एपिसोड 34: समीरा का नया सफर
न्याय मिलने के बाद
विजय और सलोनी की गिरफ्तारी के बाद समीरा को पहली बार सुकून महसूस हुआ। वह अब अपने अतीत के अंधकार से निकलकर एक नई जिंदगी की ओर बढ़ना चाहती थी।
"अब क्या करने का सोच रही हो?" आर्यन ने पूछा।
समीरा ने गहरी सांस ली, "मुझे नहीं पता, लेकिन अब मैं सिर्फ अपने लिए जीना चाहती हूँ।"
"तुमने बहुत कुछ सहा है, समीरा। अब तुम्हें अपनी खुशी की तलाश करनी चाहिए," आर्यन ने मुस्कुराते हुए कहा।
नई शुरुआत की तैयारी
समीरा ने फैसला किया कि वह अपने शहर से दूर किसी नई जगह जाकर जिंदगी को नए सिरे से शुरू करेगी। उसने एक छोटी-सी कंपनी में जॉब के लिए अप्लाई किया और कुछ ही दिनों में उसे एक नई नौकरी मिल गई।
यह एक मीडिया हाउस था, जहाँ उसे लेखन का काम करना था। यह काम उसके दिल के बेहद करीब था, क्योंकि बचपन से ही उसे लिखने का शौक था।
"अब मैं अपनी जिंदगी को अपने तरीके से जिऊँगी," समीरा ने खुद से कहा।
आर्यन का साथ
आर्यन ने भी समीरा के इस फैसले में पूरा साथ दिया।
"अगर तुम्हें कभी मेरी जरूरत पड़े, तो मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ," आर्यन ने कहा।
"धन्यवाद, आर्यन। तुम्हारे बिना मैं शायद इतनी हिम्मत नहीं कर पाती," समीरा ने भावुक होकर कहा।
"अब यह मत कहना कि तुम्हें किसी की जरूरत नहीं है। कभी-कभी सहारा लेना भी जरूरी होता है," आर्यन ने मुस्कुराते हुए कहा।
नई जगह, नई चुनौतियाँ
समीरा ने अपने नए शहर में कदम रखा। यह जगह उसके लिए बिल्कुल नई थी, लेकिन वह इस बदलाव के लिए तैयार थी।
पहले दिन जब वह अपनी नई नौकरी पर गई, तो उसे महसूस हुआ कि यहाँ सबकुछ अलग है। लोग पेशेवर थे, और उसे अपने काम से खुद को साबित करना था।
"समीरा, तुम्हारा पहला असाइनमेंट है एक स्पेशल रिपोर्ट लिखना," उसके बॉस ने कहा।
"मैं पूरी कोशिश करूँगी," समीरा ने आत्मविश्वास से कहा।
पुराने जख्मों का दर्द
हालाँकि समीरा ने अपनी जिंदगी को बदलने का फैसला कर लिया था, लेकिन उसके अतीत के घाव अब भी हरे थे।
रात के समय, जब वह अकेली होती, तो पुरानी यादें उसे परेशान करने लगतीं।
"क्या मैं सच में आगे बढ़ पाऊँगी?" उसने खुद से पूछा।
लेकिन हर बार वह खुद को संभालती और कहती, "मुझे कमजोर नहीं पड़ना है। मैं अपनी जिंदगी को फिर से संवार सकती हूँ।"
आर्यन की चिंता
आर्यन अब भी समीरा के संपर्क में था।
"कैसी हो?" उसने एक दिन फोन पर पूछा।
"अच्छी हूँ," समीरा ने जवाब दिया, लेकिन उसकी आवाज में हल्का-सा दर्द था।
"सच बताओ, समीरा। तुम अब भी खुद को अकेला महसूस कर रही हो, है ना?"
समीरा कुछ देर तक चुप रही, फिर बोली, "हाँ, लेकिन मैं कोशिश कर रही हूँ।"
"अगर कभी जरूरत हो, तो बता देना। मैं आ जाऊँगा," आर्यन ने भरोसा दिलाया।
एक नई दोस्ती
अपने ऑफिस में, समीरा की मुलाकात एक नई दोस्त, नेहा से हुई।
"तुम नई हो ना?" नेहा ने मुस्कुराते हुए पूछा।
"हाँ, मैं यहाँ हाल ही में आई हूँ," समीरा ने जवाब दिया।
"मुझे भी यहाँ आए हुए ज्यादा वक्त नहीं हुआ। अगर तुम्हें किसी चीज़ में मदद चाहिए, तो बेझिझक मुझसे कह सकती हो," नेहा ने कहा।
समीरा को खुशी हुई कि कम से कम अब उसकी जिंदगी में कोई नया दोस्त आ रहा था।
पहली सफलता
समीरा ने जो रिपोर्ट लिखी थी, वह बॉस को बहुत पसंद आई।
"तुम्हारा काम बहुत अच्छा है, समीरा। हम तुम्हें आगे और बड़ी जिम्मेदारियाँ देना चाहेंगे," बॉस ने कहा।
यह सुनकर समीरा का आत्मविश्वास बढ़ गया।
"शायद अब मेरी जिंदगी सही दिशा में बढ़ रही है," उसने खुद से कहा।
अतीत से सामना
सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन अचानक एक दिन उसे एक अनजान नंबर से फोन आया।
"समीरा, तुम्हें लगा कि तुम मुझसे बच जाओगी?" फोन पर विजय की आवाज थी।
समीरा का दिल जोर से धड़कने लगा।
"तुम जेल में हो, विजय!" उसने गुस्से से कहा।
"हाँ, लेकिन मैं हमेशा के लिए यहाँ नहीं रहने वाला। और जब मैं बाहर आऊँगा, तो तुम्हें तुम्हारी इस नई जिंदगी से निकाल दूँगा," विजय की आवाज में गुस्सा था।
समीरा ने बिना कुछ कहे फोन काट दिया। लेकिन अब उसका दिल तेजी से धड़क रहा था।
"क्या वह सच में बाहर आ सकता है?"
उसने तुरंत आर्यन को फोन किया।
"आर्यन, विजय ने मुझे कॉल किया।"
"क्या? लेकिन वह तो जेल में है!"
"उसने कहा कि वह बाहर आ जाएगा और मेरी जिंदगी बर्बाद कर देगा।"
"घबराओ मत, मैं कुछ करता हूँ," आर्यन ने उसे भरोसा दिलाया।
आगे की तैयारी
अब समीरा को समझ आ गया था कि भले ही वह नई जिंदगी की ओर बढ़ रही थी, लेकिन उसका अतीत अभी भी उसका पीछा नहीं छोड़ रहा था।
"मुझे अब और मजबूत बनना होगा। मैं अपनी जिंदगी को फिर से किसी के हाथों में नहीं जाने दूँगी," उसने ठान लिया।
वह जानती थी कि अभी उसकी लड़ाई खत्म नहीं हुई थी। विजय और सलोनी जैसे लोग हमेशा उसका रास्ता रोकने की कोशिश करेंगे। लेकिन इस बार, वह खुद को कमजोर नहीं पड़ने देगी।
(जारी...)