we got to know love in Hindi Short Stories by kanchan books and stories PDF | हमने प्यार को जाना

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हमने प्यार को जाना

मिता की पढ़ाई पूरी होने के बाद उसे एक प्रतिष्ठित इंटीरियर डिजाइन कंपनी में नौकरी मिली, जो हाइ-फाई इलाकों में अपार्टमेंट्स और इंटीरियर्स का काम करती थी। उसके ऑफिस में बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज़ का आना-जाना लगा रहता था। इसी दौरान एक मशहूर फिल्म स्टार, इशांत से उसकी मुलाकात हुई, जो अपने फ्लैट के इंटीरियर के लिए मिता से मिला। मिता बहुत ही सुंदर और शालीन थी । इशांत पूरे दिन शूटिंग में व्यस्त रहता था, इसलिए वह रात को फ्लैट और इंटीरियर से संबंधित काम के सिलसिले में मिता से मिलता था। रात को मिता को घर जाने में देर हो जाती थी, तो इशांत उसे ड्रॉप करने लगा। मिता पहले मना करती थी, लेकिन अकेले टैक्सी से रात को घर जाने से डरती थी, इसलिए सबको सूचित करके इशांत के साथ जाने लगी, क्योंकि कार में उसके ड्राइवर के साथ इशांत का और भी स्टाफ रहता था, तो उसे डर नहीं लगता था।एक दिन इशांत ने शूटिंग से छुट्टी लेकर पूरा दिन फाइनल इंटीरियर का काम देखने फ्लैट पर बिताया। लंच के समय उसने मिता और बाकी काम करने वालों के साथ होटल जाने का प्रस्ताव रखा, लेकिन थोड़े समय का काम बाकी था और सब टिफिन लाए थे, तो सबके साथ वहीं टिफिन शेयर करने का सुझाव अच्छा लगा। इशांत ने मिता का टिफिन भी खाया और  स्वाद से वह फिदा हो गया। अब तक इशांत को पता ही नहीं चला था कि इंटीरियर के सिलसिले में वह हर दिन या तो मिता से मिलता है या रात को घंटों फोन करता है।  लेकिन उसने इतना ध्यान नहीं दिया था कि उसे अब ये आदत हो गयी थी और अब तो मीता से बात किए बिना चैन ही नहीं आता। काम तो पूरा हो चुका था, लेकिन हर रात वह मिता को फोन करता था।मिता एक सीधी-सादी लड़की थी और उसे फिल्म स्टार्स पर कभी भरोसा नहीं था। उसे लगता था ये लोग बस टाइम पास करते हैं, तो वह सोचती थी काम पूरा हुआ, अब ये मुझे क्यों फोन करता है, और कभी-कभी फोन नहीं उठाती थी। इधर अगर मिता से बात नहीं हुई तो इशांत को बेचैनी होने लगती। फिर उसे समझ में आया कि वह सच में मिता से प्यार करने लगा है। वह अब किसी बहाने से उसी रास्ते से शाम को जाने लगा ताकि मिता को घर तक ड्रॉप करे, लेकिन मिता उसे टालकर ऑटो में जाने लगी। फिर मिता को समझ में आया कि ये सब, कुछ अलग लग रहा है। उस रात फिर इशांत के कॉल आए तो मिता ने फोन उठाया और बात की, तब इशांत ने कहा शायद उसे मिता से प्यार हुआ है। मिता ने फोन काट दिया। अगले दिन जब वह ऑफिस गई तो इशांत बाहर रुका हुआ था। मिता को अब उससे डर लगने लगा। वह किसी अमीर सेलिब्रिटी का खिलौना बनने में इंटरेस्टेड नहीं थी।  इशांत ने उसे अपने साथ कॉफी पर बुलाया। जब मिता नहीं मानी तो उसने उसका हाथ पकड़कर कार में बैठाया। मिता बहुत गुस्सा हुई और बोली मैं सबको बता दूंगी तुम्हारी इन बदतमीजी के बारे में, लेकिन इशांत उससे रिक्वेस्ट करने लगा। वह बोला बस 10 मिनट कहीं चलो और बात करो कि क्यों तुम मुझे बुरा समझती हो। मैं सच में तुम्हारा साथ निभाना चाहता हूं, लेकिन मिता गुस्से से उतरकर चली गई।इशांत की ये परेशानी उसके पेरेंट्स को समझ में आ गई। उन्होंने कहा वह खुद मिता की मां से बात करेंगे और वह अगले ही दिन मिता की मां से बात करने चले गए। लेकिन मिता की मां को भी अजीब लगा। वह बोलीं बस ये कुछ दिन का आकर्षण हुआ और इशांत को कोई और अच्छी लगी तो? क्योंकि हम मिडिल क्लास लोग हैं, हमारी पढ़ाई भी अंग्रेजी मीडियम में नहीं हुई। इशांत के पेरेंट्स ने कहा ठीक है हम दोनों को थोड़ा समय देते हैं, तब भी अगर इशांत मिता को ही चाहे तो आगे सोचेंगे। वैसे आपने तो मिता की अरेंज मैरिज ही करनी है तो ये यहीं समझो। आगे जाकर मिता की मां उसके लिए अपनी बिरादरी में लड़का ढूंढने लगीं पर कोई ढंग का रिश्ता नहीं मिल रहा था जिसके लिए इशांत को ना करें। इधर इशांत मिता को अपनी सज्जनता और सच्चाई दिखाने के लिए एकदम डीसेंट बिहेव करने लगा। ना कोई पार्टी, ना लड़कियों के बीच घूमना, बस शाम को मिता के ऑफिस बाहर कार लगाना, और जब तब  मिता ऑटो से घर जाती थी ,तब तक उसे देखते रेहना| कभी आउटडोर शूटिंग होती तो मिता भी ये सब मिस करने लगी। शायद उसे भी इशांत पसंद आ रहा था, फिर भी वह चुप थी। आखिर मिता के मामा बोले हर्ज ही क्या है दीदी, अगर ये लड़का मिता से शादी करे। अब तो 6 महीने बीत चुके, उसकी 2 फिल्में आईं, हिट हुईं, पर कहीं कोई कॉन्ट्रोवर्सी नहीं। बस सब जगह एक ही बात आती है कि वह किसी को चाहता है। इसका मतलब वह  मिता को चाहता है तो क्यों ना हम उनकी शादी  कर दें।अखिर मीता ने हा कर दी पर वो ईशांत पर बिल्कुल भरोसा नहीं कर पा रही थी | तो इशांत  ने उससे वादा किया की जब तक वो चाहे इस शादी को दुनिया से छुपाएंगे और दोनों अलग रहेंगे| फिर मीता उस के साथ एक सेक्रेटरी जैसे रहने लगी |                                                                इशांत की नई फिल्म की शूटिंग शुरू हो चुकी थी, और इस बार आउटडोर लोकेशन पर जाना था। पूरे कास्ट और क्रू के साथ मिता भी गई, क्योंकि अब वह इशांत के शेड्यूल को मैनेज करती थी। होटल में सभी के लिए अलग-अलग कमरे बुक किए गए थे, और संयोग से मिता का कमरा इशांत के कमरे के ठीक पास था। इशांत किसी ना किसी बहाने से मीता पर अपना इम्प्रेशन ज़माने की कोशिश करते रहता था |फिल्म में इशांत के साथ एक नई हीरोइन कास्ट हुई थी—सिया। वह खूबसूरत थी और इशांत की बड़ी फैन भी। शूटिंग के दौरान सिया हमेशा इशांत के आसपास रहने की कोशिश करती, उससे हंसी-मजाक करती और हर वक्त उसे इंप्रेस करने में लगी रहती। इशांत को यह सब सामान्य लगता, लेकिन मिता को यह बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा था। उसे बहोत अजीब सी बेचैनी होती थी और मन ही मन सिया से डर लगता था|  यह सब देख के ईशांत को भी अच्छा लगाता था |एक दिन, लंच ब्रेक में, सिया ने इशांत से कहा,"इशांत, तुम तो बहुत प्रोफेशनल हो, लेकिन तुम हमेशा इतने रिजर्व्ड क्यों रहते हो? तुम्हारी लाइफ में कोई स्पेशल है क्या?"इशांत हल्का सा मुस्कराया और जवाब दिया, "शायद... लेकिन मैं अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में ज्यादा बात नहीं करता।"सिया को इस जवाब से और ज्यादा जिज्ञासा हुई। उसने नोटिस किया कि इशांत मिता के साथ ज्यादा कंफर्टेबल रहता है। उसने सोच लिया कि मिता से इशांत के बारे में ज्यादा जानने की कोशिश करेगी।दूसरी तरफ, शूटिंग टीम में एक यंग डायरेक्टर, आरव, था, जो पहले दिन से ही मिता को नोटिस कर रहा था। वह मिता की सुंदरता और सरलता से प्रभावित था।एक दिन होटल की लॉबी में आरव ने मिता से कहा,"मिता, तुम इस फिल्म इंडस्ट्री से नहीं हो, फिर भी इतनी अच्छी तरह सब मैनेज करती हो। क्या तुम्हें कभी एक्टिंग का मन नहीं किया?"मिता हंस पड़ी, "नहीं, मुझे कैमरे के पीछे ही रहना अच्छा लगता है।"आरव ने उसे थोड़ा और टटोलते हुए कहा, "वैसे, तुम्हें देखकर तो नहीं लगता कि तुम किसी के लिए बस एक असिस्टेंट हो... क्या तुम और इशांत सिर्फ प्रोफेशनल रिलेशनशिप में हो?"मिता चौंक गई। उसने नजरें चुराते हुए टॉपिक चेंज करने की कोशिश की |उस रात होटल में एक छोटी सी पार्टी रखी गई थी। मिता भी वहां गई, लेकिन वह ज्यादातर वक्त अकेली ही बैठी रही। उसने देखा कि सिया बार-बार इशांत के पास जाकर बातें कर रही थी और कभी-कभी हल्के-फुल्के छूने की कोशिश भी कर रही थी।इशांत ने मिता की तरफ देखा, लेकिन उसने अपनी नजरें फेर लीं। उसे खुद समझ नहीं आ रहा था कि उसे इतना अजीब क्यों लग रहा था।दूसरी तरफ, आरव भी मिता के पास आया और बोला, "अगर तुम बोर हो रही हो तो बाहर टेरस पर चल सकते हैं।"इशांत ने यह सुना और अचानक उसके मन में अजीब सी बेचैनी हुई। उसने तुरंत मिता को इशारा किया, लेकिन मिता ने अनदेखा कर दिया।रात को जब मिता अपने कमरे में जा रही थी, तभी इशांत ने उसे रोक लिया।"तुम आरव के साथ क्या कर रही थी?"मिता चौंक गई, "क्यों? मैं किसी के साथ भी बात कर सकती हूँ। वैसे भी, तुम तो सिया के साथ बिजी थे!"इशांत को गुस्सा आ गया, "क्या तुम जानबूझकर ऐसा कर रही थी?"मिता ने भी पलटकर जवाब दिया, "तो क्या हुआ अगर मैंने ऐसा किया? जब तुम किसी और के साथ आराम से बातें कर सकते हो, तो मैं क्यों नहीं?"इशांत ने एक पल के लिए उसे देखा, फिर अचानक मिता का हाथ पकड़कर उसे अपने कमरे में ले गया।"मिता, मैं कब से तुम्हारे फैसले का इंतजार कर रहा हूँ। लेकिन अब मैं और इंतजार नहीं कर सकता। सच्चाई यही है कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ, और ये छुपाने का कोई फायदा नहीं।"मिता की आँखों में आंसू आ गए। उसे अब और छुपाने की जरूरत महसूस नहीं हुई।"मुझे भी अब समझ में आ गया है, इशांत… मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ।किसी और को तुम्हारे साथ देख के बहोत डर लगाता हैं|"अगली सुबह, जब सभी नाश्ते के लिए बैठे थे, इशांत ने सबके सामने मिता का हाथ पकड़ा और कहा,"मैं आप सबको अपनी जिंदगी के सबसे जरूरी इंसान से मिलवाना चाहता हूँ—मिता। मेरी पत्नी।"सिया और आरव चौंक गए। पूरी टीम खुश हो गई क्यूँकी अब तक मीता सब की अच्छी फ्रेंड हो चुकी थी |अब मिता और इशांत ने फैसला कर लिया था कि वे हमेशा साथ रहेंगे।