Shaapit Aaina - 5 Last Part in Hindi Horror Stories by Lokesh Dangi books and stories PDF | शापित आईना - भाग 5 (अंतिम भाग)

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शापित आईना - भाग 5 (अंतिम भाग)



अर्जुन ने महल के भीतर अपने द्वारा की गई खोजों और यात्रा को पूरा कर लिया था। उसके दिल में एक गहरी शांति थी, क्योंकि अब वह जानता था कि उसने न केवल एक प्राचीन शाप को तोड़ा था, बल्कि उसने एक ऐसी शक्ति को नष्ट किया था जो अनगिनत आत्माओं को अपने जाल में फंसा कर रखती थी। महल की रहस्यमय शक्ति अब पूरी तरह से समाप्त हो चुकी थी, और उस पर जमी हुई अंधेरी छाया अब गायब हो चुकी थी।

अर्जुन महल से बाहर आकर एक गहरी साँस ली। उसे महसूस हुआ कि यह यात्रा केवल बाहरी नहीं थी, बल्कि अंदर की एक गहरी खोज भी थी। महल ने उसे न केवल शापित आईने के रहस्य से अवगत कराया, बल्कि उसने अर्जुन को आत्मा, जीवन और मृत्यु के बीच के जटिल रिश्तों को समझने का एक अद्भुत अनुभव दिया था।

वह यह भी जान गया था कि यह शाप केवल एक भूतपूर्व तंत्र का परिणाम नहीं था, बल्कि यह उन शक्तियों का प्रतीक था जो मनुष्य के डर और अज्ञानता के कारण उत्पन्न होती हैं। कालदर्पण ने यह साबित कर दिया था कि किसी भी शक्ति को उसके रहस्यों और अंधेरे में बंद कर दिया जा सकता है, लेकिन जब वह रहस्य खुलता है, तो वह उस शक्ति को समाप्त कर देता है जो उसे नियंत्रित करती है।

अर्जुन ने महल की भूमि को आखिरी बार नज़रें डालीं, और एक अनकही संतुष्टि के साथ वहाँ से कदम बढ़ाया। वह जानता था कि उसकी यात्रा अब समाप्त हो चुकी थी, लेकिन इस यात्रा ने उसे जीवन के उन पहलुओं को समझने का अवसर दिया था, जो शायद सामान्य मनुष्य कभी नहीं समझ पाता।

महल के भीतर अब कोई शापित आत्मा नहीं थी, कोई विकृत शक्ति नहीं थी। सब कुछ शांत था, जैसे समय ने खुद को फिर से ठीक किया हो। अर्जुन ने महल के दरवाजे को बंद किया और एक नई शुरुआत की ओर चल पड़ा। उसकी आँखों में अब केवल एक उद्देश्य था—इस अद्भुत अनुभव और ज्ञान को साझा करना, ताकि लोग उन प्राचीन रहस्यों से बच सकें, जो केवल शाप और पीड़ा की ओर ले जाते थे।

और इस तरह, अर्जुन की यात्रा समाप्त हुई। शापित आईना अब केवल इतिहास का हिस्सा था, एक ऐसी कहानी जो उसके भीतर की खोज और उसकी शक्ति की गवाह थी। महल और उसकी आत्माएँ अब शांति से विश्राम कर रही थीं, और अर्जुन अपने जीवन के नए अध्याय की ओर बढ़ रहा था, एक नई दुनिया के निर्माण के लिए, जहां अज्ञानता और भय का कोई स्थान नहीं होगा।

"नई राहों की ओर"

महल से बाहर निकलते हुए अर्जुन ने आकाश की ओर देखा। सूर्य की किरणें धीरे-धीरे आकाश में फैल रही थीं, और एक नई सुबह का आभास हो रहा था। महल की दीवारें अब शांत थीं, और उसका रहस्य पूरी तरह से उजागर हो चुका था। अर्जुन ने महसूस किया कि उसने अपनी यात्रा को एक तरह से पूर्ण किया था, लेकिन अब उसे यह समझ में आ रहा था कि यह केवल एक छोटी सी शुरुआत थी। उसने जो सीखा था, उसे अब दुनिया तक पहुँचाना था, ताकि कोई और उस अंधेरे में न फंसे जिसमें वह फंसा था।

वह महल से दूर एक छोटे से गांव में पहुँचा, जहां लोग उसे एक नायक की तरह नहीं, बल्कि एक साधारण इंसान की तरह देख रहे थे। यहाँ की ज़िंदगी सरल थी, लेकिन अर्जुन ने महसूस किया कि इस साधारणता में भी गहरे रहस्य छुपे हो सकते हैं। उसने यह भी जाना था कि जीवन के रहस्यों को जानने के लिए, एक इंसान को केवल बाहरी दुनिया में नहीं, बल्कि अपने भीतर भी गहरी खोज करनी होती है।

गांव में लौटने के बाद, अर्जुन ने तय किया कि वह अपनी यात्रा के बारे में और जो कुछ भी उसने महल में देखा और सीखा था, उसे साझा करेगा। लेकिन उसने यह भी समझा कि कुछ चीज़ों को जानने के बाद, आपको खुद को उस ज्ञान के बोझ से मुक्त भी करना होता है, ताकि आप दूसरे लोगों की मदद कर सकें। अर्जुन ने महल के भीतर की उस गहरी शांति और शक्ति को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया और अब वह दुनिया को उस शांति की ओर मार्गदर्शन करना चाहता था, जो उसे मिली थी।

एक दिन, अर्जुन ने गाँव के बुजुर्गों से सुना कि एक और महल, जो महल से बहुत दूर था, वह भी कभी इसी तरह के अंधेरे शाप से ग्रस्त था। लेकिन वह महल अब पूरी तरह से नष्ट हो चुका था। अर्जुन ने महसूस किया कि उसके सामने एक और चुनौती हो सकती है, और हो सकता है कि यह उसे एक नई यात्रा की ओर ले जाए।

महल के रहस्यों को सुलझाने के बाद अर्जुन ने महसूस किया कि उसकी यात्रा अब और भी व्यापक हो गई है। अब वह केवल महलों और शापों तक सीमित नहीं था, बल्कि वह एक नई राह पर चल पड़ा था—एक ऐसी राह जो हर इंसान के भीतर की गहराईयों को छूने वाली थी।

अर्जुन का दिल अब हल्का था, और उसकी आँखों में एक नई उम्मीद का प्रकाश था। उसने तय किया कि वह और अधिक लोगों से मिलकर उनके जीवन में शांति और संतुलन लाने के लिए काम करेगा। वह जानता था कि दुनिया भर में और भी बहुत से लोग हैं, जो उसी तरह के अंधेरे से गुजर रहे हैं, जैसा कि उसने महल में अनुभव किया था।