Anokha Vivah - 22 in Hindi Love Stories by Gauri books and stories PDF | अनोखा विवाह - 22

The Author
Featured Books
Categories
Share

अनोखा विवाह - 22

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि अखण्ड प्रताप, अनिकेत से सुहानी को उसके मायके ले जाने की बात करते हैं लेकिन अनिकेत के बार बार मना करने के बाद भी उसे अत में हां करनी पड़ती है उसके बाद अनिकेत अपने दादू ( अखण्ड प्रताप) के कमरे में उनसे बात करने के लिए जाता है और थोड़ी ही देर में वो विदाउट इमोशन्स के साथ कमरे से बाहर आता है ,,,,,,,,,


अब आगे .....


अनिकेत अपने दादू के कमरे निकलकर सीधा अपने कमरे की ओर बढ़ जाता है वहां उसे चुपचाप बेड पर बैठी सुहानी नजर आती है उसे देखते ही अनिकेत के मन में वो सारी बातें आने लगती हैं जो अभी दो मिनट पहले दादू ने उससे कही थीं ...


फ़्लैश बैक 


अनिकेत अपने दादू  के कमरे में जाता है वहां पर एक नौकर अखण्ड प्रताप को ऑफिस के लिए तैयार होने में मदद कर रहा होता है तभी अनिकेत उससे कहता है," तुम जाओ मैं दादू की हेल्प कर दूंगा " अनिकेत के इतना कहते ही नौकर कमरे से बाहर चला जाता है जैसे ही नौकर बाहर जाता है अनिकेत तुरन्त जाकर दरवाजा बंद कर लेता है फिर बहुत ही गुस्से में बोलना शुरू करता है


"दादू अब प्लीज़ बस करिए ये खेल,  मैं अब एक और  घण्टा भी उस लड़की के साथ नहीं रह सकता वो धोखेबाज लड़की है उसने जिस तरह से मुझसे शादी की उसके बावजूद मैने बहुत एडजस्ट करने की कोशिश की लेकिन वो लड़की बार बार मुझे सबके सामने शर्मिंदा कर देती है उसे कुछ नहीं आता है दादू और मैंने ऐसी लाइफ पार्टनर कभी सपने में भी नहीं सोची थी जिसे हर वक्त मुझे प्रोटेक्ट करना पड़े, और पत्नी तो वो होती है ना जो पति का ख्याल रखें उसकी केयर करे उसे अपने हाथों से खाना बना कर दे उसके हर दुख हर सुख में साथ दे पर यहां पर तो सब उल्टा है दादू मैं उसके लिए किचेन में जाकर चाय बनाता हूं तो कभी कॉफी , और कल तो हद ही हो गई आपको पता है उसे हॉट वाटर बैग का यूज कैसे करना है ये भी मैंने उसे सिखाया है कल मुझसे अब झेला नहीं जाता दादू प्लीज़ मैं चाहता हूं कि आज मैं उसे छोड़ कर आऊं तो दोबारा वो इस घर में ना आए , मैं एक ऐसी लड़की से शादी करना चाहता हूं जिसका कद भले ही मेरे बराबर ना हो पर वो जब भी चले तो लगे कि ये अनिकेत प्रताप सिंह की पत्नी है । "


ये सारी बातें अनिकेत , अखण्ड प्रताप की ओर पीठ करके बोल रहा था जैसे ही वो मुड़ा वैसे ही उसने अपने दादू को अपनी ओर बहुत ही शांत तरीके से देखता पाया तभी वो फिर उनसे पूछता है," क्या हुआ दादू आप मुझे ऐसे क्यों देख रहे हैं आपको मेरी बात समझ आ गई है ना मुझे पता था कि आप मेरी बात जरूर समझेंगे, थैंक्यू दादू थैंक्यू हो मच 


अखण्ड प्रताप - "बेटे आपकी उम्र क्या है " अनिकेत इस प्रश्न पर असमंजस से दादू को देखते हुए कहता है , बाइस साल,,,,,,,,,,,बाइस साल और आपकी पत्नी की ," सत्रह साल, आपकी शादी को अभी तीन से चार दिन ही हुए होंगे और आपने ये भी तय कर लिया कि वो लड़की आपके लिए ठीक नहीं है आपकी पत्नी बनने लायक नहीं है क्या आपने उससे पूछा कि आप उसके पति बनने लायक हैं या नहीं, अब आप मुझे ऐसे मत देखिए कि पता नहीं मैंने क्या कह दिया क्यों आपको कहीं ऐसा तो नहीं लगता कि आपको कोई लड़की मना कर ही नहीं सकती क्यों कि आप तो अनिकेत प्रताप सिंह हैं, आपको शायद पता नहीं है कि अगर आपकी पत्नी से पूछा जाए कि वो आपके साथ रहना चाहती है या नहीं तो वो‌ शायद कुछ ना कह पाए जानते हैं क्यों , क्योंकि उसे अपने मां पापा का ख्याल है वरना अगर उससे ये कह दिया जाए कि आपके मां पापा कुछ नहीं कहेगे आप अपना फैसला बताइये तो वो आप जैसे हजारों लड़कों को रिजेक्ट कर सकती है इसलिए नहीं कि उसके लिए आप लायक हो या नहीं बल्कि इसलिए क्योंकि उसे अभी पता ही नहीं कि लायक होना कहते किसे हैं आपको पता है सुहानी एक ऐसी लड़की है जिसकी मासूमियत किसी को भी अपना बना ले और उस लड़की ने अपनी इस मासूमियत तेरे दादू को अपना दादू बना लिया है और क्या कहा आपने धोखेबाज


बेटा आपके दादू ने दुनिया देखी है आपकी पत्नी ने आपसे धोखे से शादी नहीं की बल्कि उसे मजबूर किया गया आपसे शादी करने के लिए आपको क्या लगता है कि अखण्ड प्रताप के पोते के साथ जिस लड़की ने शादी करने से इंकार किया है उसे हम ऐसे ही जाने देंगे आपकी पत्नी की बड़ी बहन आपकी इस पूरी कहानी की विलेन है और आपकी पत्नी इस कहानी की हिरोइन,,,,,,,,, अनिकेत अपने दादू को नासमझी के साथ देखता है तब अखण्ड प्रताप बताना शुरू करते हैं," आपको पता है जिस दिन आपकी शादी थी उस दिन आपकी दुल्हन की जगह उसकी छोटी बहन कैसे बैठ गई आपने कभी जानने की कोशिश नहीं की और आपकी पत्नी जो वाकई बहुत ही मासूम है उसने आपको कुछ बताया नहीं क्यों कि वो तो बस इस पूरी कहानी में एक गुनहगार बनकर रह गई है


पूछिए अपनी पत्नी से कि क्या हुआ था उस दिन क्यों वो चुपचाप अपनी बड़ी बहन के दुल्हन के कपड़ों में बैठ गई अपने ही होने वाले जीजा को अपना पति कैसे बना लिया आपने कभी जानने की कोशिश नहीं की , अफसोस है मुझे कि मैंने जिस पोते को अपना पूरा अम्पायर सौंप देने का ऐलान कर दिया है उसने अपनी पत्नी के साथ हुए अन्याय की जानकारी तक नहीं निकलवाई , और बरखुद्दार ये जरूरी नहीं होता कि पत्नी ही हमेशा पति का ख्याल रखें पत्नी ही पति के लिए किचेन में जाकर पकवान तैयार करे और पत्नी ही हमेशा पति के नीचे रखें बल्कि पति का कर्तव्य होता है कि अपनी पत्नी को पैरों की जूती नहीं सिर का ताज बनाए ऐसा ताज कि अगर उस ताज को कभी अकेले कहीं छोड़ना पड़े तो भी लोग उसे तुम्हारे सिर पर सजने वाले ताज के नाम से पहचाने जाइये और पूछिए कि क्यों उस दिन शादी में अपनी बड़ी बहन की जगह आकर खुद बैठ गई और अगर वो ना बताए तो उन्हें हमारे पास लेकर आइयेगा लेकिन बेहतर होगा कि आपको अपनी ही पत्नी से किसी बात को जानने के लिए किसी तीसरे की जरूरत ना पड़े अब जाइये और फिर फैसला कीजिए कि आपको क्या करना है ।


फ़्लैश बैक एन्ड 


अनिकेत अपने कमरे में इन्तजार कर रहा था कि कैसे सुहानी से उस बात को पूछे ........प्लीज कमेंट एंड फ़ॉलो 


आखिर क्यों सुहानी ने अनिकेत से शादी के लिए की थी हां, क्या वो बताएगी अपने पति को कि क्या मजबूरी थी उसकी जो उसने उससे धोखे से शादी करनी पड़ी देखते हैं नेक्स्ट पार्ट में............


❤️ आप हमेशा मुस्कुराते रहिए ❤️ और पढ़ते रहिए बा

ल विवाह 💞💞