Avtaar - 2 in Hindi Horror Stories by puja books and stories PDF | अवतार...... एक उनसुझा रहस्य.... - 2

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अवतार...... एक उनसुझा रहस्य.... - 2

दक्ष उस समय गुस्से में था उसने आव देखा ना ताव देखा उसने चंद्रा पर अपना हाथ उठा दिया चंद्रा को अपना यह अपमान बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने गुस्से में

कहा कि आखिर हमारी गलती क्या है



यही कि तुम्हें स्त्री हूं और स्त्रियों की इस दुनिया में कोई भी जगह होने नहीं चाहिए तुम स्त्रियों की वजह ही तो हम मर्द कुछ भी नहीं कर पाते हैं

मैंने अपनी मां से बचपन में ही सब कुछ बता दिया था कि मैं उनके जैसा ही और मेरी भी ख्वाहिश है उनके जैसी ही है लेकिन उन्होंने मेरी एक भी बात नहीं सुनी और बिल्कुल भी नहीं समझे उनको लगा कि मैं बिल्कुल पागल हो चुका हूं 



उन्हें बिल्कुल ठीक लगा था राजा तक जिन चंद्रा ने इतना कहा ही था

इसके बाद राजा दक्ष ने चंद्रा के साथ उस रात ऐसा कुछ किया जो कि ना तो आप कभी देख सकते हैं और ना ही कभी सुन सकते हैं 


लेकिन अगली सुबह के साथ राजा दक्ष की लाश मिलती है जिस दिन रानी चंद्रा दुल्हन बनती है उसी रात में विधवा भी बन गई 


उसके बाद रानी चंद्रा ने उन नौ बिखरे हुए टुकड़ों को अपने पवित्र साम्राज्य में मिलाया और उस साम्राज्य का बस एक ही वाक्य था" स्त्री शासन "



चंद्रा के शासन ने वहां की स्त्रियों को उसे राज्य में बहुत ही ज्यादा प्रसिद्धि दिलाई लेकिन उस राज्य के  पुरुषों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने लग गई वह कुछ भी करके रानी चंद्रा को मार देना चाहते थे लेकिन होता इसका उल्टा था

चंद्रा ने लड़ने के लिए तांत्रिक विद्या सीख ली थी जिस भी  भी पूर्णिमा को चंद्रा को सिद्धि प्राप्त होती उस पूर्णिमा को रानी चंद्रा को अपने गुरु को सब कुछ सच बताना पड़ता

कि वह इस विद्या को सीखने के बाद उसका क्या इस्तेमाल करेगी 



तभी रानी चंद्रा कहती है कि मैं इस दुनिया से सब पुरुषों को खत्म कर दूंगी उनको इस दुनिया में रहने का कोई भी हक नहीं है 




इतना सुनते ही उसे तांत्रिक की आंखें खुल जाती हैं और वह समझ जाता है की रानी चंद्रा इस दुनिया में तबाह ला देगी इस वक्त वह तांत्रिक रानी चंद्रा को सब श्राप दे देता है 

तुम इस रिश्ता का इस्तेमाल कभी नहीं कर पाओगे कभी भी


अभी रानी चंद्रा तांत्रिक के पैरों में गिर जाती है और कहती है कि ऐसा मत कीजिए मैं इस तंत्र विद्या को सीखने में 11 साल दे दिए हैं 


इस रात को मैं वरदान में बदल सकता हूं तांत्रिक ने कहा तभी रानी चंद्रा कहती हैं कि वह कैसे 


इसके बाद तांत्रिक में जो कुछ भी कहा यह वह सब सुनकर रानी चंद्रा हैरान रह जाती है और वह कहती है

अब अपना फैसला बदल लेती है तभी तांत्रिक कहता है कि तुम्हें अपनी 11 बच्चों की बलि देनी होगी


यह जो बच्चे पैदा होंगे यह बिना किसी पुरुष से संबंध बनाए हुए पैदा होने चाहिए 


लेकिन यह कैसे हो सकता है मैं बिना किसी पुरुष के साथ संबंध बनाए 11 बच्चों को कैसे जन्म दे सकती हूं तभी तांत्रिक कहता है कि इसका सिर्फ एक ही रास्ता है तुम्हें 11 वर्ष से नीचे के जो बच्चे हैं उनकी बलि देनी होगी

इसके और यह बाली तुम एक विशेष नक्षत्र में ही दे सकती हो इसके बाद जो तुम जाओगे वह तो होगा ही इसके साथ-साथ तुम इसी तरह हमेशा जवान और खूबसूरत रहोगी 

चंद्र तुम्हारा यह यौवन तुमसे कोई भी नहीं छीन पाएगा


और अगर किसी ने कोशिश की तो चंद्र तांत्रिक को देखते ही कहते हैं तो तांत्रिक कहता है कि तुम्हें इसकी फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं है यदि ऐसा होगा तो मैं जहां कहीं भी रहूंगा तुम्हें सबसे पहले इसकी जानकारी दूंगा

यह कहने के बाद गुरुजी ने चंद्रा को आशीर्वाद दिया और गुरु जी वहां से चले

इसके बाद चंद्रा ने गहरी लंबी सांस ली और वह अपने मकसद में


इसके बाद चंद्रा 11 वर्ष से कम आयु के बच्चों को तहखाना तक लेकर आती और सीखने मिलने के बाद उनके बाली देती और उनकी शव पर मंत्र पढ़ती 

और इसके बाद वह एक शव के साथ बहुत ही घिनोने क्रिया करती 

यह देखते देखते देखते चंद्रा ने 11 लड़कों की बलि दे दी थी लेकिन यह करते-करते चंद्रा को उस क्रिया में मजा आने लगा

और यह बली का सिलसिला चलने लगा


800 साल बीत चुके थे ऐसे करते-करते अब चंद्रा उस पवित्र साम्राज्य के ही नहीं बल्कि इस धरती की सबसे खूबसूरत स्त्री थी चंद्रा का सौंदर्य इतना लाजवाब था कि उसको देखने वालों की पालकी एक पल के लिए भी नहीं चपाती थी 


उसका सौंदर्य किसी 18 जवान की लड़की के जैसा था लेकिन चंद्रा की जो उम्र थी वह 800 साल की हो चुकी थी

और इसके पीछे की वजह आज तक कोई भी नहीं जान पाया था और जिसने भी यह वजह जानने की कोशिश की वह मर गया 

इन 800 सालों में चंद्रा ने अपने आसपास के सभी राज्यों पर विजय प्राप्त कर ली थी और मृत्यु पर 

एक के बाद एक पिढ़िया बदलती गई लेकिन महारानी चिन्ना चंद्र वैसे की वैसे ही थी 

और उसके ऐसे ही जवान रहने और उसको मिले वरदान के राज के बारे में कोई भी पता नहीं लग पाया था


तभी तूफान और बारिश की एक रात में उस किसी पूरे सपने से जगा दिया

और वह आसमान को देखते हुए बोली फिर से वही सपना 

आखिर तुम मेरी कौन सी परीक्षा ले रहे हो अगर तुम्हें मुझे कुछ बताना है तो तुम मुझे साफ शब्दों में आकर कहे

आखिर आंखें यह सपना मुझे कौन सी हकीकत बताना चाहता है 


चंद्रा आसमान में देखते हुए गुस्से में पूछते हैं तभी आसमान में से काले बादलों को चीरते हुए 

तारों के पीछे का आवाज सुनाई देने लगी 

चंद्रा तेरे पाप का अंत निकट है सतर्क रहना किसी पर भी भरोसा मत करना

समय बदल चुका है और समय के साथ इंसान भी बदलता है

जिन लोगों को तुम बहुत अच्छी तरह से जानती हो वही लोग तुम्हें धोखा




यह किसकी

आवाज़ थी आखिर कौन था वह जो चंद्रा को चेतावनी देने की कोशिश कर रहा था