My Devil President - 3 in Hindi Love Stories by Soumya Modi books and stories PDF | My Devil President - 3

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My Devil President - 3

अथर्व ने ज़ब वापस अपनी नजरें उस लड़की पर कर की तो वो उसे ही आश भरी नजरों से देखे जा रही थी।

अथर्व ने एक झटके मे उसे खुद से दूर किया और गुस्से मे कहा " तुम्हे क्या लगता है तुम मुझे अंकल बोलोगी और मैं तुम्हे अपने साथ ले जाकर तुम्हारी सेवा करूँगा अगर तुम ऐसा सोच रही हो तो ऐसा बिलकुल नहीं होगा। क़भी नहीं क्योंकि अथर्व रस्तोगी सेवा करवाता है करता नहीं है"

"क्या तुम्हारा नाम अथर्व रस्तोगी है।" उस लड़की ने हस्ते हुए कहा 

अथर्व उसे अजीब तरीके से घूरने लगा।

उस लड़की ने जोर जोर से हस्ते हुए कहा "कैसा नाम है तुम्हारा मेरा मतलब ठीक ठाक ही है लेकिन रस्तोगी की जगह रस गोभी रहता तो ज्यादा अच्छा लगता।"

अथर्व का उसकी बात सुन पारा हाई हो गया। उसने झल्लाते हुए कहा "तुम्हारा मतलब क्या है की मेरा नाम ठीक ठाक है। मेरा तो नाम है भी तुम्हारा तो वो भी नहीं है।"

उसकी बात सुन वो लड़की मुँह बनाते हुए सिसकने लगी और रोने लगी।  

अथर्व ने ज़ब उसे रोते हुए देखा तो एक तिरछी मुस्कान के साथ कहा "मुझे पता है तुम्हारा नाम क्या है।"

उसकी बात सुन वो लड़की तुरंत शांत हो गयी और हैरानी भरी नजरों से अथर्व को देखने लगी जैसे पूछ रही हो तुम्हे मेरा नाम कैसे पता।

अथर्व ने ज़ब उस लड़की को खुद को ऐसे घूरते हुए पाया तो जबरदस्ती का मुस्कुराते हुए कहा "वर्षा तुम्हारे माँ बाप ने तुम्हारा नाम वर्षा ही रखा होगा।"

उस लड़की ने कंफ्यूज होते हुए पूछा "पर तुम इतने स्योर कैसे हो सकते हो।"

 अथर्व ने कहा क्योंकि तुम्हारे आँखों से सिर्फ वर्षा होते रहती है तो तुम्हारा नाम वर्षा ही होगा।

उसकी बात सुन उस लड़की ने हस्ते हुए कहा "हाँ शायद तुम सही कह रहे हो। मेरा नाम वर्षा ही होगा।" फिर वो अपने दोनो हाथो से ताली बजाते हुए बोली "अंकल आप कितने होसियार हो मेरा नाम तुरंत पहचान लिया।"

अथर्व उसके मुँह से एक बार फिर अंकल सुन गुस्सा हो गया उसने गुस्से मे कहा "ठीक है तो मैंने तुम्हे तुम्हारा नाम बता दिया अब तुम्हे जहाँ जाना है वहा जाओ पर मेरा पीछा छोड़ दो और आइंदा से तुम मुझे अंकल नहीं कहोगी। प्रेजिडेंट कहोगी। डू यू अंडरस्टैंड।"

ये बोल वो वहा से जाने लगा तो एक बार फिर उसके कदम रुक गए उसने पीछे पलट कर देखा तो उस लड़की ने फिर उसके कोट को पकड़ लिया था।

"आप प्रेसिडेंट कब बने और राम नाथ कोविंद प्रेसिडेंट की पदवी से कब हटे।"

ये बोल उस लड़की ने अथर्व का कोट पकड़ अपने पास खींच लिया जिससे अथर्व उसके ठीक सामने खड़ा हो गया।

वो लड़की बेड पर खड़ी हो गयी और अथर्व के ऊपर कूद कर उससे जोख की तरह लिपट गयी। उसने अपने पैर अथर्व के चारो तरफ लपेट लिए थे और अपने दोनों हाथ उसके गर्दन पर।

बेचारा अथर्व तो वही जम गया था। उसकी आँखे हैरानी से बड़ी हो गयी वो अपनी नीली आँखों से उस लड़की की हरि आँखों मे देखने लगा।

वो लड़की अथर्व के गर्दन मे अपना सिर छुपाते हुए बोली "प्लीज् मुझे छोड़ कर मत जाओ। मैं कहा जाउंगी। आप प्रेसिडेंट हो ना तो एक प्रेसिडेंट का कर्तव्य होता है ना देश की सेवा करना जनता की सेवा करना तो मैं भी तो आपकी जनता हूँ तो आपको मेरी सेवा करनी ही होंगी वरना मैं सबके साथ मिलकर हड़ताल कर दूंगी और आपको प्रेसिडेंट की सीट से हटवा दूंगी।"

अथर्व तो उसकी बात सुन पागल हो गया उसने खुद से कहा "कोई इतना बेवक़ूफ़ कैसे हो सकता है। ओह गॉड व्हाट डू आई डू नाउ।"

"नहीं मैं तुम्हे अपने साथ नहीं ले जा सकता समझ मे आयी मेरी बात।" ये बोल अथर्व उस लड़की को अपने आप से दूर करने की कोशिश करने लगा।

तो उस लड़की ने उसे और कस कर जकड़ लिया और गुस्से मे कहा "तुम्हे मुझे अपने साथ ले जाना होगा वरना मैं तुमसे बात नहीं करुँगी।"

अथर्व उसकी बात सुन उसे अपने आप से जबरदस्ती अलग कर दिया और गुस्से मे कहा "वैसे मैं भी तुमसे बात करने के लिए मरे नहीं जा रहा हूँ।" ये बोल वो बिना उसे देखे चला गया।

उस लड़की ने अपना हाथ बांध लिया और गुस्से मे मुँह फुलाते हुए कहा "मत ले जाओ मुझे अपने साथ पर मैं इस जगह नहीं रहूंगी ये बोल वो धीरे-धीरे खड़ी होने लगी और हॉस्पिटल से बाहर आने लगी।"

अभी अथर्व हॉस्पिटल से बाहर अपने कार से टेक लगाए खड़ा था और उसके सामने रोबिन खड़ा उससे बात कर रहा था।

"प्रेसिडेंट हम उस लड़की के बारे मे पता लगा लेंगे फिर उसे उसके घर छोड़ कर अपना सारा काम देखेंगे।"

अथर्व ने बस हम्म्म मे जवाब दिया।

रोबिन वही खड़ा आगे बोल ही रहा था की अचानक उसकी बोलती बंद हो गयी।

वही वो लड़की धीरे धीरे बाहर आ गयी और रोड की तरफ बढ़ने लगी।

रोबिन तो एकटक रोड की तरफ देखे जा रहा था अथर्व ने ज़ब उसे कही एकटक देखते हुए देखा तो उसकी नज़रो का पीछा करने लगा पर उसने जैसे ही उस लड़की को रोड की तरफ जाते देखा। उसकी आँखे हैरानी से बड़ी हो गयी।

वही वो लड़की खुद से बड़बड़ाने लगी "मैं इस हॉस्पीटल मे नहीं रहूंगी वो प्रेसिडेंट बहूत गन्दा है उसने मुझे डाटा और अपने साथ भी नहीं ले गया अब मैं मासूम कहा दरदर की ठोकरे खाउंगी भगवान जी प्लीज उस प्रेसिडेंट को कड़ी से कड़ी सजा देना उसके खाने मे मकड़ी डाल देना। नहीं-नहीं वो बहूत पोइसोंस हो जायेगा और उसकी तबियत भी ख़राब हो जाएगी और अगर उसकी तबियत ख़राब हुई तो मेरी सेवा कौन करेगा। भगवान जी एक काम करना उसे भी उसका नाम भुला देना। हा ये ठीक रहेगा।"

वो ये बोल आगे बढ़ ही रही थी की किसीने उसे अपने कंधे मे उठा लिया।

जारी है