सुबह का समय,
राणा जिम का बेसमेंट,
सिद्धांत और राहुल बातें करते हुए उन सीढियों पर पहुंच चुके थे जहां से सिद्धांत वहां आया था ।
सिद्धांत ने साइड में लगा एक बटन दबा दिया जिससे वो टाइल फिर से अपनी जगह से हट गया और वो बाहर आ गया लेकिन राहुल उसके साथ नहीं आया । वो दूसरे रास्ते से आने वाला था ।
सिद्धांत जैसे ही स्टोर रूम से बाहर आया, उसके सामने वो चेहरा था जिसे देख कर ही सिद्धांत चिढ़ उठता था । जी हां, इस वक्त निशा उसके सामने एक चेयर पर बैठी हुई थी ।
उसने नीले रंग की ट्रैक पैंट के साथ सफेद रंग जा टॉप पहना हुआ था । वो वहां बैठ कर अपना फोन चला रही थी ।
सिद्धांत ने इसी बात का फायदा उठा कर वहां से निकलना चाहा लेकिन उसका बैड लक, निशा ने उसे देख लिया । सिद्धांत उसके पास से ही गुजर रहा था ।
निशा ने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया । सिद्धांत के कदम जहां के तहां रुक गए । उसके मन में राहुल के शब्द गूंज रहे थे । उसने कस कर अपनी आँखें बंद कर लीं लेकिन वो पलटा नहीं ।
ये देख कर निशा ने कहा, " सर्वांश ! "
सिद्धांत ने अपनी आँखें खोल दीं लेकिन वो निशा की ओर पलटा नहीं ।
उसने सीधे राहुल के केबिन की ओर इशारा करके कहा, " ऑनर का केबिन वो है । आपको जो भी बात करनी है, वहां जाकर कीजिए । "
निशा ने बहुत ही मीठी आवाज में कहा, " सर्वांश, मेरी ओर देखो तो सही ! "
सिद्धांत ने रूखेपन से कहा, " देख कर क्या करना है ! "
इस बार निशा ने थोड़ी चिढ़न के साथ कहा, " मुझे ऑनर से नहीं, कोच से मिलना है । "
सिद्धांत ने वहां से निकलने के लिए कहा, " अभी हमारी छुट्टियां चल रही हैं इसलिए फिलहाल हम यहां पर कोच होने के नाते नहीं आए हैं । "
निशा ने भी कहा, " मैं भी इसलिए यहां नहीं आई हूं कि मुझे ट्रेनिंग से रिलेटेड कुछ बात करनी है । "
फिर उसने दुबारा बहुत ही मीठी आवाज में कहा, " मुझे तुमसे बात करनी है । "
सिद्धांत ने उसी तरह से कहा, " क्यों ? हमसे क्या बात करनी है आपको ? "
निशा ने कहा, " ऐसे बताऊं ! "
सिद्धांत ने एक गहरी सांस ली और फिर उसकी ओर पलट कर कहा, " पहले हमारा हाथ छोड़िए । "
निशा ने नीचे देखा तो उसने अभी भी सिद्धांत का हाथ पकड़ रखा था । उसने तुरंत उसका हाथ छोड़ दिया और दो कदम पीछे हो गई ।
उसने पीछे हटते हुए ही कहा, " ओह, आई एम सो सॉरी ! "
लेकिन सिद्धांत ने तुरंत कहा, " बोलिए, क्या बात करनी है आपको ? "
निशा ने हिचकते हुए कहा, " क्या मैं तुमसे एक हेल्प ले सकती हूं ? "
सिद्धांत ने अपने हाथ बांध कर कहा, " अब क्या हेल्प चाहिए आपको ! "
निशा ने एक ही सांस में कहा, " बी माय बॉयफ्रेंड । "
ये सुन कर सिद्धांत को झटका सा लगा । उसने शॉक के साथ कहा, " व्हाट ! "
निशा ने कहा, " प्लीज ! "
सिद्धांत ने थोड़े तेज आवाज में कहा, " ये क्या बकवास कर रही हैं आप ! "
निशा ने कहा, " सर्वांश, एक बार मेरी बात सुन लो । "
सिद्धांत ने एकदम से कहा, " हमें कुछ नहीं सुनना है । "
इतना बोल कर वो फिर से मुड़ कर बाहर जाने लगा लेकिन निशा ने फिर से उसका हाथ पकड़ लिया ।
सिद्धांत ने उसकी ओर देख कर कहा, " मैम, प्लीज लीव माय हैंड । "
इस बार निशा ने एटीट्यूड के साथ कहा, " ओह, सो यू वाना प्ले ऑफिशियली । "
फिर उसने थोड़े गुस्से में कहा, " ठीक है, अब मैं तुमसे ऑफिशियली ही बात ही करूंगी । "
सिद्धांत ने बेफिक्री से कहा, " डू व्हाटएवर यू वांट बट स्टे अवे फ्रॉम मी ( आपको जो करना है वो कीजिए लेकिन हमसे दूर रहिए ) ।
इतने में राहुल भी वहां पहुंच गया । उसे देख कर सिद्धांत ने कहा, " ब्रो, प्लीज डील विथ हर । "
इतना बोल कर सिद्धांत ने निशा का हाथ झटक दिया और आगे बढ़ गया । ये देख कर निशा ने अपने दांत पीस लिये और अपना पैर जोर से जमीन पर दे मारा ।
वहीं सिद्धांत को बाहर आता देख कर वहां के सारे लोग उसका हाल चाल पूछने के लिए उसके पास पहुंच गए । वहीं यश अपने फोन में उसकी फोटोज खींचने लगा ।
जब से सिद्धांत अंदर गया था तब से वो एकटक उस दरवाजे को ही देखे जा रहा था और अब जब उसे मौका मिला था सिद्धांत की फोटोज लेने का, तो उसने उसे तुरंत कैच कर लिया लेकिन जैसे ही सिद्धांत उस भीड़ से बाहर आया उसने तुरंत अपना फोन पॉकेट में डाल लिया ।
सिद्धांत ने उसके पास आकर कहा, " चलें ! "
यश ने भी उठते हुए कहा, " चलो ! "
फिर वो दोनों बाहर निकल गए । सिद्धांत ने चलते हुए ही कहा, " तो क्या क्या किया, महाशय ने ! "
यश ने बिना किसी भाव के कहा, " करेंगे क्या, बुक्स पढ़ रहे थे । "
सिद्धांत ने नासमझी से कहा, " बुक्स ! "
यश ने जल्दी से बहाना बना कर कहा, " वो, हमने फोन में पी डी एफ डाउनलोड किया हुआ है । "
सिद्धांत ने कहा, " ओह, आई सी ! वैसे कौन सी बुक्स पढ़ रहे थे तुम ? "
यश ने कहा, " वो, केमिस्ट्री की । "
सिद्धांत ने कहा, " वाउ, गुड चॉइस । "
यश ने कहा, " थैंक यू । "
बातों बातों में यश को पता ही नहीं चला कि सिद्धांत उसे पार्किंग एरिया में ले आया था । उसने आस पास देखा तो वो दोनों बाइक्स के पास खड़े थे ।
वहीं सिद्धांत जाकर सीधे एक बाइक में चाभी लगा कर उसकी पिछली सीट पर बैठ गया ।
यश नासमझी से उसे देखने लगा तो सिद्धांत ने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " क्या, बाइक तुम्हीं चलाओगे न ! "
यश ने उसके पास जाकर बाइक को देखते हुए कहा, " ये बाइक किसकी है ? "
सिद्धांत ने लापरवाही से कहा, " जिसकी भी है, तुम्हें चलाने से मतलब होना चाहिए । "
यश ने फौरन कहा, " नहीं, जब तक हमें पता नहीं चलता कि ये किसकी है तब तक हम ये बाइक नहीं चलाएंगे । "
सिद्धांत ने मुंह बना कर कहा, " क्या यार तुम भी, चलो न ! "
यश ने भी अपने हाथ बांध कर कहा, " हमने कहा न, नहीं । "
सिद्धांत ने चिढ़ कर कहा, " ठीक है । "
फिर उसने दूसरी ओर इशारा किया जहां पर वही लड़का खड़ा था जिसने बेसमेंट में सिद्धांत की तारीफ की थी ।
सिद्धांत ने उसकी ओर इशारा करके कहा, " उधर, वो बंदा दिख रहा है न ! "
यश ने उस लड़के को देख कर कहा, " हां ! "
सिद्धांत ने फिर से यश को ओर देख कर कहा, " उसी की है । "
यश ने नासमझी से कहा, " पर उसने तुम्हें क्यों दी है ? "
सिद्धांत ने अपने कंधे उठा कर कहा, " अब दे दी, तो दे दी इतनी बहस क्यों कर रहे हो ! "
इतने में उस लड़के की नजर उन दोनों पर पड़ गई । उसने सिद्धांत के पास आकर कहा, " क्या हुआ ब्रो, कोई प्रॉब्लम है क्या इस बाइक में ? "
सिद्धांत ने कहा, " नहीं यार, बाइक में कोई प्रॉब्लम नहीं है लेकिन दीदी ने हमें बाइक चलाने के लिए मना किया है । "
उस लड़के ने नासमझी से कहा, " पर आप क्यों चलाएंगे ! आपने तो कहा था कि आपके साथ कोई आया है और वो बाइक चलाएगा ।
सिद्धांत ने अपनी नजरें उस लड़के की ओर किए हुए ही कहा, " हां, कोई हमारी दीदी से कह कर आया था कि वो हमारा ख्याल रखेगा लेकिन उसे देख कर लगता नहीं है कि उसका मूड है अपनी जुबान रखने का । "
यश ने मुंह बना कर कहा, " बस - बस ! हमें यकीन हो गया कि ये बाइक इसी की है । "
सिद्धांत ने खुद में ही कहा, " चलो, किसी पर तो यकीन किया तुमने । "
यश ने उसकी ओर देख कर कहा, " क्या कहा तुमने ! "
सिद्धांत ने तुरंत कहा, " कुछ नहीं, हम क्या कहेंगे ! "
यश ने कुछ नहीं कहा । वो चुपचाप बाइक पर बैठा और उसे स्टार्ट कर लिया ।
सिद्धांत ने उसके कंधे पर हाथ रख कर कहा, " तुम्हें बाइक चलानी आती है न ! "
यश ने उसके मजे लेने के लिए कहा, " शायद ना आती हो । तुम्हें डर लग रहा है तो हमें पकड़ सकते हो । "
सिद्धांत ने चिढ़ कर उसके कंधे पर हल्के से एक चपत लगा दी । ये देख कर यश हंस पड़ा और हंसते हुए ही उसने बाइक आगे बढ़ा दी । वो जैसे ही रोड पर आया उसने बाइक को इधर उधर घुमाना शुरू कर दिया ।
एक दो बार तो सिद्धांत को लगा कि उन दोनों का एक्सीडेंट होना तो पक्का है लेकिन यश ने बाइक आराम से निकाल ली लेकिन अब सिद्धांत को गुस्सा आ रहा था । वो समझ गया था कि यश ये सब जान बूझ कर उसे चिढ़ाने के लिए कर रहा है ।
उसने कहा, " क्या यार, कैसे चला रहे हो ! "
यश ने फिर उसे चिढ़ाने के लिए कहा, " इतना ही डर लग रहा है तो पकड़ लो न ! "
सिद्धांत ने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " ओह तो ये बात है, तो चलो पकड़ ही लेते हैं ।
इतना बोल के उसने अपने हाथ यश के पेट के इर्द गिर्द लपेट लिये । ये देख कर यश के होठों पर मुस्कान आ गई लेकिन अगले ही पल सिद्धांत ने उसके पेट पर अपनी उंगलियां घुमानी शुरू कर दीं और ऐसा होते ही यश की हालत खराब होने लगी ।
उसने उछलते हुए कहा, " सिड, क्या कर रहे हो ! हमें गुदगुदी हो रही है । "
सिद्धांत उसे और जोर से गुदगुदी करने लगा । वो दोनों इसी तरह से हँसी मजाक करते हुए आगे बढ़ रहे थे कि इतने में सिद्धांत की नजर रास्ते पर पड़ी जो उसके घर की ओर नहीं जा रहा था ।
उसने यश से सवाल करते हुए कहा, " ये कहां चल रहे हो तुम ? "
यश ने आराम से कहा, " पहुंचने पर खुद ही पता चल जाएगा । "
सिद्धांत ने सीरियस होकर कहा, " यश, सीधे - सीधे बताओ कि तुम हमें कहां ले चल रहे हो ? "
यश ने कहा, " देखो, इस वक्त घर तो तुम जाते नहीं हो और वैसे भी जिम में तुम सिर्फ आधे घंटे के लिए ही रुके हुए थे । "
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निशा सिद्धांत को अपना ब्वॉयफ्रेंड क्यों बनाना चाह रही थी ?
क्या होगा सिद्धांत के इस रिजेक्शन का अंजाम ?
अब क्या करेगी निशा ?
इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए,
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लेखक : देव श्रीवास्तव