Pyaar ki Pahchan - 4 in Hindi Love Stories by Aman Mishra books and stories PDF | प्यार की पहचान - 4

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प्यार की पहचान - 4

Chapter 3- दोस्ती की शुरुवात भाग- २ (Part 2)

राहुल:- नहीं अलोक,मुझे नहीं लगता है ये थीक होगा क्यूंकि अभिषेक ने क्या कहा "वह उसके साथ ऐसी जगह घूमने जाना चाहता है जहा प्रिय उसे थीक तरह से जान पाए,अगर ये लोग फिल्म देखने जाएंगे तो ये लोग सिर्फ फिल्म देख कर ही वापस आ जाएंगे 

अभिषेक:- तो फिर तुम ही बताओ राहुल मुझे कहा जाना चहिए ??
राहुल:- वो तु हमसे क्या पुछ रहा है तु अपने आप से यह बात पुछ और जहा तेरा दिल करे वहा उसे ले जा क्यों सही कहा ना मैंने। 
अलोक:- हा वैसे बात तो थीक ही कह रहा है राहुल, अभिषेक तुम ही सोचो और यदि तुम्हारा कही पक्का हो जाए तो हमे भी बता देना 
अभिषेक:- तो फिर थीक है अब मै ही कोई अच्छी जगह के बारे मे सोचता हु अच्छा चलो अब मे चलता हु। 
ऐसा बोलकर अभिषेक वहा से निकल जाता है। वहा दुसरी ओर प्रिय भी अपनी best friend निशा से इस बारे मे बात करती है। 
[निशा और प्रिय के चर्चा का आवरण]:-
प्रिय:- हां निशा, तो अभिषेक ने मुझे उसके साथ कही बाहर घूमने के लिए पूछा है 
निशा:- ओह हो क्या बात है मतलब मे सही कह रही थी की अभिषेक तुम्हे पसंद करता है ??
प्रिय:- ऐसा कुछ नहीं है निशा वो क्या है हमारे group project के लिए हमे साथ मे काम करना है और उस project के तहत मुझे अपने partner (यानी अभिषेक)के लिए कपडे खुद design करने है अब मे तो उसे थीक से जानती भी नहीं हु तो मे ऐसे कैसे उसके लिए कुछ design कर सकती थी तब मुझे अभिषेक ने यह तरकीब दी और मुझे उसकी यह तरकीब बहुत पसंद आयी। 
निशा:- क्या बस यही बात है या कुछ और क्यूंकि मुझे तो नहीं लग रहा है 
प्रिय:- ये सब तुम्हारा वहम है निशा हम सिर्फ दोस्त है अभी बस 
[वहा दुसरी ओर अभिषेक प्रिय को कहा ले जा सकता है इस बारे मे कुछ तय नहीं कर पा रहा था। उसे जल्द से जल्द कुछ तय करना होगा क्यूंकि उसे अगले दिन प्रिय को इस बात की सुचना देनी थी की वह उसे कहा ले जाने वाला है ]बहुत सोच विचारकर उसने एक plan तैयार कर लिया और वह अगली सुबह ही प्रिय को इसके बारे मे बताने वाला था। अगली सुबह ही वह प्रिय से कॉलेज मे मिलता है और प्रिय उससे तभी पूछती है "क्या अभिषेक तुमने अभी तक कुछ सोचा या नहीं की हम कहा जाने वाले है घूमने "
[इस पर अभिषेक बहुत खुश होकर बोलता है ],"हां प्रिय मैंने सारा plan तैयार कर लिया है"
 [प्रिय और अभिषेक के चर्चा का आवरण]:- 
प्रिय:- हां तो अभिषेक जल्दी बताओ क्या है वह plan 
अभिषेक:- अच्छा सुनो हम यहाँ से निकलकर जाएंगे एक exhibition मे 
प्रिय:- exhibition मे पर वहा क्यों ??
अभिषेक:-अरे वहा बड़े बड़े fashion designers आने वाले है तो अगर हम वहा जाएंगे तो हमे कुछ नए ideas मिल सकते है 
प्रिय:- वाह ! अभिषेक बहुत बढ़िया तुम तो बहुत समझदार हो फिर उसके बाद 
अभिषेक:- फिर उसके बाद वहा से निकलकर हम cafe जाएंगे कॉफी पीने ताकि हम वहा शांति से बैठकर अपने project के ideas discuss कर सके और फिर आखिर मे हम एक अच्छी जगह dinner कर मे तुम्हे तुम्हारे घर छोड़ दूंगा। 
प्रिय:- वाह ! अभिषेक मे बहुत खुश हु बहुत माज़ा आएगा घूमने का घूमना हो जाएगा और काम का काम [तो फिर चलो यही plan कल का तय करते है थीक है कल सुबह थीक 8 बजे तुम मुझे लेने आ जाना तो फिर हम दोनों वही से साथ मे निकालेंगे ]  
ऐसा बोलकर प्रिय वहा से चली जाती है।