शापित आईना "तंत्र और आत्मा की सजा"
अर्जुन ने अब पूरी तरह से तय कर लिया था कि वह कालदर्पण के शाप को तोड़े बिना वापस नहीं लौटेगा। वह जानता था कि यह सिर्फ एक आईना नहीं था, बल्कि एक घातक तंत्र था, जिसमें एक के बाद एक अनेक आत्माएँ फंसी हुई थीं। इतिहास के उस कोने में जाकर उसने और अधिक गहराई से उस तंत्र के बारे में जानने का प्रयास किया। उसे अब यह समझ में आ गया था कि इस शापित आईने की असली शक्ति आत्माओं के बंधन में छिपी हुई थी। और उसे उस बंधन को तोड़ने के लिए तंत्र के जाल को समझना होगा।
अर्जुन ने विद्वान से सीखी गई बातों का पालन करते हुए कई दिन तक पुरानी किताबों और ग्रंथों का अध्ययन किया। वह अब समझ चुका था कि इस आईने को तंत्र द्वारा बनाया गया था, लेकिन यह तंत्र न केवल आत्माओं को पकड़ता था, बल्कि समय और वास्तविकता को भी प्रभावित करता था। इस तंत्र को ठीक से निष्क्रिय करने के लिए उसे उस समय के प्राचीन मंत्रों और साधनाओं को जानना और समझना था, जिनसे यह आईना सक्रिय हुआ था।
कुछ दिनों के बाद, अर्जुन ने एक और अनमोल जानकारी प्राप्त की। यह जानकारी एक पुराने तंत्रज्ञ से मिली, जो अब तक इस आईने के प्रभाव से बचने में सफल रहा था। तंत्रज्ञ ने उसे बताया कि कालदर्पण केवल उन लोगों की आत्माओं को ही नहीं खींचता, जो इसमें अपनी छाया देखते हैं, बल्कि यह आत्माओं को एक दुष्ट रूप में बदलकर उन पर शासन करता है। प्रत्येक आत्मा जो इसमें बंधी होती, वह धीरे-धीरे अपनी इच्छाओं और इच्छाओं के प्रभाव में बदल जाती है, और अंत में यह आईना एक प्रकार का अमरता का स्रोत बन जाता है।
अर्जुन ने उस तंत्रज्ञ से पूछा कि क्या इस शापित आईने को नष्ट करने का कोई उपाय है। तंत्रज्ञ ने गंभीरता से कहा, "तुम जो भी करोगे, उसे समय के पंखों के नीचे छिपा हुआ रहस्य समझने की आवश्यकता है। यह तंत्र शापित है, लेकिन इसके शाप का अंत केवल एक आत्मा का बलिदान कर सकता है।"
अर्जुन को यह सुनकर अचंभा हुआ। क्या वह स्वयं उस बलिदान का हिस्सा बनेगा? क्या उसे अपनी आत्मा का बलिदान करना होगा? वह यह सोचते हुए आगे बढ़ा कि यदि यही अंतिम उपाय था, तो वह इस शाप से मुक्ति पाने के लिए तैयार था।
"बलिदान और नष्ट होती सीमाएँ"
अर्जुन ने अपने भीतर संकल्प लिया कि अब उसे इस शाप को तोड़ने के लिए अपनी जीवन-यात्रा के सबसे कठिन निर्णय का सामना करना होगा। उसे तंत्रज्ञ द्वारा बताई गई जानकारी के आधार पर यह जानने की आवश्यकता थी कि किस प्रकार वह कालदर्पण की शक्तियों को नष्ट कर सकता था।
अर्जुन ने अपने शोध में पाया कि इस आईने के साथ जुड़ा तंत्र कभी एक विशेष पूजा विधि द्वारा सक्रिय किया गया था, जिसे अब कोई नहीं जानता था। लेकिन एक पुराने खंडहर में एक अन्य तंत्रज्ञ का पृष्ठ छोड़ जाने से उसे यह जानकारी मिली कि इस पूजा विधि में एक आत्मा की बलि दी जाती थी, और यह बलि उसी व्यक्ति की होनी चाहिए जो कालदर्पण के सामने खड़ा हुआ हो।
अर्जुन अब यह जान चुका था कि इस आईने का शाप उसी की आत्मा को अपनी पकड़ में ले सकता था, क्योंकि वह इस आईने से जुड़ा हुआ था। लेकिन उसे अब एक और गहरी चुनौती का सामना करना था—क्या वह अपनी आत्मा का बलिदान देगा, या फिर इस शाप को खत्म करने के लिए उसे और रास्ते तलाशने होंगे?
आखिरकार, अर्जुन ने यह निर्णय लिया कि वह इस शाप को तोड़े बिना वापस नहीं जाएगा। उसने खुद को तैयार किया, और महल के भीतर पुनः प्रवेश किया, जहाँ कालदर्पण रखा हुआ था। उसका मन भय से भरा था, लेकिन साथ ही वह तंत्र के इस काले जाल को तोड़ने के लिए दृढ़ संकल्पित था।
वह कमरे में दाखिल हुआ और जैसे ही उसने आईने के सामने खड़ा होकर अपनी छाया देखी, उसे महसूस हुआ कि अब वह किसी अन्य संसार का हिस्सा बन चुका था। उसकी छाया अब उसके नियंत्रण में नहीं थी, बल्कि यह कालदर्पण की जकड़ में थी। लेकिन अर्जुन ने अपनी पूरी शक्ति से आत्मबल का संचार किया, और एक आंतरिक मंत्र का उच्चारण किया।
तंत्र में मौजूद हर शक्ति ने प्रतिरोध किया, लेकिन अर्जुन ने हिम्मत नहीं हारी। उसका मंत्र महल की दीवारों में गूंज उठा, और एक तेज प्रकाश ने पूरे कमरे को अपनी चपेट में ले लिया। कालदर्पण की काली और विकृत सतह अब धीरे-धीरे धुंधली पड़ने लगी, और आईने की शक्ति कमजोर होती चली गई। अर्जुन ने अपनी पूरी ऊर्जा इस शाप को तोड़ने में लगा दी, और अंततः कालदर्पण का असर मिटने लगा।
आईने के सामने खड़ा अर्जुन अब देख सकता था कि उसकी आत्मा ने इस शाप को तोड़ दिया था। महल की दीवारों में एक शांति छा गई, और कालदर्पण अब अपनी शक्तियों को खो चुका था। लेकिन अर्जुन जानता था कि इस शापित महल का रहस्य अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ था। यह एक नई शुरुआत थी, और उसे अब महल के इतिहास के अंतिम रहस्य को जानने के लिए और आगे बढ़ना था।
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अर्जुन की यात्रा और उसके द्वारा किए गए प्रयास ने कालदर्पण के शाप को तोड़ा, लेकिन कहानी में अभी भी कई गहरे रहस्य और अनकहे रहस्यों की परतें छिपी हुई थीं। यह रहस्य और भी गहराई से उजागर होंगे, जब अर्जुन इस शापित आईने के पीछे छुपे अन्य रहस्यों को जानने के लिए और भी कदम बढ़ाएगा।