहुल, रिलैक्स करो.....आज कुछ सुहागरात से ज़्यादा होगा,” नेहा ने कहा।
उसने फिर एक बार राहुल की पैंट की तरफ हाथ बढ़ाया।राहुल ने तुरंत उसे अपने ऊपर से उतार दिया।
"नेहा, आज नहीं....कम्पनी का तनाव बहोत ज़्यादा है। हम किसी और दिन ट्राई करते है" राहुल ने तनाव के साथ कहा। राहुल की चिंता बढ़ गई थी। वो उदास नज़र आ रहा था।
नेहा रुक गई। उसने राहुल की तरफ देखा, उसकी आँखों में निराशा आ गयी । “राहुल, क्या बात है? कुछ तो बताओ, तुम कुछ करना क्यूँ नहीं चाह रहे ” उसने थोड़े गुस्से में कहा।
राहुल ने नजरें झुकाकर कहा, “नेहा, मैं... बस थक गया हूँ।”
नेहा ने गहरी साँस ली और अपनी नाइटी वापस पहन ली।
“ठीक है, राहुल। लेकिन ये हर बार नहीं चलेगा।” वो बिस्तर लेती थी, लेकिन उसका मन उदास था।
अगले दिन बाद, नेहा ने फिर कोशिश करने का फैसला किया। उसने सोचा कि शायद रात में राहुल थकान की वजह से रिस्पॉन्ड नहीं कर पाता। उसने एक सुबह का प्लान बनाया।
सुबह सुबह, राहुल जब बाथरूम में नहाने जा रहा था, तो नेहा ने जानबूझकर बाथरूम का दरवाजा खुला छोड़ दिया। उसने अपने कपड़े उतारे और नहाने लगी। उसका गीला बदन, शैंपू की खुशबू, और पानी की बूंदें सब कुछ ऐसा था कि कोई भी मर्द उसे देखकर तड़प उठे।
राहुल ने जब नेहा को देखा तो वो एकदम स्तब्ध रह गया। नेहा ने जानबूझकर तौलिया नहीं लिया था। उसने राहुल की तरफ देखा और शरारती मुस्कान के साथ कहा, “क्या देख रहे हो? आओ ना,”
राहुल का चेहरा लाल हो गया। “न... नहीं, मैं... तुम.. वो कपड़े...” वो हकलाने लगा। और उसने अपना मुंह फ़ेर लिया।
नेहा ने बाथरूम में तौलिया लपेटा और बाहर आकर राहुल का हाथ पकड़ा और उसे बेडरूम में ले गई। उसने अपने गीले बालों को हिलाया, जिससे पानी की बूंदें राहुल के चेहरे पर गिरीं।
“राहुल, आज मत रुको,” उसने कहा और राहुल को अपने पास खींच लिया।
उसने राहुल के होंठों पर अपने होंठ रखे, उसके सीने पर हाथ फेरा, और धीरे-धीरे उसकी शर्ट उतार दी। राहुल ने भी पकड़ कर उसे चूमना शुरू किया। उसने नेहा के गीले बदन पर हाथ फेरा, लेकिन फिर वही हुआ।
कहानी जारी है.......
एक छोटी सी गुज़ारिश...
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