Idhar Udhar ki - 6 in Hindi Anything by Kishanlal Sharma books and stories PDF | इधर उधर की - 6

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इधर उधर की - 6

और कुमार के आते ही मैं उनके चेम्बर में जा पहुंचा।मुझे देखते ही कुमार बोला,"बोलो शर्मा?""

"क्या मुझे काम करने देना नही चाहते?"

"क्या हुआ?"

"मेरे पास एक ही आदमी है महेश काम को उसे भी पार्सल में भेज दिया?"

"किसने?"

"धीरी सिंह ने

कुमार ने तुरंत धीरी सिंह को बुलाया औऱ  बुरी तरह फटकारते हुए बोले," तुम्हे किसी का ट्रांसफर करने की जरूरत नही है

कुमार के खिलाफ असंतोष बढ़ता जा रहा था।उसकी कार्यशैली से स्टाफ खुश  नहीं था।और असंतोष का गुब्बारा एक दिन फुट पड़ा।यूनियनों ने मण्डल कार्यालय को घेर कर कुमार के खिलाफ प्रदर्शन किया था और इसने उसके ट्रांसफर की इबादत कीलिख दी।और ऐसा ही हुआ

कुमार को अल्हाबाद भेज  दिया गया।उनकी जगह नए मण्डल वाणिज्य प्रबन्धक पी के पांडे आये थे वह रैंकर थे।रेलवे में सी एम आई भर्ती हुए थे और पडोन्ट होते हुए इस पद पर पहुंचे थे।वह सुलझे हुए व्यक्ति थे।रैंकर अफसर को सारी जानकारी होती है।काम का अनुभव होता है।और स्टाफ से काम लेना भी उन्हें आता है।

आते ही एक मसले पर मेरा उनसे विवाद हो गया।उन्होंने। मुझे गलत बताया।उस समय मे आगरा फोर्ट पर बुकिंग सुपरवाइजर था।अगले दिन उन्हीने सभी इंचार्ज और सी एम आई कि मीटिंग बुलाई।और उन्होंने फोन से इटावा, झांसी व कई जगह के इंचार्ज से बात की औऱ मेरी बात सही निकलने पर मीटिंग में सबके सामने सॉरी कहा था।

उस समय आगरा फोर्टL पर DCI अनुपम मिश्र था।उसने कुमार के समय मे स्टाफ को बहुत परेशान किया था।उसके खिअफ़ बहुत शिकायते थी।पांडे जी ने आते ही उनकी जांच कराई थी।

और एक दिन शाम को छ बजे मेरे पास Sr DCM पांडे जी का फोन आया"शर्मा तुम अभी जाकर अनुपम से चार्ज लो औऱ उसे रिलीव करके।ेेरे पास भेजो

मैं उनकी बात सुनकर बोला,"सर छ बज गए।सुबह ले लूंगा

"नही अभी

और मै अपना काम महेश के सुपुर्द करके सी एम आई2 चेम्बर में गया औऱ उससे बोला,"साहब का आदेश है।अभी चार्ज होगा।"

उस दिन पीरियड की फिगर यानी जानी थी।मैने अनुपम से कहा,"नुझे चार्ज दो।वह बोला,"सुबह ले

मैं बोला-साहब से बात कर लो

उसने फोन मिलाया।साहब ने साफ मना कर दिया और बोले चार्ज देकर आओ।मैं तुम्हारा ििनतजार कर रहा हूँ।और अनुपम मिश्रा को कंट्रोल में लगा दिया गया।ऐसा  नही है कि उसने चुप चाप नौकरी की हो।वह लगातार रेलवे बोर्ड व अन्य जगह से सिफारिश करता रहा।वापस आगरा फोर्ट पर cmi बनने के लिये पर आज तक वह इसमें सफल नही हो पाया।विडम्बना देखो।ज्यादा पढ़ा नही और कोई काम भी आज तक नही जान पाया।पर प्रमोशन मिलते रहे।अभी लालू यादव का लेंड फ़ॉर जॉब कांड चल रहा है।नौकरी के बदले जमीन।कितने भृष्ट और बेईमान है इसके लिय किसी प्रमाण की जरूरत नही है।जिस समय यह राजनीति में आये तब इनके पास क्या सम्पति थी और आज कैसे करोड़ो के।मलिक है।खुद ही नही पत्नी, बेटों के नाम भी करोड़ो की समाप्ति है।यह आयी कहा से है।

रेल मंत्री थे तब रेल का किराया दो बार कम करके रेलवे को कई साल  पीछे ले गए।और अर्थशास्त्री PM मौनी बाबा मौन रहे।बिना किसी टेस्ट या योग्यता के कुलियों को क्लास फोर्थ में नौकरी में भरा गया।रेलवे को   बदहाल करने वाले ऐसे लोग को आप  क्या कहेंगे