कुलकर्णी मेंशन में,
वैष्णवी तुम उस तरह की लड़की हो, जो अपना पति होने के बाबजूद भी भी दूसरे मर्दो को आकर्षित करती हो... तुम सिर्फ इसलिए सजती-संवरती हो क्योंकि तुम पुरुषो को रिझा सको... और आज तो तुम्हारी हिम्मत इतनी बढ़ गयी की तुमने हमारे ही घर में किसी के साथ इश्क फरमाने की कोशिश की।
ये कहते हुए वैष्णवी की सास सुमित्रा कुलकर्णी ने वैष्णवी को पिटना शुरू कर दिया।
सुमित्रा कुलकर्णी ने वैष्णवी को उसके बालों से पकड़कर बेडसाइड टेबल पर उसके सिर को पटक दिया।
वैष्णवी के सिर से खून बहने लगता है, पर उसकी सास सुमित्रा पर कोई असर नही पड़ता है, पर वो अब भी उसे किसी वेरहम औरत की तरह उसे पिट रही है। मैं आज तुम्हें मार डालूँगी!
वैष्णवी लाचारी के साथ अपने पति देवेश कुलकर्णी को देखने लगती है, पर देवेश उसे नज़र अंदाज करके अपनी गर्लफ्रेंड मेघना मेहरा को देखेंने लगता है।
वो मेघना से बचपन से ही प्यार करता था, और अब कुछ समय पहले ही मेघना विदेश से अपनी पढाई पूरी करके इंडिया लौटी थी।
देवेश ने अपनी पत्नी को पिटवाने के लिए ये खेल रचा था, आज उसकी कंपनी कुलकर्णी ग्रुप के एक एजेंट को अपने घर लाया था, और उस एजेंट ने वैष्णवी के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की।
पर कुछ ही देर बाद वँहा उसकी सास सुमित्रा और मेघना पहुँच गये और उसकी सास सुमित्रा उसे खींचकर कमरे में ले आयी। और उसकी पिटाई करना शुरू कर दिया।
ये पहली बार नही था, जब वैष्णवी के साथ ये सलूक किया जा रहा था..... पर वैष्णवी ने कभी भी इन लोगो के सामने ऊँची आवाज़ में बात नही की वो अपनी पति देवेश से बहुत प्यार करती थी।
अब वैष्णवी की हालत खराब होने लगी थी... उसके होंठों की साइड से खून बह रहा था, और उसका चेहरा भी पिला पड़ने लगा था।
मेघना इस सीन का भरपूर मज़ा ले रही थी, वो वैष्णवी से नफरत करती थी। क्योंकि उसे लगता था, की वैष्णवी ने उसके देवेश को उससे छीन लिया है, अगर वो नही होती तो वो देवेश के साथ एक अच्छी ज़िंदगी की शुरुआत कर चुकी होती।
सुमित्रा को वैष्णवी पर कोई दया नही आयी और उन्होंने वैष्णवी का गला पकड़ लिया और उसे मजबूती के साथ दवाने लगी। वैष्णवी की सास रुकने लगी थी, और अब उसके जीने की इच्छा भी खत्म हो चुकी थी। तभी सुमित्रा उसे दीवार की ओर फ़ेक देती है।
वैष्णवी किसी कटी हुई पतंग की तरह गिर पड़ती है, अब धीरे-धीरे उसकी चेतना लुप्त होने लगी थी। और वो शांत हो जाती है।
"तू रंडी, मरने का नाटक क्यों कर रही है? मेरे लिए उठ!" सुमित्रा ने वैष्णवी को लात मारते हुए कहा....
सुमित्रा आगे बढ़कर वैष्णवी को बालों से फिर से पकड़ने ही वाली थी, तभी एक दुबला पतला हाथ आगे बढ़ा और उसने सुमित्रा का गला पकड़ लिया।
अब तक जो लड़की एक लाश की तरह पड़ी हुई थी, अचानक उसने अपनी आँखें खोल दी ।
जैसे ही उसे धीरे-धीरे होश आया उसने एक महिला को देखा जो उसे पिट रही थी, उसने उस महिला का गला पकड़ते हुए ही अपनी लाल आँखों से घूरते हुए पूछा तुम कौन हो?
बोलते समय उसने कमरे में चारों ओर देखा.... इस अनजाने कमरे में उसे एक सुंदर युवक और एक सुंदर महिला खड़े हुए दिखाई दिये जिन्होंने एक दूसरे के हाथों को पकड़ रखा था।
वो दोनों उसे हैरानी के साथ देख रहे थे, क्योंकि आज तक जिस लड़की ने ऊँची आवाज़ में बात तक करने की कोशिश नही की थी, आज उसने किसी का गला पकड़ रखा था।
मौत की रानी एक महिला विशेष एजेंट जो किसी भी कठोर वातावरण में पूरी तरह से ढल सकती थी, वह भी आश्चर्य के साथ आँखे छोड़ी करके आईने में अपने स्वरूप को देख रही थी...
यह चेहरा जो बहुत मासूम और बहुत कोमल था.... स्वभाविक रूप से उसका नही था।
उसका ये नया रूप बहुत ही आकर्षक था, एक परफेक्ट फिगर और कमजोर शरीर उसके सबसे शक्तिशाली एजेंट मौत की रानी के रूप से बिल्कुल अगल था।
उसने सोचा क्या ये मेरा इस बॉडी में पुनर्जन्म हो सकता है। तभी उसकी आँखों के सामने कुछ सीन चलने लगे.... ये इस शरीर के पुराने मालिक की यादे थी।
जब उसने सुमित्रा की ओर देखा जो उसके हाथो से छूटने की कोशिश कर रही थी... तो उसका चेहरा गुस्से से भर गया और उसने सुमित्रा को दूर फेक दिया। जाहिर है, ये उसकी भावना नही थी... बल्कि इस शरीर के मूल मालिक की भावनाये थी। जिसके दिल में इन लोगों के लिए पूरी तरह से नफरत भर चुकी थी।
बल इतना अधिक था कि सुमित्रा दूर जाकर गिरती है, उसने अपने दर्द को नजरअंदाज करते हुए, अविश्वास से वैष्णवी को देखा।
सावित्री यह कल्पना भी नहीं कर सकती थीं कि उनकी बहू, जो हमेशा से डरपोक थी और खुद को परेशान होने देती थी, वास्तव में जवाबी हमला करेगी!
वैष्णवी ने अपने शरीर को एक दुख के साथ देखा उसे उम्मीद नही थी, की ये शरीर इतना कमजोर होगा। उसने सोचा...इस शरीर के लिए उसे कठोर शारीरिक प्रशिक्षण से गुजरना पड़ेगा।
जमीन पर पड़ी सावित्री को देखकर वैष्णवी ने केवल उसकी ओर एक क्षण भर देखा और कहा, "चली जाओ!"
यह एक शब्द था, लेकिन इससे वहां उपस्थित सभी लोग अचंभित रह गए, मानो उन्होंने कुछ गलत सुन लिया हो।
वैष्णवी ने उन सभी को डरा दिया था! क्योंकि ये शब्द एक दबंगई से भरा हुआ था।
देवेश को यकीन नही हो रहा था, की वैष्णवी इतना बदल सकती है, भले ही पहले उसे कोई कितना भी चिल्लाए और उसे डांटे, लेकिन बेकार वैष्णवी ने कभी भी विरोध करने की हिम्मत नहीं की।
लेकिन अब, उसने जवाबी हमला बोला दिया।
देवेश के पतले होंठ अनायास ही तिरस्कार और घृणा से मुड़ गए।"तमाशा करना बंद करो! तुम जैसी दुष्ट औरत, भले ही तुम रोओ और हंगामा करो, मैं तुम्हारी तरफ देखूंगा भी नहीं!"
अगर तुम सोचती है, की इस तरह से मै तुम्हारे करीब आ जाऊँगा, तो ये तुम्हारी गलत फहमी है, अगर तुमने ये तमाशा करना बंद नही किया..... तो मैं तुम्हें तलाक दे दूँगा।
देवेश को विश्वास नहीं था कि यह महिला वास्तव में बदल गयी है। उसने सोचा की उसका ध्यान आकर्षित करने के लिए उउसने अवश्य ही कुछ उपाय अपनाए होंगे।
देवेश को पता था,की वो जब भी तलाक का जिक्र करता था, तो वह बुरी तरह डर जाती थी, और उसका चेहरा पीला पड़ जाता।
वह अपने घुटनों के बल बैठकर माफ़ी भी माँगती थी, और उससे तलाक न देने की भीख मांगती थी। वह कुछ भी करने को तैयार थी, बशर्ते कि उनका तलाक न हो।
देवेश को पुरा यकीन था, की आज भी कुछ ऐसा ही होने वाला है...
पर तभी वैष्णवी की ठंडी आवाज़ सुनाई दी... सपने देखते रहो!.... "तो चलो तलाक ले लेते हैं! तुम, नाली के कीड़े, मेरे लायक नहीं हो!"
"तुम कमीने और ये घटिया औरत एकदम सही जोड़ी हो और तुम दोनों को एक साथ ही मरना चाहिए!"
वैष्णवी के शब्द देवेश के दिमाग में फट पड़े, जिससे उसे अपने कानों पर विश्वास ही नहीं हुआ!
तो क्या हुआ, आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए इस कहानी को।
अगले भाग में आप पढ़ेंगे.... मौत की रानी और अंडरवर्ल्ड डॉन की मुलाकात।।