Ishq da Mara - 73 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 73

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इश्क दा मारा - 73

तभी यूवी पीछे मूड कर देखता है और बोलता है, "भाई आप......

तब यश बोलता है, "हा मैं.... तुम्हे उससे इतनी ज्यादा मोहब्बत हो गई है "।

तब यूवी उसके गले लग जाता है और रोने लगता है और बोलता है, "भाई मैं उससे सच में बहुत प्यार करता हूं और मैं मर जाऊंगा उसके बिना, भाई वो कहा चली गई है और मुझे क्यों नहीं मिल रही है "।

तब यश बोलता है,"तू परेशान मत हो मैं हूं न, मैं ढूंढने में उसे पूरी ताकत लगा दूंगा, बंटी कहा है ?????

तब यूवी बोलता है, "वो भी उसे ढूंढ रहा है"।

तब यश बोलता है, "चल अब बंद कर रोना और चल उसे ढूंढने"।

तभी बंटी की कॉल आती है यूवी के पास "।

उधर गीतिका के घर वाले भी बहुत परेशान होते हैं।

उधर गीतिका रस्सी से बंधी रहती है। और राजीव शराब पीने की वजह से सोया रहता था। अचानक से उसकी उसकी आंख खुल जाती है और वो गीतिका के पास जाता है और बोलता है, "जानेमन भूख लग रही है क्या तुम्हे"।

तब गीतिका बोलती है, "बकवास बंद करो अपनी और हटो मेरे पास से"।

तब राजीव बोलता है, "मगर मुझे तो बहुत भूख लग रही है "।

तब गीतिका बोलती है, "हा तो जाओ खाओ जो खाना है मुझे क्यों बोल रहे हो"।

तब राजीव बोलता है, "क्योंकि मुझे तुम्हे खाना है जानेमन "।

गीतिका बोलती है, "बकवास बंद करो अपनी और हटो मेरे पास से"।

उसके बाद राजीव गीतिका की रस्सी खोलने लगता है तभी गीतिका डर जाती है और बोलती है, "तुम ये रस्सी क्यों खोल रहे हो "।

तब राजीव बोलता है, "अभी तो बोला कि मुझे भूख लगी है और मुझे तुम्हे खाना है" 

तब गीतिका बोलती है, "देखो मेरे पास मत आओ और हट जाओ मेरे पास से "।

तभी राजीव रस्सी खोल देता है। रस्सी खोलते ही गीतिका वहां से भाग जाती है और दरवाजा खोलने लगती है मगर दरवाजा नहीं खुलता है।

तभी राजीव हंसने लगता है और बोलता है, "अरे पागल लड़की दरवाजा बाहर से लॉक है और अब ये नहीं खुलेगा तो फिर क्यों इतनी मेहनत कर रही हों, देखो सीधे तरीके से मेरे पास आ जाओ, क्योंकि तुम्हारे पास कोई ऑप्शन ही नहीं है "।

तभी गीतिका जोर जोर से दरवाजा पीटने लगती है और चिल्लाती है, "यूवी आप कहा है यूवी मुझे आपकी जरूरत है, यूवी आ जाइए न अपनी गीतिका के पास "।

तभी राजीव हंसने लगता है और बोलता है, "ओह पागल लड़की इस जंगल में तुम्हारी आवाज सुनने वाला कोई भी नहीं है, अगर कोई तुम्हारी आवाज सुन सकता है तो वो में हु, तो आओ मेरे पास और बताओ क्या कहना है तुम्हे "।

तब गीतिका रोते हुए बोलती थी, "राजीव प्लीज मुझे छोड़ दो और मुझे जाने दो, मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूं "।

तभी राजीव उसके पास आता है और बोलता है, "अरे अपने हाथों को इतनी तकलीफ मत दो, और मेरे पास आओ जानेमन "।

तभी गीतिका वहां से हट जाती है।

राजीव के हाथों में शराब की बोतल होती है और वो शराब पी रहा होता है और बोलता है, "लगता है तुम्हे भी इसे पीना पड़ेगा तभी तुम मेरे पास आओगी "।

तब गीतिका बोलती है, "देखो राजीव मेरे पास मत आना और इस शराब की बोतल को मुझ से दूर रखो "।

तब राजीव बोलता है, "अब ना ही तो ये शराब की बोतल तुम से दूर होगी और न ही मैं "।

तभी राजीव गीतिका के पास जाता है और उसे शराब पिलाने लगता है तभी गीतिका अपना मुंह बंद कर लेती है और राजीव को धक्का देने लगती है राजीव वहां से नहीं हटता है और वो गीतिका के साथ जबरदस्ती करने लगता है तभी शराब  गीतिका के ऊपर गिर जाती है और राजीव गीतिका को देखने लगता है और बोलता है, "अब तुम्हे खाने में और मजा आएगा जानेमन"।

गीतिका के कपड़े पर पूरी शराब गिर जाती है। तभी राजीव गीतिका के पास जाता है और अचानक से उसका दुपट्टा उतार देता है जिससे कि गीतिका घबरा जाती है और राजीव को धक्का देने लगती है जिससे कि राजीव को गुस्सा आ जाता है और वो गीतिका को खींच कर थप्पड़ मार देता है जिससे कि गीतिका जमीन पर गिर जाती है...........