Beyond Words : A Love Born in Silence - 25 in Hindi Fiction Stories by Dev Srivastava Divyam books and stories PDF | बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 25

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बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 25










   सुबह का समय,

   राणा जिम का बेसमेंट,

   सिद्धांत ने उस गुंडे की उंगली काट दी और उस गुंडे की चीख उस पूरे कमरे में गूंज उठी ।

   सिद्धांत ने उस कटी हुई ऊंगली को एक पैकेट में रखते हुए बिल्कुल आराम से कहा, " अब क्या कर सकते हैं , अब तो ये कट गई । "

   फिर उसने उस गुंडे की ओर देख कर कहा, " सॉरी, माय बैड ! "

   फिर उसने उस पैकेट को अपने हाथ में लिए हुए ही अपने हाथों को पीछे किया और अपने ग्लव्स उतारते हुए आराम से चारो ओर घूम कर उन गुंडों को देखने लगा ।

   एक राउंड लगा लेने के बाद उसने वहां खड़े लड़कों की ओर देख कर कहा, " गुड जॉब ! "

  उन सभी लड़कों ने अपना सिर हल्के से झुका दिया तो सिद्धांत ने वो पैकेट उनकी ओर बढ़ाते हुए कहा, " तुम लोग जानते हो कि इसे कहां पहुंचाना है । "

   उन सबने एक साथ कहा, " यस, सर ! "

   सिद्धांत ने कहा, " वेरी गुड ! "

   फिर उसने राहुल की ओर देख कर कहा, " लेट्स गो, ब्रो ! "

   इसी के साथ वो दोनों आगे बढ़ गए लेकिन बाहर निकलने से ठीक पहले ही सिद्धांत ने अपना हाथ ऊपर कर दिया जिसे देख कर राहुल की आँखें बड़ी हो गईं ।

   उसने तेज आवाज में चीखते हुए कहा, " नहीं सिड ! "

   लेकिन उसके कहते में ही सिद्धांत ने वहां पर लटकी हुई रस्सी को पकड़ कर नीचे खींच दिया और इसी एक साथ उनके पीछे से चीखने की आवाजें आने लगीं क्योंकि जैसे ही सिद्धांत ने वो रस्सी खींची वैसे ही उन गुंडों पर नमक और मिर्च की बारिश होने लगी थी । 

   उन्हें वैसे ही चीखता हुआ छोड़ कर सिद्धांत राहुल का हाथ पकड़े हुए कमरे से बाहर निकल गया ।

   राहुल अभी भी उसे घूरे जा रहा था तो सिद्धांत ने चलते हुए ही कहा, " आपके घूरने से हम भस्म नहीं हो जाएंगे इसलिए हमें घूरना बंद करिए । "

   राहुल ने चिढ़ कर कहा, " तुम कभी सुधर नहीं सकते हो न ! 

   सिद्धांत ने बेफिक्री के साथ कहा, " बार बार एक ही सवाल पूछ पूछ कर आप नहीं पकते होंगे लेकिन हम एक ही जवाब दे देकर पक चुके हैं इसलिए कुछ और पूछा कीजिए । "

   ये सुन कर राहुल ने उसके पेट में घाव वाली जगह पकड़ ली तो सिद्धांत के कदम जहां के तहां रुक गए ।

   ये सुन कर राहुल ने उसके पेट में घाव वाली जगह पकड़ ली तो सिद्धांत के कदम जहां के तहां रुक गए ।

   उसकी हल्की सी चीख निकल गई और वो अपना पेट पकड़ कर वहीं अपने घुटनों के बल बैठ गया । उसकी गर्दन झुकी हुई थी और आँखें बंद थीं । ये देख कर राहुल ने तुरंत अपना हाथ पीछे खींच लिया । 

   उसने सिद्धांत के कंधे पर हाथ रख कर कहा, " क्या हुआ सिड ? जोर से लग गई क्या ! "

   लेकिन सिद्धांत ने कुछ नहीं कहा । वो उसी तरह बैठा रहा । उसे ऐसे देख कर राहुल को टेंशन होने लगी ।

   उसने सिद्धांत के कंधे पकड़ कर हिलाते हुए कहा, " सिड, सिड ! आई एम सॉरी । प्लीज से समथिंग ! सिड, सिड ! "

   ये सब बोलते हुए उसकी आँखें में डर साफ नजर आ रहा था । वो भी अपना सिर झुका कर घुटनों के बल बैठ गया कि इतने में सिद्धांत के हंसने की आवाज उसके कानों में पड़ी ।

   उसने अपनी गर्दन उठा कर देखा तो सिद्धांत अपना पेट पकड़ कर जोर जोर से हंसे जा रहा था ।

   ये देख कर राहुल कन्फ्यूज हो गया तो सिद्धांत ने कहा, " क्या ब्रो, आप इस फील्ड में कैसे आ गए ! आपको तो कोई भी बेवकूफ बना लेगा । "

   राहुल ने नाराजगी के साथ कहा, " तुम बहुत कमीने हो । जा, मुझे तुम से बात ही नहीं करनी है । " 

   इतना बोल कर राहुल उठ कर आगे बढ़ गया तो सिद्धांत ने पीछे से ही चिल्ला कर कहा, " अरे, हम मजाक कर रहे थे, ब्रो !

   लेकिन राहुल ने उसकी बातों को पूरी तरह से नजरंदाज कर दिया । सिद्धांत ने जल्दी से उसके पास जाकर कहा, " अच्छा बाबा, सॉरी ! "

   फिर भी राहुल नहीं माना तो सिद्धांत ने उसके कंधे पकड़ कर तेज से कहा, " सॉरी ब्रो ! "

   उसकी हरकतें देख कर ना चाहते हुए भी राहुल के होठों पर मुस्कान आ गई । उसने सिद्धांत के हाथों को हटाते हुए कहा, " चलो - चलो, अब ज्यादा मस्का मारने की जरूरत नहीं है । "

   सिद्धांत ने कहा, " तो अब तो आप हमसे नाराज नहीं हैं न ! "

   राहुल ने उसकी ओर देख कर कहा, " तुम जानते हो कि मैं तुम से ज्यादा समय तक नाराज नहीं रह सकता हूं, फिर भी नौटंकी करते हो । "

   सिद्धांत ने हंस कर कहा, " हमें मजा आता है । "

   राहुल ने मुंह बना कर कहा, " तुम्हारे मजे को तो ऐसी की तैसी ! "

   फिर उसने कहा, " वैसे, अब तुम्हारी चोट का क्या हाल है ? "

   सिद्धांत उसके सवाल का जवाब देने के बजाय उसे अजीब तरीके से देखने लगा तो राहुल ने कहा, " क्या हुआ ? तुम मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो ? "

   सिद्धांत ने कहा, " देख रहे हैं कि आज कुछ ज्यादा ही फिक्र नहीं हो रही है आपको हमारी ! "

   राहुल ने कहा, " फ़िक्र की बात नहीं है । बात ये है कि तुम पूरे के पूरे साइकोपैथ हो, मतलब क्या जरूरत थी इतना बड़ा रिस्क लेने की ! "

   सिद्धांत ने अंजान बनते हुए कहा, " कैसा रिस्क ? "

   राहुल ने उसका गला अपनी बाजुओं में फंसा कर कहा, " मैंने देखा कि कैसे तुमने जान बूझ कर वो चाकू अपने पेट में लगने दिया । "

   सिद्धांत ने अपनी गर्दन अलग करके कहा, " वो जरूरी था ब्रो और उसी का नतीजा है कि ये चूहे अपने बिल से बाहर आए हैं । "

   राहुल ने कहा, " वो तो ठीक है पर ये जो तुमने सिर पर लगा लिया है, उसका क्या ! अगर कुछ मिनट्स की भी देर हो जाती तो पता नहीं क्या होता । "

   सिद्धांत ने कहा, " हुआ तो नहीं न और वो रॉड का वार, वो तो हमने भी एक्सपेक्ट नहीं किया था । हमारा पूरा ध्यान तो निशा में था । बस उसी में ये सब हो गया । "

   इससे पहले कि वो आगे कुछ बोलता, राहुल ने कहा, " एक मिनट ! "

   सिद्धांत ने उसकी ओर देख कर अपनी भौंहें उठा कर कहा, " क्या हुआ ? "

   राहुल ने कहा, " तेरा ध्यान निशा में था का क्या मतलब है ? कहीं तेरा इंटरेस्ट लड़कियों में तो नहीं आ रहा है न ! "

   सिद्धांत ने कहा, " ब्रो, कैसी बातें कर रहे हैं । आप जानते हैं कि हम एसेक्सुअल हैं और रही बात निशा की तो उस दिन के बाद से हम खुद ही उससे दूर रहते हैं । "

   राहुल ने कहा, " दूर रहो वही अच्छा है तुम्हारे लिए और हां इस सबमें ये मत भूल जाना कि तुम असल में कौन हो और क्या हो । "

   सिद्धांत ने तुरंत कहा, " कभी नहीं ब्रो ! "

   फिर उसने एक गहरी सांस लेकर कहा, " हमारी जिंदगी ही हमें बार बार ये याद दिलाती है कि हम कौन हैं और ये बात हम चाह कर भी कभी नहीं भूल सकते हैं और रही बात निशा से दूर रहने की तो हमारे मन में ऐसा कुछ है ही नहीं ।

   हमने तो उस दिन भी यही सोचा था कि उसे शांत करके भेज देंगे और फिर वहीं पर बेहोश होने का नाटक करेंगे लेकिन पता नहीं कैसे हमने उस कमीने को इतना धीरे मारा कि वो उठने के लायक रह गया । "

   राहुल ने तुरंत कहा, " अच्छा हुआ कि तुमने उसे उस वक्त नहीं मारा था वरना तुम्हारा सच सबके सामने आने में वक्त नहीं लगता । "

   सिद्धांत ने नासमझी से कहा, " क्या मतलब ? "

   राहुल ने कहा, " वो भी अपने बिल से निकल चुका है । "

   सिद्धांत ने अविश्वास से कहा, " सच में ! "

   राहुल ने कहा, " हां ! "

   सिद्धांत ने कहा, " पर कैसे ? "

   राहुल ने एक फोटो, जो उन्हीं गुंडों में से किसी की थी, सिद्धांत के सामने करके कहा, " ये और कोई नहीं उसका सगा छोटा भाई है । "

   सिद्धांत ने शॉक के साथ कहा, " क्या ! "

   राहुल ने कहा, " हां ! "

   सिद्धांत ने कहा, " ये बात हमसे छिपी कैसे रह गई ? "

   राहुल ने कहा, " इसलिए क्योंकि उस वक्त तुम अपने एग्जाम्स में बिजी थे और उनके पीछे किसी और को जाना पड़ा था । "

   उसकी बात पूरी करते हुए सिद्धांत ने कहा, " और उससे ये इनफॉर्मेशन छूट गई । "

   राहुल ने कहा, " हां ! "

   सिद्धांत ने कहा, " मतलब कि उसने अपने भाई को दुनिया से छिपा कर रखा है । "

   राहुल ने कहा, " हां, और इस हद तक छिपाया है कि उन दोनों की एक साथ कोई फोटो तक नहीं है । "

   सिद्धांत के होठों पर एक तिरछी मुस्कान आ गई । उसने कहा, " हम्म ! इसका मतलब ये है कि अब मुर्गे को फंसाने के लिए हमारे पास एक नहीं, दो चूजे हैं । "

   राहुल ने कहा, " हां ! "

   सिद्धांत ने सीढियां चढ़ते हुए कहा, " तो दूसरा चूजा पकड़ा गया या नहीं । "

   राहुल ने मुस्करा कर कहा, " ही इज कमिंग सून । " इस वक्त उन दोनों की ही मुस्कान भयानक लग रही थी ।

   सिद्धांत ने कहा, " ग्रेट ! "

   फिर उसने राहुल की ओर देख कर कहा, " वैसे आपको ये बातें पहले बतानी चाहिए थीं । "

   राहुल ने सवाल करते हुए कहा, " कौन सी बातें ! "

   सिद्धत ने कहा, " पहला तो ये कि उस दिन जो लड़की किडनैप होने वाली थी वो MLA की बेटी थी । "

   राहुल ने कहा, " और दूसरा ! "

   सिद्धांत ने कहा, " दूसरा यही कि ये उसका भाई है । "

   राहुल ने मुंह बना कर कहा, " हां, हां, क्यों नहीं बतानी चाहिए थी ! बिल्कुल बतानी चाहिए थी । ताकि तुम उसका मर्डर कर डालो, नहीं ! "

   सिद्धांत ने मुंह बना कर कहा, " क्या ब्रो ! "

   लेकिन इससे पहले कि वो और कुछ कहता राहुल ने कहा, " बस - बस ! अब ये सब छोड़ और चल, जल्दी से वापस चलते हैं, वरना यश को कहीं शक न हो जाए । "

   अब तक वो दोनों उन सीढियों पर पहुंच चुके थे जहां से सिद्धांत वहां आया था । 

   सिद्धांत ने कहा, " हम्म ! " 

   इतना बोल कर सिद्धांत ने साइड में लगा एक बटन दबा दिया जिससे वो टाइल फिर से अपनी जगह से हट गया और वो बाहर आ गया लेकिन राहुल उसके साथ नहीं आया । वो दूसरे रास्ते से आने वाला था ।

   


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   क्या था सिद्धांत का असली रूप, असली चेहरा ?

   राहुल उसका साथ क्यों दे रहा था ?

   क्या था डॉक्टर एस का राज ?

   इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए,

   बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस 

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                                         लेखक : देव श्रीवास्तव