Shoharat ka Ghamand - 157 in Hindi Women Focused by shama parveen books and stories PDF | शोहरत का घमंड - 157

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शोहरत का घमंड - 157

कबीर शेखावत आलिया के कपड़े फाड़ रहा होता है तभी वो अचानक से जोर से दरवाजा खोलता है, जिसे देख कर कबीर शेखावत और आलिया चौक जाते हैं।

उस शख्स को देख कर कबीर शेखावत की तो जान ही हल्क में अटक जाती है और आलिया खुश हो जाती है और जल्दी से कबीर शेखावत को धक्का दे कर, जल्दी से भाग कर उस शख्स के गले लग जाती है। और वो शख्स कोई और नहीं बल्कि आर्यन होता है।

आलिया जा कर आर्यन को कस की पकड़ लेती है। आर्यन एक्सप्रेशन लैस होता है और बस चुप चाप खड़ा रहता है कुछ भी रिएक्ट नहीं करता है। और जब आलिया उसे गले लगाती है तो भी वो बस चुप चाप खड़ा रहता है वो आलिया को गले नहीं लगाता है, अपने दोनों हाथ को नीचे किए रहता है।

तब कबीर शेखावत बोलता है, "तुम यहां पर कैसे आए, तुम तो जेल में थे"।

तब आर्यन बोलता है, "क्योंकि अब तेरी मौत का टाईम आ गया है इसलिए मैं यहां पर आया हूं "।

तब कबीर शेखावत बोलता है, "बकवास बंद करो अपनी "।

तब आर्यन बोलता है, "अब मैं कुछ बोलूंगा नहीं बस करूंगा"।

उसके बाद वो आलिया को हटाता है और देखता है कि उसके चेहरे पर उंगलियों के निशान होते हैं और उसकी दोनों बाजू फटी होती है जिनमें नाखून के निशान होते हैं और आलिया के बाल पूरे बिखरे होते हैं और वो डर के मारे कांप रही है होती है।

तभी आर्यन अपनी शर्ट उतारता है और आलिया को पहना देता है और खुद बिना शर्ट के होता है जिससे कि उसकी बॉडी नजर आ रही होती है।

उसके बाद वो आलिया साइड में खड़ा कर देता है। तभी कबीर शेखावत वहां से चुपके से निकल रहा होता है। तभी आर्यन उसका हाथ पकड़ कर सीधा दीवार में उसका सर मारता है।

जिससे कि कबीर शेखावत को गुस्सा आता है और वो अपना हाथ उठाता है आर्यन को मारने के लिए। एक तो आर्यन पहले से बहुत गुस्से में होता है ऊपर से आलिया की हालत देख कर उसे और ज्यादा गुस्सा आता है और वो कबीर शेखावत का हाथ पकड़ लेता है और उसे मोड देता है।

जिससे कबीर शेखावत की चीख निकलती है और वो बोलता है, "आर्यन मेरा हाथ छोड़ "।

तब आर्यन बोलता है, "तुझे तो मैं तब तक नहीं छोडूंगा जब तक कि तू मर नहीं जाता है"।

उसके बाद आर्यन गुस्से में कबीर शेखावत को मारने लगता है। आर्यन उसे इतना मारता है कि उसके मुंह और शरीर से खून निकलने लगता है। इससे भी आर्यन का मन नहीं भरता है और आर्यन कबीर शेखावत को शीशे की दीवार पर धक्का देता है जिससे कि कबीर शेखावत ऊपर बिल्डिंग से नीचे गिर जाता है।

उधर आलिया साइड में खड़ी खड़ी कांप रही होती है। आर्यन भी बहुत गुस्से में होता है और अपना गुस्सा कंट्रोल करने की कोशिश करता है। और वो अपना गुस्सा कम करता है और आलिया के पास जाता है और दुप्पटा उसे ओढ़ा देता है और उसे गोद में उठा लेता है और गोद में उठा कर उसे कबीर शेखावत के होटल से ले कर जा रहा होता है।

आर्यन आलिया को बाहर ले कर आता है और अपनी कार में बैठा देता है और खुद आ कर ड्राइविंग करने लगता है। आर्यन आलिया को इग्नोर कर रहा होता है और उसकी तरफ देखता भी नहीं है। आलिया साइड में बैठी बैठी कांप रही होती है और उसे बहुत ही डर लग रहा होता है।।

तभी आलिया अचानक से उठती है और जा कर आर्यन की गोद में बैठ जाती है और उसे कस की पकड़ लेती है और अपना सर उसके सीने में छुपा लेती है। जिससे आर्यन का दिल अचानक से धक धक करने लगता है.............