two twists of fate in Hindi Short Stories by kanchan books and stories PDF | तकदीर के दो मोड़

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तकदीर के दो मोड़

कॉलेज के वो दिन… जब हर दिन एक नई मस्ती, नया मज़ाक, और नए किस्सों से भरा रहता था। लड़कियों का अपना ग्रुप, लड़कों का अपना। एक-दूसरे को जानते हुए भी, जैसे कोई सीधी दोस्ती नहीं थी।एक तरफ रोमा और उसकी सहेलियाँ, जो हमेशा अपने ग्रुप में मस्त रहतीं—लड़कों की बातों पर सिर्फ हंसतीं, लेकिन कभी किसी को घास नहीं डालतीं।दूसरी तरफ लड़कों का वो नॉटी ग्रुप, जो पूरी क्लास में बदमाशियों के लिए फेमस था।तीन साल इसी तरह बीत गए। लड़कों की कोशिशें नाकाम होती रहीं, लड़कियाँ हमेशा दूर ही रहीं। लेकिन फिर भी कॉलेज के हर ग्रुप में इन्हीं लड़कियों की बातें सबसे ज्यादा होतीं।फिर आया वो दिन—कॉलेज खत्म होने का।मस्ती-मज़ाक, फेयरवेल, दोस्ती के वादे… और फिर सब अपने-अपने रास्ते चले गए।कुछ ने पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए यूनिवर्सिटी जॉइन कर ली, तो कुछ ने जॉब पकड़ ली। धीरे-धीरे सबको एक-दूसरे की खबरें मिलनी भी कम हो गईं।फिर एक दिन, अचानक एक खबर आई—रोमा की शादी हो गई!सबके लिए ये चौंकाने वाली बात थी। वो लड़की, जिसने पूरे कॉलेज में कभी किसी लड़के की परवाह नहीं की, जिसने हमेशा लड़कों से दूरी बनाई, वो अचानक शादी करके सेटल हो गई?"लेकिन कब? किससे?"ये सवाल सबके मन में था। शादी की कोई बड़ी खबर नहीं थी, कोई फंक्शन नहीं, कोई तस्वीरें नहीं। बस एक हल्की-सी अफवाह… और धीरे-धीरे ये खबर सब तक पहुँच गई कि रोमा की शादी उसी कॉलेज के एक लड़के से हुई है।पर कौन था वो लड़का? कई लोगों को यकीन ही नहीं हुआ जब पता चला कि रोमा ने उसी नॉटी बॉयज़ ग्रुप के एक लड़के से शादी की थी!वही ग्रुप, जिससे उनकी लड़कियाँ कभी खुलकर बात नहीं करती थीं… वही ग्रुप, जिसे लड़कियाँ हमेशा नजरअंदाज करती थीं!"नामुमकिन! अगर ऐसा होता तो हमें पता नहीं चलता?""ये कैसे हो सकता है? हम सब तो एक ही कॉलेज में थे!"पर सच यही था।फिर तक़दीर ने एक और मोड़ लिया...शादी की खबर पूरे शहर में फैली। पर इस बार किसी बाहरी दुनिया ने नहीं, घरवालों ने तूफान खड़ा कर दिया।लड़के के घर में जैसे हंगामा मच गया!उनके लिए ये शादी एक बगावत से कम नहीं थी।जब ये बात लड़के के पापा को पता चली, तो वो गुस्से और सदमे से बेकाबू हो गए… और उन्हें हार्ट अटैक आ गया।अब लड़के पर पूरे परिवार का दबाव था—"शादी खत्म करो!"और आखिरकार, लड़के ने परिवार के आगे घुटने टेक दिए।उसने वो फैसला लिया, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी—उसने रोमा को छोड़ दिया।एक पल में सब बदल गया...रोमा के लिए ये किसी तूफान से कम नहीं था।जिस रिश्ते को उसने अपनी पसंद से चुना था, वो बस एक झटके में खत्म हो गया।जिस लड़के को उसने अपना माना था, वही अब उसे अजनबी बना चुका था।फिर उसने शहर छोड़ दिया…अब ना मायके में ठिकाना था, ना ससुराल में।एक नए शहर में नई ज़िंदगी शुरू करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था।वो दूसरे शहर में नौकरी के लिए चली गई, ताकि पुरानी यादों से दूर रह सके।अब उसका एक ही मकसद था—खुद को संभालना, और कभी पीछे मुड़कर ना देखना।लेकिन तक़दीर का दूसरा मोड़ बाकी था...नई जगह पर, एक नया शख्स उसकी ज़िंदगी में आया।ऑफिस में एक पुराना जानने वाला मिला—राहुल।राहुल, जिसने पहले भी उसकी चुप्पी में छिपा दर्द देखा था।राहुल को जब धीरे-धीरे सच्चाई पता चली, तो उसने बस एक बात कही—"पहला रिश्ता तुम्हारी पसंद थी, लेकिन ये रिश्ता खुद तक़दीर ने बनाया है।"  बहुत सालो  और कोशिशों  के बाद रोमा  जान गई की राहुल ही वो इंसान है जो उसकी सच्ची केयर करता है |
रोमा ने पहली बार किसी को खुद के करीब आने दिया।क्योंकि इस बार, वो रिश्ता तक़दीर से था, न कि सिर्फ उसकी पसंद से।कभी-कभी ज़िंदगी दो मोड़ देती है…पहला, जिससे दिल टूट जाता हैं।और दूसरा, जिससे फिर से जुड़ जाता हैं।