Monster the risky love - 50 in Hindi Horror Stories by Pooja Singh books and stories PDF | दानव द रिस्की लव - 50

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दानव द रिस्की लव - 50

अदिति की बर्थडे पार्टी........

विवेक रोज लेकर जैसे ही बाहर कि तरफ बढ़ता है अचानक किसी से टकरा जाता है......

विवेक : एम सॉरी....
विवेक जैसे ही उस इंसान को देखता है हैरान रह जाता है....

अब आगे...........

विवेक : आप ....आप तो अघोरी बाबा है न...
" हां हमारी वेशभूषा से तुम्हें क्या लगता है...." चिढ़ते हुए अघोरी बाबा ने कहा...
विवेक : मेरे कहने का वो मतलब नहीं है... दरअसल वो (तभी विवेक का फोन बजता है).... वन मिनट ...
विवेक फोन पर बात करता है जैसे ही उसकी बात खत्म होती है और पिछे मुड़कर देखता है तो उसे अघोरी बाबा कभी नहीं दिखते....वो हैरानी से इधर उधर देखता है पर वो उसे कहीं नहीं दिखते..... आखिर में विवेक वापस अपनी कार में जाकर बैठता है....
विवेक : अघोरी बाबा जिंदा है तो फिर उस दिन कौन मारा गया था.....? 
विवेक सोचते सोचते घर पहुंच जाता है....घर पर भी सब कुछ तैयार ही था .... आदित्य भी तक्ष के साथ पहुंच चुका था... विवेक पिंक रोज लेकर अंदर पहुंचता है....
विवेक : हितेन दोनों कहां है....
हितेन : कंचन और श्रुति अदिति के रुम में है....
विवेक : अच्छा भाई भी आ गये न....?
हितेन : हां.....
इशान : अब किस बात की देर है चलो जल्दी केक कटिंग के लिए अदिति को बुलाया उसके बाद पार्टी एंजाय करो....
विवेक : हां भाई.....सब लाइटस आॅफ कर दो .... सिर्फ स्पोट लाइट आॅन करना पहले....
" ओके सर..." 
अब बस सबको वेट है बर्थडे गर्ल का सबका ध्यान बस सिढ़ियो पर जा रही स्पोट लाइट पर था..... तभी विवेक हाथ में माइक लेकर आगे आता है......
विवेक : इंतजार की घड़ियां खत्म हुई....आप सब तालियों के साथ वेलकम कीजिए हमारी बर्थडे क्वीन का....
सबको अपनी बर्थडे प्रिंसिस को देखने का वेट खत्म हो गया...आज अदिति पिच कलर गाऊन में बहुत ही सुन्दर लग रही थी.....ये ड्रेस विवेक ने अदिति के लिए स्पेशली आर्डर की थी....
विवेक अदिति को देखकर बस खो गया...आज अदिति लग ही इतनी प्यारी रही थी.....इशान विवेक के पास जाकर उसे छेड़ते हुए धीरे से कहता है...." ओए ...बस कर कितना देखेगा  उसे  हम भी यही पर है..."
विवेक : भाई आप भी.....
अदिति नीचे हाॅल में पहुंचती है ....सुविता जी और मालती जी अदिति की नजर उतारती है.... सबको साथ में देखकर अदिति को बहुत अच्छा लगता है... सबसे मिलने के बाद वो सीधा आदित्य के गले लग जाती है.... आदित्य अदिति को आज इतने दिनों बाद खुश देखकर भावुक सा हो जाता है...
अब सब लोग केक कटिंग के लिए टेबल के आस पास इकट्ठा हो जाते हैं..... अदिति टेबल के पास पहुंचती है लेकिन उसकी नजरें तो किसी को ढूंढ रही थी....सुविता जी अदिति के पास जाकर पुछती है...
" बेटा केक कट करो...."
अदिति : आंटी जी (सुविता जी अदिति को रोकेते हुए कहती हैं)
"पहले तो बेटा तुम हमारी बेटी जैसी हो... इसलिए तुम मुझे बड़ी मां ही बोला करो..." तभी मालती जी भी कहती हैं
" दीदी बिल्कुल ठीक कह रही है तुम हमें मां ही बुलाया करो..."(अदिति झट से उनके गले लग जाती है)....
अदिति : थैंक्यू मां....
मालती : वैसे तुम ढूंढ किसे रही हो....?
तभी इशान आकर कहता है..." अदिति विवेक अभी आ रहा है..." अदिति हल्की सी मुस्कान के साथ अपना चेहरा नीचे झुका लेती है.....
तभी अचानक सभी लाइट्स दोबारा आॅफ हो जाती है और एक स्पाॅट लाइट फिर से स्टेयर्स पर पड़ती है... जहां से गाने की आवाज आती है....
साल भर में सबसे प्यारा होता है एक दिन...
.....ए विश यू हैप्पी हैप्पी बर्थडे
हैप्पी बर्थडे टू यू......
 
ये रंग लाए मेरी मन्नते 
 
पूरी हो तेरी सभी हसरतें
 
सारे जहां की खुशी हो तेरी
 
अब तो यही आरजू है मेरी 
 
एक इशारे पर तेरे में
 
जा लुटा दूंगा 
 
तेरे ख्यालों को हकीकत
 
मैं बना दूंगा.....
 
ए विश यू हैप्पी हैप्पी बर्थडे
गाना खत्म होने पर स्पोट लाइट विवेक के चेहरे पर पड़ती है सब लोगों तालियां बजाकर विवेक को उत्साहित करते हैं.....
विवेक : थैंक्यू एवरी वन.....ये गाना स्पेशली ... मैंने अदिति को उसके सर्प्राइज के साथ देने के लिए गाया है....तो जल्दी से वो बोक्स ओपन करो लेकिन उससे पहले ये रोजिस तुम्हारे लिए........
अदिति : पिंक रोज..... थैंक्यू थैंक्यू विवेक.....
कंचन : अदिति जल्दी से बाक्स खोल .....
अदिति : हां....(अदिति जैसे ही बोक्स खोलती है खुश हो जाती है उसमें आदित्य अदिति के फोटोग्राफ थे ..).... विवेक ये बहुत बहुत अच्छा है....(विवेक अदिति के पास जाकर धीरे से कहता है..)..
" अदिति ये तो स्पेशली था लेकिन अभी एक और गिफ्ट मेरी तरफ से तुम्हारे लिए बाकी है और वो तुम्हारे रुम में है...."
अदिति : सच्ची....
विवेक : हां.....
इशान : अब अगर तुम दोनों की बातें हो गई हो तो केक कट कर ले ....
अदिति विवेक से नजरें हटाती हुई हां में सिर हिलाती है.... अदिति केक कट करती है सब हैप्पी बर्थडे अदिति कहते हैं .. अदिति के का टुकड़ा आदित्य की तरफ करती है ऐसे ही बारी बारी सबको खिलाने के बाद पार्टी शुरू हो जाती है...सब अपने अपने खाने पीने बातचीत में लग जाते हैं...
श्रुति : यार अदिति आज तो तू बहुत अच्छी लग रही है....
अदिति : थैंक्स.... मुझे भी ये ड्रेस पसंद आई ...... विवेक की चाॅइस अच्छी है...
कंचन ने अदिति को छेड़ते हुए कहा..." वो तो होगी ही.... इतना प्यार जो करता है..."
अदिति : कंचन तू भी न.....
कंचन : ओए होए लड़की शर्मा गई....(कंचन की नजर अदिति के गले में पड़े लाकेट पर जाती है जो आधा ही दिख रहा था)...ये लाकेट कैसा है.....?
अदिति लाकेट को देखते हुए कहती हैं....." अरे ये विवेक ने दिया था...."
कंचन : अच्छा.....
श्रुति : कंचन तू भूल गई विवेक ने कहा था न त्रिशूल लाकेट...
कंचन : अरे हां याद आया......(तभी एक नौकर अदिति के पास आता है)...
" मैम साहब आपके भाई आपको ऊपर कमरे में बुला रहे हैं...."
अदिति : भाई ऊपर बुला रहे हैं.....?.....मैं अभी आती हूं...
कंचन : ठीक है...
अदिति ऊपर रूम में चली जाती हैं......
थोड़ी देर बाद विवेक  इधर उधर ढूंढता हुआ कंचन के पास पहुंचता है....
विवेक : कंचन अदिति कहां है...?
कंचन : वो ऊपर रूम में है भाई ने उसे बुलाया है...
विवेक : क्या....?.....पर भाई तो बाहर है.......
 
............to be continued.........