Shaapit Aaina - 1 in Hindi Horror Stories by Lokesh Dangi books and stories PDF | शापित आईना - भाग 1

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शापित आईना - भाग 1

"महल की गूढ़ छाया"

यह कहानी एक ऐसे महल की है, जो अब खंडहर में तब्दील हो चुका था, लेकिन उसकी दीवारों में छिपे रहस्यों ने उसे अमर बना दिया। यह महल, जो एक समय में भव्य था, एक रहस्य को अपने भीतर समेटे हुए था - कालदर्पण। यह शापित आईना महल के एक कक्ष में रखा हुआ था, जिसे गाँववाले "शापित आईना" के नाम से जानते थे। महल की दीवारों पर खड़ा हुआ यह आईना, अपनी काली और रहस्यमयी सतह के साथ, हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता था, लेकिन कोई भी उस तक जाने की हिम्मत नहीं करता था। गाँववाले मानते थे कि यह आईना किसी बुरी शक्ति का प्रतीक है, और जो भी इसके सामने खड़ा होता, उसकी आत्मा इस काले आईने में समा जाती।

कई सालों तक कोई भी उस आईने को देखने का साहस नहीं करता था, और महल धीरे-धीरे उजाड़ हो गया। लेकिन फिर एक दिन, अर्जुन नामक एक युवा इतिहासकार ने महल और कालदर्पण के बारे में सुना। अर्जुन के लिए यह रहस्य एक चुनौती से कम नहीं था। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जो इतिहास और पुरानी किंवदंतियों में गहरी रुचि रखते थे। उनके मन में यह सवाल था कि क्या यह केवल एक अफवाह है या इसके पीछे कोई वास्तविकता भी है?

अर्जुन ने तय किया कि वह महल का दौरा करेंगे और इस रहस्य का पता लगाएंगे। उन्होंने अपने साथ कुछ आवश्यक सामान लिया और महल की ओर निकल पड़े। जैसे ही वह महल के पास पहुंचे, उन्होंने देखा कि यह जगह वीरान हो चुकी थी। महल की दीवारों पर बेतहाशा काई उगी हुई थी और खिड़कियाँ और दरवाजे टूट चुके थे। फिर भी, अर्जुन की आँखें उस एक कमरे की ओर केंद्रित थीं, जहाँ कालदर्पण रखा था।

वह धीरे-धीरे उस कमरे तक पहुंचे और जैसे ही कमरे के भीतर कदम रखा, उसे एक ठंडी हवा का अहसास हुआ। कमरे में हल्की सी घनी चुप्पी थी, जैसे कुछ भी नहीं बदला था, जैसे समय वहीं ठहर गया हो। और फिर उसकी नजर उस आईने पर पड़ी। काले रंग का विशाल आईना, जिसकी सतह पर जैसे कोई गहरी परछाईं थी, उसे देख कर अर्जुन की धड़कनें तेज हो गईं।

अर्जुन ने डरते हुए आईने के सामने कदम रखा और अपनी छाया देखी। लेकिन जैसे ही उसने अपने प्रतिबिंब को देखा, उसे एहसास हुआ कि वह कुछ सामान्य नहीं था। आईने में उसकी छाया विकृत हो गई थी। उसकी आँखों में एक अजीब सी भयावहता थी, उसका चेहरा काला हो गया था और उसकी छाया के साथ एक रहस्यमय अंधेरा तैर रहा था। उसे यह समझने में देर नहीं लगी कि वह सिर्फ एक आईना नहीं है—यह एक काले तंत्र का हिस्सा है, जो किसी और दुनिया से जुड़ा हुआ है।

उसने जल्दी से पीछे मुड़ने की कोशिश की, लेकिन उसके पैर मानो जकड़ गए थे। उसे महसूस हुआ कि वह किसी शक्ति के असर में आ चुका है। उसे समझ में आया कि कालदर्पण केवल एक आईना नहीं था, यह एक शापित वस्तु थी, जो अपनी तरफ खींचती थी और किसी की आत्मा को अपनी ओर खींचने के लिए बेताब थी। अर्जुन का दिल तेजी से धड़क रहा था, लेकिन उसने स्वयं को संभाला और महल से बाहर निकलने की कोशिश की।

वह महल के बाहर निकला और महसूस किया कि जैसे ही वह आईने से दूर हो रहा था, उसे हलका सा राहत का अनुभव हुआ, लेकिन उसकी आँखों के सामने वह विकृत छाया अब भी घूम रही थी। अर्जुन जानता था कि वह शापित आईने के रहस्य को सुलझाए बिना चैन से नहीं रह सकता था। अब उसका उद्देश्य था—कालदर्पण के इतिहास को जानना और इस शाप को तोड़ना।


आईने का इतिहास और तंत्र"

अर्जुन का मन अब इस रहस्य के पीछे पूरी तरह से बसा हुआ था। वह जानता था कि कालदर्पण सिर्फ एक साधारण आईना नहीं था, बल्कि यह किसी प्राचीन तंत्र का हिस्सा था। उसकी खोज ने उसे पुराने ग्रंथों और तांत्रिकों के कक्षों तक पहुँचाया। एक दिन उसने एक पुराने विद्वान से मुलाकात की, जिसने उसे कालदर्पण के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी।

विद्वान ने बताया कि यह आईना वास्तव में किसी सम्राट के आदेश पर तैयार किया गया था। सम्राट का नाम अब इतिहास में खो गया था, लेकिन उसका उद्देश्य स्पष्ट था: वह समय और सत्ता की अमरता चाहता था। सम्राट ने एक तांत्रिक से मदद ली थी, जो इस तंत्र को साकार करने में सक्षम था। यह तंत्र एक बेहद खतरनाक विधि थी, जिसे साधारण रूप से नहीं किया जा सकता था। तांत्रिक ने सम्राट की इच्छाओं को पूरा करने के लिए कालदर्पण बनाया।

यह आईना एक तरह से आत्मा के परिदृश्य को देखने का माध्यम था, लेकिन इसके प्रभाव के बारे में किसी को भी पता नहीं था। सम्राट की आत्मा को अमर करने के लिए तांत्रिक ने इसे एक शापित तंत्र में बदल दिया। लेकिन तंत्र में कुछ गड़बड़ी हो गई, और इसके कारण तांत्रिक की आत्मा इस आईने में बंध गई। अब, यह आईना न केवल एक तंत्र का हिस्सा था, बल्कि एक कैद स्थान भी बन गया था, जहाँ अनगिनत आत्माएँ फंसी हुई थीं।

इस जानकारी के बाद, अर्जुन को यह समझ में आया कि कालदर्पण को तोड़ने के लिए उसे इस तंत्र की पूरी गहराई को समझना होगा। उसे यह भी समझना था कि इस आईने की शक्ति केवल एक तांत्रिक विधि से खत्म नहीं हो सकती। इसके लिए उसे कुछ ऐसा करना होगा, जो किसी भी अन्य व्यक्ति के लिए संभव नहीं था—उसके सामने अब केवल एक रास्ता था, और वह था इस शापित आईने के तंत्र को नष्ट करना।