"वैष्णवी, क्या तुम सचमुच मुझसे तलाक लेने को तैयार हो?"
आपको पता होना चाहिए कि उस समय, तुमने घुटनों के बल बैठकर ओल्ड मास्टर से अपनी शादी की भीख मांगी थी।
और आज तुम्हारी हिम्मत इतनी बढ़ गयी की तुमने मुझे नाली का कीडा कहा....
"वैष्णवी, बेहतर होगा कि तुम वही करो जो तुम कह रही हो। अगर तुम मुझसे झूठ बोल रही हो, तो मैं तुम्हें जान से मार दूँगा!"
उसके शब्दो से ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे वैष्णवी कितनी बड़ी पापी हो।
यदि यह अतीत वाली वैष्णवी होती, तो शायद इस समय उसका दिल टूट गया होता, लेकिन वर्तमान वैष्णवी के चेहरे पर दुःख का कोई निशान नहीं था।
उसे तो बस इस शरीर की पुरानी मालिक पर तरस आ रहा था।
उसे समझ नही आ रहा था, की कोई लड़की ऐसे इंसान से प्यार कैसे कर सकती है।
"वैष्णवी!"
इस समय,मेघना मेहरा की आवाज़ अचानक आई।
उसकी आवाज़ उदार और नाजुक लग रही थी। अगर उसे यह नहीं पता होता, तो वह सोचती कि वह कितनी दयालु है:
"वैष्णवी, मुझे और अधिक दोषी महसूस मत करवाओ।
"अगर मेरी वजह से तुम्हारा तलाक हो गया, तो ओल्ड मास्टर मुझसे पहले से भी ज्यादा नफरत करने लगेंगे..."
मेघना जानती थी अगर ऐसा हुआ तो उसकी कुलकर्णी परिवार में शादी करने और कुलकर्णी परिवार की सारी संपत्ति हड़पने की उसकी योजना बर्बाद हो जाएगी!
ये सुनकर देवेश के भी फेस एक्सप्रेशन बदल गए ।
वह अभी क्रोध से इतना अधिक व्याकुल था कि वह लगभग भूल ही गया था कि उसकी विरासत अभी भी उस ओल्ड मास्टर के हाथों में है। अगर ओल्ड मास्टर को पता चलता है कि वह और वैष्णवी तलाकशुदा हैं, तो वह नाखुश हो सकते है, तो वह उससे कुलकर्णी ग्रुप के CEO की कुर्सी भी वापस ले सकते हैं।
उसने सोचा...माँ ने सही कहा, की वह सचमुच खलनायिका है!
देवेश ने खुद को शांत करने के लिए अपने आप को मजबूर किया और तुरंत अपनी पिछली उदासीन अवस्था में लौट आया।
यह सोचकर कि तीन दिन बाद, ओल्ड मास्टर का जन्मदिन है, और उसके बाद कुलकर्णी परिवार की विरासत उसे ट्रांसफर कर दी जायेगी।
तभी वह कुलकर्णी परिवार से इस कचरे को पूरी तरह से बाहर निकालेगा।
"वैष्णवी, बेहतर होगा कि तुम मेरे साथ चालें न खेलो!
"तीन दिन बाद, ओल्ड मास्टर का 80वाँ जन्मदिन होगा। अपनी पत्नी की भूमिका को आज्ञाकारी ढंग से निभाना, और याद रखना। डिनर समाप्त करने के बाद तुम मुझे तलाक दे दोगी!"
"और हा, डिनर पार्टी में कुछ गलत करने की कोशिश मत करना। "
"नहीं तो, आप मेरे कुरुर तरीके जानती हैं!"
तलाक की बात फाइनल करने के बाद, वैष्णवी, कुलकर्णी परिवार के विला से बाहर आयी, और अंधेरे रास्तो पर चलने लगी।
कुलकर्णी परिवार का ये विला एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है, शहरी क्षेत्र से बहुत दूर, क्योंकि आस-पास कोई लोग नहीं रहते हैं। वह लगभग 30 मिनट तक चलती रही।
आसमान में लटके पूर्ण चंद्रमा को देखकर वैष्णवी की आँखें डूब गईं।
अपनी मौत को याद करते हुए उसकी आँखे खून की तरह लाल हो गयी।
मौत की रानी (वैष्णवी) ने चंद्रमा को देखते हुए कसम खाई.... ब्लैक पैंथर जिस दिन में शक्तिशाली बन जाऊंगी... उस दिन में तुमसे अपने हर साथी के खून की एक एक बूँद का बदला लुंगी।
और तुम्हारे खून से मौत की होली खेलूंगी।
अंधेरे को चिरती हुई सड़क पर एक बेहतरीन लग्जरी रोल्स रॉयस कार बढ़ रही थी।
कार की पिछली सीट पर एक 24 साल का सुंदर आदमी बैठा हुआ था, जिसने साफ सफेद शर्ट पहने हुई थी, जो उसके दुबले-पतले शरीर पर जंच रही थी।
एक बहुत ही सुंदर चेहरा जो एक पल में किसी की भी लड़की को अपनी ओर आकर्षित कर ले। अपनी आँखों को बंद करके बैठा हुआ था, और वह इतना शांत दिख रहा था, की उसका ड्राइवर विक्रम पटेल जो ड्राइविंग सीट पर बैठा हुआ था, जोर से सांस लेने की भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।
एक लंबे समय के बाद गरिमा और शांति के साथ, उस व्यक्ति के होंठ हिले, "ओल्ड मास्टर कुलकर्णी की जन्मदिन की पार्टी कब है?"
विक्रम ने उत्तर दिया, "यंग मास्टर, यह तीन दिन बाद होनी चाहिए।"
एक बार जब उस आदमी की चुंबकीय और मधुर आवाज बंद हो गई, तो वह अवाक रह गया।
विक्रम ने तुरंत राहत की सांस ली। जैसे ही उसने अपना ध्यान वापस रास्ते पर केंद्रित किया, उसने अचानक कार की हाई लाइट के माध्यम से रास्ते के बीच में एक महिला को खड़ा देखा।
विक्रम इतना डर गया कि वह खुद को रोक नहीं सका। और उसने जल्दी से इमरजेंसी ब्रेक लगा दिये।
अचानक कार रुक गयी, और कार का अगला हिस्सा केवल 0.5 सेंटीमीटर दूर था, और वह महिला को टक्कर मारने ही वाला था।
उसने अपने सामने खड़ी महिला को देखा जो अब भी बिल्कुल शांत लग रही थी, ऐसा बिल्कुल नही लग रहा था, जैसे उसने जीवन और मौत का अनुभव किया हो।
इसके बजाय, यह स्वयं विक्रम ही था, जो इतना भयभीत था कि उसके माथे के कोने से पसीना निकल रहा था।
"टक.. टक... टक"
जल्द ही, कार की खिड़की पर दस्तक हुई, और विक्रम ने कार की खिड़की को थोड़ा सा नीचे कर दिया, और उसने वैष्णवी का ठंडा और आकर्षक चेहरा देखा। जिसका दूसरा हाथ कार की छत पर रखा हुआ था।
इत्मीनान और आलसी लहजे में उसने अपनी भौहें उठाईं और पीछे की सीट पर बैठे यंग मास्टर से पूछा..."सुन्दर आदमी, क्या आपको मुझे शांति मार्ग तक लिफ्ट देना सुविधजनक होगा?"
वैष्णवी ने अभी-अभी पूछना समाप्त किया था, लेकिन विक्रम को बोलने का समय नहीं मिला था।
ये सुनने के बाद, यंग मास्टर ने पहले ही उसका अनुरोध अस्वीकार कर दिया था।
"असुविधाजनक।"स्वर ठंडा था, और बातचीत की और कोई गुंजाइश नहीं थी।
यहां तक कि विक्रम को भी यह स्वीकार करना पड़ा कि उसका मास्टर वास्तव में सुंदरता और सौन्दर्य की परवाह करने वाला चरित्र नहीं है।
इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इतने वर्षों से कोई भी महिला उनकी नजरों में नहीं आ सकी है।
कार की खिड़की के बाहर.....कार की पिछली सीट से आती पुरुष की आवाज़ सुनकर वैष्णवी की आँखें सिकुड़ गईं।
वैष्णवी ने दिलचस्पी से अपने लाल होंठ ऊपर उठाए। उसे उम्मीद नही थी, की इस छोटे से शहर में उसे इतना पॉवरफुल व्यक्ति दिखेगा।
"माफ करना, मिस, हमारे लिए आपको गाड़ी से ले जाना सुविधाजनक नहीं है। विक्रम ने कहा...
उसने बस इंजन को पुनः चालू किया और गाड़ी चलाने ही वाला था।
"बूम!"
इस समय, रौनक ओबेरॉय, जो कार की सीट के पीछे था, केवल कार की छत के ऊपरी हिस्से को महसूस कर सकता था। क्योंकि उसे कार की छत पर किसी के होने का अहसास हुआ,
क्योंकि फोर्स के कारण कार की छत नीचे को दब चुकी थी।
इससे पहले कि वे दोनों कुछ प्रतिक्रिया कर पाते, उन्हें समझ आया कि क्या हो रहा है।
तभी उन्होंने वैष्णवी की धीमी और आलसी आवाज़ कार की छत से आती सुनी।
"ठीक है, कोई बात नहीं।
"चूंकि यह आपके लिए असुविधाजनक है, इसलिए मैं इस कार की छत पर ही बैठ जाऊँगी।
रौनक ओबेरॉय ने मुस्कुराते हुए कहा...कोई बात नहीं, चलो गाड़ी चलाओ।" वो सचमुच एक दिलचस्प महिला है।
ये सुनने के बाद विक्रम का रंग अचानक पीला पड़ गया...क्योंकि ये पहली बार था, जब उसके यंग मास्टर ने किसी महिला को दिलचस्प कहा था।
वैसे तो यंग मास्टर के व्यक्तित्व के अनुसार....उन्हें छत पर बैठी महिला को पकड़कर कूड़े की तरह सड़क के किनारे पर फेंक देना चाहिए था?
विक्रम ने मन ही मन सोचा....मुझे अभी भी याद है कि एक महिला थी, जिसे यंग मास्टर ने उसके कपड़ों के कोने के पास आने मात्र से ही घसीट कर बाहर निकाल दिया था, और उसे दस जंगली कुत्तों के सामने फिकवा दिया था, जो तीन दिन और तीन रातों से भूखे थे!
और यह औरत तो यंग मास्टर के ऊपर चढ़ गई है, फिर भी यंग मास्टर को इसकी परवाह नहीं है?
आखिरकार, वह उसके यंग मास्टर है, इसलिए विक्रम वही करता है, जो यंग मास्टर रौनक चाहते है।
वैष्णवी ने कार की छत पर आराम कर रही थी, और कार अंततः शहर के शांति मार्ग पर जाकर रुक गई।
इस समय, वैष्णवी ने अपनी आधी बंद आँखें खोलीं, और वह कार की छत से कूद गयी।
तभी उसकी नज़र रौनक ओबेरॉय पर पड़ी जो कार से उतरा था।
वैष्णवी ने उसके चेहरे को ध्यान से देखा?
बहुत सुन्दर, रहस्यमयी व्यक्ति। यहां तक कि उन वर्षों में भी जब वह अपने पिछले जीवन में एक एजेंट थी, और वैष्णवी जो सुंदर पुरुषो को देखने की आदी थी, वह भी अपनी गहरी निगाहें सिकोड़े बिना नहीं रह सकी।
त्वचा बहुत गोरी है, और रंग बहुत पीला है।
वैष्णवी ने उसे ध्यान से देखा और अफसोस से अपना सिर हिलाया।
उसकी हर हरकत रौनक ओबेरॉय की आँखों में गहराई से अंकित हो गई...
"तुम औरत, तुम अभी तक क्यों नहीं गयी?"
विक्रम कार से बाहर निकला तो उसने देखा कि वैष्णवी न केवल यंग मास्टर को घूरकर देख रही है, बल्कि उसके चेहरे पर अफसोस भरा भाव था और वह अपना सिर भी हिला रही है।
वैष्णवी ने मुस्कुराते हुए अपने लंबे काले बालों को संवारा और रौनक को को ऊपर से नीचे देखते हुए कहा....
"मुझे इँहा तक लाने के लिए, मैं तुम्हें एक रहस्य बताती हूँ।
"तुम्हारा चेहरा पीला पड़ गया है, और तुम्हारे शरीर में खून की बहुत कमी हो गई है। और कुछ समय पहले ही तुम घातक रूप से घायल हुए होंगे?"
"चोट अभी तक ठीक नहीं हुई है, और तुम कुछ ही समय में मर जाओगे!"
तो क्या हुआ होगा आगे, जानने के लिए पढ़ते रहिये इस मजेदार कहानी को ....
Next Part में आप पढ़ेंगे वैष्णवी ने अपनी सौतेली बहन की पिटाई करी।।
तब तक के लिए.... Bye...