एपिसोड 32: विश्वासघात की कगार पर
एक नया खेल शुरू
समीरा अब धीरे-धीरे अपनी जिंदगी को संभाल रही थी। नई नौकरी, नए दोस्त, और आर्यन का साथ – सबकुछ अब सही लगने लगा था। लेकिन वह इस बात से अनजान थी कि उसके आसपास एक और साजिश बुन रही थी।
विजय ने अपनी चालाकी से समीरा का भरोसा जीतना शुरू कर दिया था। उसने हर मौके पर यह साबित करने की कोशिश की कि वह उसका सच्चा दोस्त है, जो उसे हर मुश्किल से बचाएगा।
"तुम्हें पता है, समीरा? तुम्हारे साथ जो कुछ भी हुआ, वह बहुत गलत था। लेकिन अब तुम्हें अपने अतीत को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना चाहिए," विजय ने कहा।
समीरा उसकी बातों में आ चुकी थी। उसे लगा कि विजय सही कह रहा है।
लेकिन आर्यन को विजय पर अब भी शक था।
आर्यन का जासूसी मिशन
आर्यन जानता था कि अगर वह सीधे विजय पर आरोप लगाएगा, तो समीरा नहीं मानेगी। इसलिए उसने विजय की हरकतों पर नजर रखना शुरू कर दिया।
एक दिन, जब विजय कैफे में बैठा था, आर्यन ने उसे दूर से देखा। विजय फोन पर किसी से बात कर रहा था और उसके चेहरे पर एक शातिर मुस्कान थी।
"हाँ, सब कुछ प्लान के मुताबिक चल रहा है। समीरा अब पूरी तरह मुझ पर भरोसा करने लगी है।"
आर्यन का शक सही साबित हो गया। उसने तुरंत अपने दोस्त योगेश से कहा, "हमें विजय के खिलाफ सबूत चाहिए। हमें यह साबित करना होगा कि वह सलोनी के इशारों पर चल रहा है।"
साजिश का पर्दाफाश
आर्यन और योगेश ने विजय का पीछा किया। वे उसे एक अज्ञात जगह जाते हुए देख रहे थे।
"यह वही जगह है जहाँ सलोनी के कुछ पुराने साथी मिला करते थे," योगेश ने कहा।
वे चुपचाप अंदर गए और जो देखा, वह चौंकाने वाला था। विजय वहाँ सलोनी से मिला था।
"बहुत जल्द समीरा पूरी तरह से मेरी मुट्ठी में होगी। और जब वह पूरी तरह मुझ पर निर्भर हो जाएगी, तो हम उसे पूरी तरह से बर्बाद कर देंगे," विजय ने कहा।
आर्यन ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया।
समीरा को सच्चाई बताने का वक्त
आर्यन जानता था कि उसे जल्द ही समीरा को सच्चाई बतानी होगी। वह अगले ही दिन समीरा से मिला।
"समीरा, मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है," आर्यन ने गंभीर स्वर में कहा।
"क्या हुआ, आर्यन?"
"विजय तुम्हारा दोस्त नहीं है। वह सलोनी का आदमी है, जो तुम्हें बर्बाद करने आया है," आर्यन ने अपना फोन निकाला और विजय और सलोनी की बातचीत का वीडियो दिखाया।
समीरा के हाथ काँपने लगे।
"यह... यह सच नहीं हो सकता," उसकी आँखों में आँसू आ गए।
"लेकिन यही सच है।"
टूटते रिश्ते और नया फैसला
समीरा को यकीन ही नहीं हो रहा था कि विजय, जिसे वह अपना अच्छा दोस्त समझ रही थी, वही उसे धोखा दे रहा था।
"मैंने फिर से गलत इंसान पर भरोसा कर लिया?" समीरा की आवाज़ काँप रही थी।
"अब भी वक्त है, समीरा। तुम इस खेल को खत्म कर सकती हो," आर्यन ने उसे सहारा दिया।
समीरा ने फैसला कर लिया कि अब वह किसी के हाथों की कठपुतली नहीं बनेगी।
लेकिन क्या विजय इतनी आसानी से हार मान लेगा?
( आगे क्या होगा जानने लिए पढ़ते रहे बेवफा. सीरीज...)