Here and there - 3 in Hindi Anything by Kishanlal Sharma books and stories PDF | इधर उधर की - 3

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इधर उधर की - 3

किस्सा निरीक्षण।रेल मे इंस्पेक्शन चलते रहते हैं।कुछ किस्से आज बताता हूँ।

पहले कोटा मण्डल के कुछ किस्से

रेल में भी सभी तरह के अधिकारी आते रहते है।कुछ  अच्छे कुछ बुरे,कुछ सख्त कुछ सीधे

कोटा मण्डल में   DRM के पद्द पर थापर आये थे।बड़े ही कड़क।उन दिनों में बुकिंग में भी रहा और पार्सल में भी।बुकिंग मे मैं उस समय मे अस्सिस्टेंट सुपरवाइजर था।सुपरवाइजर थे।मीना लाल चतुर्वेदी।मथुराके रहने वाले।रोज मथ्यरुर्म मथुरा से up डाउन करते थे।हर दो महीने बाद DRM आगरा इंस्पेक्शन के लिए आ जाते।मीना लाल पहले ही छुट्टी वे जाते और मुझे उनका सामना करना पड़ता।

एक बार जनवरी मे इन्सपेक्शन था।भयंकर ठंड।मीना लाल छुट्टी ले गए थे।मुझे ही फेस करना था।मैने ऑफिस की सफाई बेहतर करवा दी थी।रिकॉर्ड को ब्रह्तबेहतरीन ढंग से रखा था।सब स्टाफ यूनिफॉर्म में था।किसी तरह की कोई कमी नही।

उस समय पी के सक्सेना भी ड्यूटी पर था।उसने एक कागज पर सारे विभागों के टेलीफोन नम्बर लिखकर एक स्टील की अलमारी जिसमे रिकॉर्ड रहता था।पर चिपका दिया।

DRM साहब लाव लश्कर के साथ ऑफिस में आये।उन्होंने एक नजर में पुर्र ऑफिस का मुआयना किया।कही कोई कमी नही।उनकी नजर अलमारी पर चिपके कागज पर पड़ी।वह उसे देखकर बोले,"यह क्या है?

"सर।टेलीफोन नम्बर है"।मैने उन्हें बताया था।

"इसे अपनी टेबिल पर रखो।कैरिज वालो से शीशा ले लो।अचछा लगेगा

उनकी बात सुनकर मैं बोला,"यस सर मैं ऐसा ही करूंगा

और वह2 चले गए।अगर मैं ऐसा नही करता तो बात बिगड़ जाती

सन2003 में रेलवे में मुखयालय और मंडलों का पुनर्गठन हुआ जिसके फलस्वरूप नए जॉन और मण्डल अस्तित्व में आये।उस समय केंद्र में एन डी ए की सरकार थी।अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री और नीतीश कुमार रेल मंत्री थे।

उसी समय नया जोन एन सी आर अस्तित्व में आया था।इसमें तीन मण्डल शामिल किए गए थे।उतर रेलवे का इलाहाबाद, सेंट्रल रेलवे का झांसी और नया बना मण्डल आगरा।

आगरा मण्डल में इलाहाबाद मण्डल का टूंडला से छलेसर, कोटा मण्डल का बयाना, जमुना ब्रिज सेक्शन, जयपुर मण्डल का बांदीकुई  ईद गाह सेक्शन, NE रेल का मथुरा अछनेरा, झांसी मण्डल कामथुरा आगरा  खण्ड थे।

इस नए मण्डल में जितने भी अधिकारी पोस्ट किये गए उनमें से  ज्यादातर छटे हुए थे।इसका मतलब आप समझ गए होंगे।

वाणिज्य विभग्ग में शुरू में DTM की post बनाई गई थी।इस पोस्ट पर झांसी से मिस्टर कुमार को पोस्ट किया गया था।बाद में 4 साल बाद वह इसी मण्डल में SDCM होकर आए थे।आगरा कैंट और आगरा फोर्ट के ARO को ATM  के पद पर रखा गया था।

मि कुमार एक नम्बर के बदतमीज और  फूहड़ व्यक्ति थे।उन्हें बोलने की तमीज नही थी।ऐसा लगता था उन्हें  परिवार से संस्कार और सभ्यता नही  सिखाई गयी थी।उस समय मैं आगरा फोर्ट पर CBS के पद पर कार्य कर रहा था।

कुमार का कोई समय नही था।वह चाहे जब इन्सपेक्शन के लिये आ जाता।कभी सुबह, कभी दोपहर में  कभी रात को 8 बजे भी।मुझे सुबह फिगर देनी होती थी तो मैं सुबह छ बजे ऑफिस पहुंच जाता और रात को 8 बजे बाद ही घर जाता। जबकि DRM  ऑफिस का समय भी 9 बजे से6 बजे तक है।और वैसे तो सुपरवाइजर का कोई ड्यूटी रोस्टर नही होता लेकिन नॉर्मल वे मैं 10 से 6 बजे तक है(शेष अगले अंक में)